Mutual Fund: 10 साल के लिए ₹10 लाख निवेश, रिटर्न 1% बढ़ने से कितना बढ़ेगा मुनाफा? समझें पावर ऑफ कम्पाउंडिंग
Mutual Fund Power of Compounding: क्सपर्ट मानते हैं कि म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करने पर कम्पाउंडिंग का जबरदस्त फायदा मिलता है. लंबी अवधि तक निवेश करने पर महज 1 फीसदी रिटर्न बढ़ने पर आपके कॉपर्स में तगड़ा उछला आ जाता है.
Mutual Fund Power of Compounding: म्यूचुअल फंड निवेश का सरल और आसान तरीका है. इसमें रेग्युलर सेविंग्स और निवेश से लंबी अवधि में अच्छा कॉपर्स बनाया जा सकता है. म्यूचुअल फंड में आप एकमुश्त और SIP के जरिए मंथली निवेश भी कर सकते हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करने पर कम्पाउंडिंग का जबरदस्त फायदा मिलता है. लंबी अवधि तक निवेश करने पर महज 1 फीसदी रिटर्न बढ़ने पर आपके कॉपर्स में तगड़ा उछला आ जाता है. दरअसल, यही कम्पाउंडिंग की पावर है. अगर आपको 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश अगले 10 साल के लिए करना है, यहां समझते हैं कि 1 फीसदी रिटर्न बढ़ने से कैसे मुनाफा बढ़ जाएगा.
8% सालाना औसत रिटर्न
अगर आपको 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किसी स्कीम में 10 साल के नजरिए से करना है. स्कीम का सालाना औसत रिटर्न 8 फीसदी है. म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर के मुताबिक आपको मैच्योरिटी पर 21,58,925 रुपये का फंड मिल सकता है.
9% सालाना औसत रिटर्न
अगर आपको 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किसी स्कीम में 10 साल के नजरिए से करना है. स्कीम का सालाना औसत रिटर्न 9 फीसदी है. म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर के मुताबिक आपको मैच्योरिटी पर 23,67,364 रुपये का फंड मिल सकता है.
10% सालाना औसत रिटर्न
अगर आपको 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किसी स्कीम में 10 साल के नजरिए से करना है. स्कीम का सालाना औसत रिटर्न 10 फीसदी है. म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर के मुताबिक आपको मैच्योरिटी पर 25,93,742 रुपये का फंड मिल सकता है.
लंबी अवधि में होगा कम्पाउंडिंग का फायदा
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम कहते हैं, म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करने पर हमेशा ही कम्पाउंडिंग का फायदा निवेशकों को होता है. चाहे आप एकमुश्त निवेश कर रहे हैं, या SIP के जरिए पैसा लगा रहे हैं. लंबी अवधि में कई म्यूचुअल फंड स्कीम्स हैं, जिनका रिटर्न औसतन 7 से 12 फीसदी तक सालाना रहा है.
उनका है कि म्यूचुअल फंड में निवेश जितना जल्दी शुरू किया जाए, उसका फायदा उतना ही निवेशकों को होता है. हालांकि, यह हमेशा ध्यान रखें कि इसमें भी निवेश पर बाजार का जोखिम रहता है. इसलिए रिटर्न को कभी भी गारंटीड मानकर नहीं चलना चाहिए. इसलिए निवेशक को अपनी इनकम, लक्ष्य और रिस्क प्रोफाइल देखकर निवेश का फैसला करना चाहिए.
अक्टूबर में इक्विटी फंड्स में 19957 करोड़ निवेश
म्यूचुअल फंड एसोसिएशन AMFI के डेटा के मुताबिक, अक्टूबर में इक्विटी फंड्स में कुल 19957 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है. एकबार फिर स्मॉलकैप फंड ने बाजी मारी और निवेशकों ने कुल 4495 करोड़ रुपए का निवेश किया. इक्विटी कैटिगरी में सबसे ज्यादा निवेश इसी सेगमेंट में हुआ. उसके बाद सेक्टोरल फंड्स में 3895 करोड़ रुपए का निवेश आया. Large Cap Funds में भी रौनक लौटी और अक्टूबर में 724 करोड़ का निवेश किया गया. सितंबर में 111 करोड़ रुपए की निकासी की गई थी. SIP की मदद से कुल 16928 करोड़ का निवेश किया गया.
(डिस्क्लेमर: यहां म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह नहीं दी गई है. यह कैलकुलेशन एक आकलन है. म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले एडवाइजर से परामर्श कर लें.)