Large cap Mutual Funds: इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स में पिछले महीने (जून 2023) में 8,637 करोड़ रुपये का निवेश आया. इसमें सबसे ज्‍यादा इनफ्लो स्‍मॉल कैप फंड्स में 5,472 करोड़ रुपये का हुआ. यह ऑल टाइम हाई रहा. दूसरी ओर, लार्ज कैप फंड्स से करीब 2050 करोड़ रुपये का आउटफ्लो हुआ. आमतौर पर लॉर्ज कैप फंड्स में जोखिम कम रहता है, ये स्‍टेबल रहते हैं और इनमें रिटर्न भी अच्‍छा रहता है. ऐसे में लार्ज कैप फंड्स से निवेशकों का मोहभंग क्‍यों हो रहा है. क्‍या इसे समझें कि निवेशकों का रुझान बदल रहा या बाजार की रिकॉर्ड ऊंचाई में निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं. म्‍यूचुअल फंड इंडस्‍ट्री के एक्‍सपर्ट से हमने म्‍यूचुअल फंड इंडस्‍ट्री में बदलते ट्रेंड को समझने की कोशिश की. 

Large cap Funds: पैसा क्‍यों निकाल रहे निवेशक

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IDBI AMC के हेड (प्रोडक्‍ट एंड मार्केटिंग) अजीत गोस्‍वामी कहते हैं, मौजूदा निवेश ट्रेंड्स और मार्केट सेंटीमेंट के मुताबिक निवेशक अपना निवेश रिलोकेट कर रहे हैं. इसके चलते लार्ज-कैप फंड्स से आउटफ्लो स्‍मॉल कैप फंड्स जैसी स्‍कीम्‍स में हो रहा है. उनका मानना है कि स्‍मॉल-कैप स्‍टॉक्‍स में ज्‍यादा तेजी हासिल करने की क्षमता है क्‍योंकि करेक्‍शन के चलते वो फिलहाल अंडरवैल्‍युड हैं. इसके अलावा निवेशकों को लग रहा है कि एक बढ़ती हुई अर्थव्‍यवस्‍था में स्‍मॉल कैप कंपनियां आमतौर पर जीडीपी ग्रोथ से ज्‍यादा तेज बढ़ती हैं. ऐसे में यह ज्‍यादा कमाई कराने का मौका है. 

मास्‍टरट्रस्‍ट के डायरेक्‍टर गुरमीत सिंह चावला का कहना है, FY23 की पहली तिमाही में लार्ज-कैप फंड्स में 3359 करोड़ रुपये का तगड़ा आउटफ्लो हुाआ था. जून 2023 में यह 2050 करोड़ और मई 2023 में 1362 करोड़ का आउटफ्लो देखने को मिला है. मार्केट ऑल टाइम हाई पर है. इसमें लार्ज-कैप सूचकांक, सेंसेक्‍स और निफ्टी सभी ऑल टाइम हाई पर है. लार्ज कैप कंपनियां पूरी तरह व्‍यवस्थित हैं और उनमें आगे ग्रोथ की क्षमता सीमित है. 

Large cap Funds: क्‍या निवेश करना चाहिए

अजीत गोस्‍वामी कहते हैं, लार्ज कैप कैटेगरी से आउटफ्लो के बावजूद निवेशक को इनमें एक्‍सपोजर लेना चाहिए. ऐसा इसलिए क्‍योंकि इनमें स्‍टैबिलिटी होती है. कंपनियों के फंडामेंटल काफी मजबूत होते हैं, जिससे निवेशकों को डायवर्सिफिकेशन का फायदा होता है. लार्ज कैप फंड्स में ब्‍लू-चिप शेयर होते हैं. इनमें डिविडेंड से इनकम की क्षमता रहती है. वॉलेटिलिटी कम रहती है. लिक्विटी और अन्‍य ट्रैक रिकॉर्ड मजबूत होते हैं. इनमें निवेशकां को एक स्‍टेबल और सतत रिटर्न मिलता है. निवेशकों को अलग-अलग सेक्‍टर की बड़ी कंपनियों में निवेश का मौका मिलता है. 

