Flexi Cap Fund: म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) में फ्लेक्सी कैप फंड (Flexi Cap Fund) किसी भी लंबी अवधि के निवेशक के लिए मुख्य इक्विटी होल्डिंग है. इसमें 'कहीं भी जाओ' फंड की अपील है जो निवेश फैसले के आधार पर किसी भी निवेश योग्य अवसर में कितनी भी मात्रा में निवेश कर सकता है, वहीं कितनी भी अवधि तक इसमें निवेश बनाए रख सकता है.  Mutual Fund की अन्य कैटेगरी की योजनाओं में मार्केट कैप की सीमा होती है जबकि फ्लेक्सी कैप के पास निवेश करने के लिए लचीलापन होता है. इसमें फंड मैनेजर अपने हिसाब से निवेशकों का पैसा स्मॉल कैप, मिड कैप या लार्ज कैप में निवेश करते हैं.

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फंड मैनेजर इस बात के लिए बाध्य नहीं होते कि किस फंड कैटेगरी में कितना निवेश करना है. हालांकि इसके लिए शर्त यह है कि फंड मैनेजर को 65% रकम इक्विटी में ही निवेश करना होगा. इस फंड की यही खासियत निवेशकों को आकर्षित करती है. निवेशक उचित निवेश निर्णय लेने के लिए योजना में निवेश करने की अपनी जरूरतों को आउटसोर्स कर रहे हैं.

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निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ा

निवेशकों का भरोसा इसकी ओर लगातार बढ़ा है, जिसने Flexi Cap Fund को आज म्यूचुअल फंड की अलग-अलग योजनाओं में सबसे बड़ी इक्विटी निवेश कैटेगरी में बदल दिया है. फ्लेक्सी कैप कैटेगरी की बात करें तो वर्तमान में इसमें 1.25 करोड़ फोलियो है और इसका कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 2.49 लाख करोड़ पहुंच गया है. इसलिए यह मैनेजमेंट के तहत एक्टिव इक्विटी एसेट्स में सबसे बड़ी इक्विटी फंड कैटेगरी है, जो दिसंबर 2022 के अंत तक 15.41 लाख करोड़ थी. साफ है कि फ्लेक्सी कैप कैटेगरी में निवेशकों का आकर्षण लगातार बढ़ रहा है.

इस श्रेणी में हर मार्केट कैप में निवेश करने की सुविधा है, जिसके चलते यह फंड प्रबंधन प्रक्रिया पर जिम्मेदारी लाता है. सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन के लिए वित्तीय सफलता की राह की पहचान किया जाना चाहिए. फंड प्रबंधन हमेशा विवेकपूर्ण जोखिम प्रबंधन के बारे में होता है, जितना कि निवेश रिटर्न के बारे में होता है.

सेक्टर के आधार या मार्केट कैप

मिरे एसेट इन्‍वेस्‍टमेंट मैनेजर्स के फंड मैनेजर व्रिजेश कसेरा के मुताबिक,  Flexi Cap Fund निफ्टी 500 इंडेक्स में शामिल कंपनियों में निवेश करते हैं. इस बड़े सेट तक पहुंचने के दो तरीके हैं. पहला और सामान्य तरीका निफ्टी 500 के सेक्टर ब्रेक अप से प्रेरित और निर्देशित एक सेक्टोरल आवंटन पर विचार करना है. यह टॉप-डाउन निवेश का एक पहलू होगा, जहां मैक्रो और समग्र आर्थिक परिस्थितियां निवेश के लिए गाइडिंग फैक्‍टर हैं.

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हालांकि, सेक्टोरल निवेश की बात करें तो इसमें ध्‍यान देने वाली बात यह है कि अलग-अलग सेक्‍टर का प्रदर्शन हर साल बदल सकता है. किसी साल किसी सेक्टर ने बेहतर किया तो किसी साल दूसरे सेक्‍टर ने. इसलिए, हर साल सबसे पहले यह देखना चाहिए कि किस सेक्‍टर ने बेहतर किया तो किस सेक्टर का प्रदर्शन सबसे खराब रहा? इस आधार पर हम यह चयन कर सकते हैं कि कहां से पैसा निकालकर कहां लगाना है. किसी साल खराब प्रदर्शन वाले सेक्‍टर का आने वाले दिनों में प्रदर्शन बेहतर भी हो सकता है, इस आधार पर भी स्ट्रैटेजी में बदलाव हो सकता है.

