शेयर बाजार इस समय ऑल टाइम हाई पर है. पिछले कुछ कारोबारी सत्रों से लगातार बाजार में तेजी है और निफ्टी 23000 के पार पहुंच गया. उससे पहले मई के दूसरे हफ्ते में निफ्टी 22000 के नीचे तक फिसला भी था. अगले महीने 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे. अगर रिजल्ट में थोड़ा आगे-पीछे होता है तो बाजार में जबरदस्त वोलाटिलिटी देखने को मिलेगी. बाजार विशेषज्ञ आने वाले महीनों में और गिरावट की भविष्यवाणी कर रहे हैं. इन परिस्थितियों में म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशक असमंजस में हैं. गिरते बाजार में मल्टी असेट फंड ने पिछले एक साल में शानदार रिटर्न दिया है. निप्पॉन इंडिया मल्टी असेट फंड और एसबीआई मल्टी असेट फंड ने 32.26% और 28.24% का रिटर्न दिया है. 

फंड एलोकेशन डायवर्सिफाइड होता है

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इक्वेशन फाइनेंशियल सर्विसेज के कपिल हुल्कर कहते हैं कि एक सही मल्टी असेट फंड वह है जिसमें डायवर्सिफाइड असेट एलोकेशन पोर्टफोलियो होता है. निवेशकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे एक मल्टी असेट फंड चुनें जो उनके असेट एलोकेशन में बदलाव न करे. तभी किसी को मल्टी असेट फंड का सही लाभ मिलेगा. बाज़ार का नियम कहता है कि असेट क्लास अपने स्वयं के साइकल का पालन करते हैं. ऐसे में भविष्यवाणी करना कभी आसान नहीं होता है. इसलिए झुंड की मानसिकता का पालन करना और अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन न लाना भी निवेश में घाटे का कारण हो सकता है. 

डायवर्सिफिकेशन से रिस्क मिनिमाइज होता है

म्यूचुअल फंड विश्लेषकों का मानना है कि एक अच्छी तरह से डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो वाले निवेशक कहीं अधिक सुरक्षित होते हैं. यहीं पर मल्टी असेट फंड में निवेश करना महत्वपूर्ण है. मल्टी असेट फंड हाइब्रिड फंड हैं जो विभिन्न असेट क्लास जैसे इक्विटी, डेट, कमोडिटी और अन्य में निवेश करते हैं. सेबी के नियमों के मुताबिक मल्टी असेट फंडों को अपने असेट आवंटन में डायवर्सिफिकेशन लाने के लिए तीन या अधिक अलग-अलग असेट क्लास में से प्रत्येक में अपने कुल एयूएम का न्यूनतम 10% निवेश करना होगा.

कई असेट क्लास में होता है निवेश

मल्टी असेट फंड से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, निवेशकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि फंड असेट एलोकेशन मिश्रण में बदलाव नहीं करता है और एक ऐसा फंड है जिसमें डायवर्सिफाइड असेट एलोकेशन पोर्टफोलियो है. उदाहरण के तौर पर निप्पॉन इंडिया मल्टी असेट फंड तीन असेट क्लास - इक्विटी, कमोडिटी और डेट में निवेश करता है. फंड का इंटरनेशनल इक्विटी में भी एक्सपोजर है जबकि सेबी ने इस साल 1 अप्रैल से वैश्विक बाजारों में नए एक्सपोजर पर रोक लगा दी है. ऐसे में यह फंड से मौजूदा निवेश चौथे असेट क्लास के रूप में भी लाभ देता है.