गुरमीत सिंह चावला का कहना है, लार्ज-कैप फंड्स में निवेश करना चाहिए या नहीं यह निवेश की अवधि, निवेश का लक्ष्‍य और रिस्‍क उठाने की क्षमता जैसे अलग-अलग फैक्‍टर्स पर निर्भर करता है. लार्ज-कैप फंड्स का निवेश ज्‍यादातर लार्ज मार्केटकैप वाली कंपनियों में होता है. इन कंपनियों का ट्रैक रिकॉर्ड अच्‍छा होता है और बैलेंस सीट मजबूत रहती है. लंबी अवधि में इनमें स्‍टेबल रिटर्न मिलता है. आमतौर पर देखा जाए तो लार्ज कैप लंबी अवधि के नजरिए से मीडियम टू हाई रिस्‍क लेने वाले निवेशकों के लिए डिजाइन किया गया है.

Large cap Funds: क्‍या यह मुनाफावसूली है

गुरमीत सिंह चावला कहते हैं, रिकॉर्ड-हाई मार्केट में लार्ज कैप फंड्स से आउटफ्लो निश्चित रूप से मुनाफावसूली भी है. लार्ज कैप इंडेक्‍स, सेंसेक्‍स और निफ्टी सभी ऑल टाइम हाई पर हैं. ऐसे में लार्ज कैप कंपनियों में आगे ग्रोथ का मौका सीमित है. ऐसे में निवेशक लार्ज कैप फंड्स स मुनाफावसूली कर स्‍मॉल कैप और मिडकैप फंड्स में कर रहे हैं. अजीत गोस्‍वामी का भी मानना है कि मौजूदा वैल्‍युएशंस पर कुछ मुनाफावसूली भी हो रही है.

जून में किस कैटेगरी से कितना इनफ्लो-आउटफ्लो

एसोसिएशन ऑफ म्‍यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, जून 2023 में इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स में नेट इनफ्लो बढ़कर 8637 करोड़ रुपये हो गया. जोकि मई 2023 में 3,240 करोड़ रुपये था. स्‍मॉलकैप फंड्स में 5472 करोड़ रुपये का निवेश आया है. MF इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 44.39 लाख करोड़ रुपये हो गया है. 

AMFI के मुताबिक, इक्विटी कैटेगरी में Value Fund/Contra Fund में 2,239.08 करोड़, Mid Cap Fund में 1,748.51 करोड़, Multi Cap Fund में 734.68 करोड़, Large & Mid Cap Fund में 1,146.69 करोड़,  Dividend Yield Fund में 397.59 करोड़ और Sectoral/Thematic Funds में 459.25 करोड़ रुपये निवेशकों ने लगाए. दूसरी ओर, इक्विटी सेगमेंट से जून में लॉर्जकैप फंड से 2050 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो हुआ. इसके अलावा, Focused Fund से 1,018.31 करोड़, ELSS से 474.86 करोड़ और Flexi Cap Fund से 17.30 करोड़ रुपये निवेशकों ने निकाल लिये. 

जून में ओपन एंडेड डेट फंड 14,136 करोड़ का नेट आउटफ्लो हुआ.  हाइब्रिड फंड नेट 4611 करोड़ का इनफ्लो हुआ है. लिक्विड फंड 28,545 करोड़ का नेट आउटफ्लो रहा. वहीं, मनी मार्केट फंड में नेट इनफ्लो 6827 करोड़ रुपये रहा. जून में आर्बिट्राज फंड में नेट इनफ्लो 3366 करोड़, इंडेक्स फंड में नेट आउटफ्लो 906 करोड़ और गोल्ड ETF में 70.32 करोड़ रुपये और अन्‍य दूसरे ETF में 3,402.35 करोड़ का नेट इनफ्लो रहा. 

 

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. यहां निवेश की सलाह नहीं है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.) 

 

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