दूसरा तरीका मार्केट कैप वैल्यूएशन (Market Cap) को देखने और इस आधार पर आवंटन करने का अप्रोच है. मार्केट कैप सेगमेंट, लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप आमतौर पर सेक्टोरल के उलट लंबी ट्रेंडलाइन दिखाते हैं. ये आमतौर पर सालाना आधार पर रुझान दिखाते हैं. तीन मार्केट कैप सेगमेंट निफ्टी50 इंडेक्स के सापेक्ष वैल्यूएशन प्रदर्शित करते हैं और कम या ज्यादा वैल्यूएशन की विस्तारित अवधि होती है.

Flexi Cap Fund निवेश करने की देता है आजादी

सेक्टोरल का सामान्य तरीका या मार्केट कैप मूल्यांकन का दूसरा तरीका पोर्टफोलियो आवंटन के लिए कुछ बेहतर मार्गदर्शन दे सकता है, हालांकि फ्लेक्सी कैप फंड के लिए अप्रोच थोड़ा बारीक हो सकता है. इसके अलावा, एक Flexi Cap Fund किसी भी निवेश योग्य अवसर में निवेश करने की आजादी देता है, भले ही वह किसी भी मार्केट-कैप ब्रैकेट से संबंधित हो.

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इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि फ्लेक्सी कैप फंड के तहत निवेश करने के लिए मार्केट कैप की कोई सीमा नहीं है. जबकि अन्य अन्य मार्केट कैप-ओरिएंटेड स्कीम को लार्जकैप, मिडकैप और स्‍मॉलकैप में तय सीमा के आधार पर फंड रखना होता है. फ्लेक्सी कैप फंड में निवेश को सभी समय सीमाओं में रखा जा सकता है, जब तक निवेश में योग्यता है.

फ्लेक्सी कैप फंड में निवेशकों का बढ़ा रुझान

Flexi Cap की इसी खासियत के चलते इसका निवेशकों में आकर्षण और स्पेशियलिटी है. फंड वर्तमान में सबसे अच्छे निवेश आइडिया को होल्ड कर रहे हैं, जो बहुत ज्यादा रिसर्च और स्टडी के जरिए फिल्टर किए गए हैं. इसमें उन्‍हीं निवेश की पहचान की जाती है, जिनमें ग्रोथ की क्षमता बहुत ज्यादा होती है. यह अप्रोच अन्य श्रेणी की योजनाओं के लिए भी उपलब्ध है, हालांकि, यह फ्लेक्सी कैप फंड पोर्टफोलियो के लिए उपयुक्त है.

डाटा से पता चलता है कि मार्केट कैप के भीतर जो कंपनियां, स्‍मॉल, मिड से लार्ज की ओर बढ़ती हैं, वे एक अवधि में कंपाउंडिंग ग्रोथ का संकेत देती हैं. इसी तरह, कई अपने बकेट में लगातार बने रहते हैं और कुछ अपना रास्ता खो देते हैं और एक अवधि में चार्ट टेबल से नीचे चले जाते हैं.

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कैप बकेट के भीतर रहना, सबसे ज्यादा योगदान देने वाले और टॉप लूजर भी हर साल बदलते हैं. ये 2 ट्रेंड यह अनिवार्य बनाते हैं कि सही निवेश विचार की पहचान निवेश अनुभव का बड़ा निर्धारक है. हमारा मानना है कि बॉटम-अप अप्रोच से डेंटिफिकेशन में मदद मिलती है और फ्लेक्सी कैप स्ट्रक्चर शुद्ध रूप से मेरिट के आधार पर निवेशित रहने में मदद करता है.