लॉर्ज कैप म्यूचुअल फंड्स ने किया निराश! 2022 में ज्यादातर फंड का बेंचमार्क इंडेक्स से कम रहा रिटर्न
Large Cap Mutual Funds 2022: S&P DOW Jones Index ने मंगलवार को जारी एक अध्ययन में कहा कि 88 प्रतिशत सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड ने 2022 में S&P BSE 100 से खराब प्रदर्शन किया.
Large Cap Mutual Funds 2022: बीते साल यानी 2022 में बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करने वाले म्युचुअल फंड का प्रदर्शन Benchmark Indexes से खराब रहा है. एक नई स्टडी में इसके आंकड़े सामने आए हैं. भारत में ज्यादातर बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करने वाले (लार्ज-कैप) इक्विटी म्यूचुअल फंड 2022 में प्रमुख सूचकांकों को पीछे छोड़ने में विफल रहे. S&P DOW Jones Index ने मंगलवार को जारी एक अध्ययन में कहा कि 88 प्रतिशत सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड ने 2022 में S&P BSE 100 से खराब प्रदर्शन किया.
Midcap/Small Cap MFs का कैसा रहा प्रदर्शन?
अध्ययन के मुताबिक, इस दौरान भारतीय शेयरों (मिड/स्मॉल कैप फंड) के लिए प्रमुख सूचकांक - एसएंडपी बीएसई 400 मिडकैप इंडेक्स दो प्रतिशत बढ़ा. दूसरी ओर 55 प्रतिशत सक्रिय प्रबंधकों ने इस अवधि में सूचकांक से कमतर प्रदर्शन किया. इसके अलावा, 2022 में एसएंडपी बीएसई छह प्रतिशत बढ़ा और 77 प्रतिशत भारतीय ELSS (इक्विटी से जुड़ी बचत योजनाएं) फंड ने सूचकांक से कमतर प्रदर्शन किया. एसएंडपी ‘इंडेक्स वर्सेज एक्टिव फंड इंडिया स्कोरकार्ड’ के अनुसार, 2022 में इंडियन कम्पोजिट बॉन्ड फंड का प्रदर्शन इसके मुकाबले बेहतर रहा, और उसने एसएंडपी बीएसई इंडिया बॉन्ड सूचकांक की तुलना में 45 प्रतिशत कमतर प्रदर्शन किया.
म्यूचुअल फंड ने 2022-23 में इक्विटी में कितना निवेश किया?
म्यूचुअल फंड ने वित्त वर्ष 2022-23 में घरेलू शेयरों में 1.82 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया. इसमें रिटेल निवेशकों की मजबूत भागीदारी का प्रमुख योगदान रहा. इसके अलावा बाजार में सुधार के कारण मूल्यांकन आकर्षक होने के चलते भी म्यूचुअल फंड ने अपना निवेश बढ़ाया. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के मुताबिक म्यूचुअल फंड ने वित्त वर्ष 2021-22 में इक्विटी में 1.81 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था. इससे पहले 2020-21 में यह आंकड़ा 1.2 लाख करोड़ रुपये था.
इक्विटी निवेश में कब आएगा सुधार?
बजाज कैपिटल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए इक्विटी निवेश में अगली दो तिमाहियों में सुधार शुरू हो जाएगा. ऐसा अमेरिका में महंगाई कम होने और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत रुख में नरमी के चलते होगा. दीर्घकाल में विकसित अर्थव्यवस्थाओं में धीमी वृद्धि की आशंका है, जबकि भारत की वृद्धि संभावना अपेक्षाकृत अच्छी है. उन्होंने कहा कि सरकार की अनुकूल नीतियों के साथ ही निवेश आधारित वृद्धि (पूंगीगत व्यय से बढ़ावा) और बैंकों के बेहतर नतीजों के चलते निकट भविष्य में आय बढेगी. इसके अलावा पीएलआई (उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन) नीति और 'चीन के अलावा एक और' अभियान से मदद मिलने का अनुमान है. बजाज ने कहा, ''इसलिए ज्यादातर निवेशक भारत की वृद्धि संभावना पर उत्साहित हैं और उनके लिए भारतीय इक्विटी से बेहतर क्या हो सकता है.''
अरिहंत कैपिटल की श्रुति जैन ने कहा कि उचित मूल्यांकन के कारण म्यूचुअल फंड ने इक्विटी में निवेश बढ़ाया. सेबी के आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 में म्यूचुअल फंडों ने शुद्ध रूप से 1.82 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है.
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