Diwali Mutual Funds: इन फंड्स के साथ करें निवेश का श्रीगणेश; चमकेगा पोर्टफोलियो, बरसता रहेगा पैसा
Diwali Mutual Funds: एक्सपर्ट मानते हैं कि म्यूचुअल फंड में निवेश हमेशा लंबी अवधि के नजरिए से बेहतर रहता है. वैसे तो निवेश की शुरुआत करने का कोई तय समय नहीं रहता है, लेकिन इस दिवाली नए निवेशक क्वालिटी और दमदार आउटलुक वाले फंड्स के साथ म्यूचुअल फंड में श्रीगणेश कर सकते हैं.
Diwali Tips for Mutual Funds: दिवाली के साथ नए संवत 2079 की शुरुआत हो रही है. इसे हर अच्छे काम की शुरुआत का शुभ समय माना जाता है. म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं या अपने पोर्टफोलियो में पॉजिटिव बदलाव करना चाहते हैं, तो इस दिवाली अच्छा मौका है. म्यूचुअल फंड में एकमुश्त या हर महीने SIP के जरिए निवेश कर सकते हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि म्यूचुअल फंड में निवेश हमेशा लंबी अवधि के नजरिए से बेहतर रहता है. वैसे तो निवेश की शुरुआत करने का कोई तय समय नहीं रहता है, लेकिन इस दिवाली नए निवेशक क्वालिटी और दमदार आउटलुक वाले फंड्स के साथ म्यूचुअल फंड में श्रीगणेश कर सकते हैं. वहीं, मौजूदा निवेशक अपने पोर्टफोलियो में बदलते समय और बाजार की संभावनाओं के अनुरूप बदलाव ला सकते हैं. यहां मार्केट के दिग्गज एक्सपर्ट से समझते हैं कि किस तरह का पोर्टफोलियो बनाना चाहिए और कौन-से फंड लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन में मददगार होंगे.
निवेश की कैसे करें प्लानिंग
सैमको ग्रुप के हेड (RankMF) ओमकेश्वर सिंह का कहना है, इस दिवाली क्वालिटी पोर्टफोलियो बनाने पर फोकस करना चाहिए, जिनमें हाई सेफ्टी मार्जिन हो. इसका मतलब कि सेफ्टी नेट के साथ दमदार रिटर्न वाला पोर्टफोलियो बनाने की सलाह है.
एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स (ARIA) के वाइस चेयरमैन विशाल धवन का कहना है, दिवाली पिक्स के नाम पर इक्विटी या गोल्ड में शार्ट टर्म नजरिए से निवेश करने से बचना चाहिए. निवेशकों को सलाह है कि वे अपने फाइनेंशियल गोल और स्ट्रैटजिक एसेट एलोकेशन पर फोकस बनाएं रखें.
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के हेड (इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स एंड एडवाइजरी) अमर रानु का कहना है, निवेश कोई इवेंट नहीं है. यह लंबी अवधि की प्रक्रिया है. इसलिए अपने रिस्क प्रोफाइल और इन्वेस्टमेंट होरिजॉन के मुताबिक निवेश प्लान करना चाहिए. यह बात सही है कि पोर्टफोलियो को साफ-सुथरा करने या चमकाने के लिए दिवाली अच्छा समय है. जैसे-जैसे हम अपने निवेश की अवधि में बढ़ते हैं, कुछ चीजें हमारे पोर्टफोलियो में लंबे समय तक बनी रहती हैं. ऐसे में अक्सर हम इसमें बदलाव करने या इसमें लॉस बुक करने या बाहर निकलने से हिचकिचाते हैं. लेकिन हमें अपने रिस्क प्रोफाइल के मुताबिक पोर्टफोलियो को क्लिन करने या नए निवेश की शुरुआत करनी चाहिए.
किन फंड्स/कैटेगरी में करें निवेश
एक्सपर्ट कहते हैं, म्यूचुअल फंड में सबसे जरूरी है रिस्क और लक्ष्य को देखते हुए अच्छे फंड्स/कैटेगरी में निवेश शुरू करना. लंबी अवधि के लिए यह जरूरी है कि आपका पोर्टफोलियो दमदार हो. ओमकेश्वर सिंह का कहना है, निवेशक कुछ स्कीम्स जैसेकि PPFAS Flexi Cap - Growth , Samco Flexi cap - Growth , Kotak Business Cycle Fund - Growth और Axis ESG Equity fund - Growth में निवेश पर विचार कर सकते हैं.
विशाल धवन के मुताबिक, अगर निवेश करने जा रहे हैं, तो आपके पोर्टफोलियो में इक्विटीज के साथ-साथ डेट फंड्स भी होने चाहिए.
घरेलू म्यूचुअल फंड्स में इक्विटी एलोकेशन के लिए SIPs/STPs अच्छा ऑप्शन है. वहीं, हाल ही में खराब प्रदर्शन के बावजूद इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स में एलोकेशन जारी रखना चाहिए.
अमर रानु कहते हैं, निवेश हमेशा लंबी अवधि के लिए होता है. म्यूचुअल फंड एक मुफीद इन्स्ट्रूमेंट है. रिस्क प्रोफाइल के आधार पर हमें इक्विटी और डेट के कॉम्बिनेशन में निवेश करना चाहिए. इक्विटी के लिहाज से देखें, तो ग्रोथ/क्वालिटी ओरिएंटेड फंड्स, सेक्टर रोटेशन फंड और इकोनॉमि फेसिंग फंड्स शामिल करना चाहिए. इसमें डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से सभी मार्केट कैप वाले न्यू एज इन्वेस्टमेंट्स भी रखना चाहिए. एक एग्रेसिव निवेशक को आमतौर पर 30-40 फीसदी लॉर्ज कैप और बाकी मिड व स्माल कैप रखने चाहिए.
डेट फंड्स के नजरिए से देखें तो टारगेट मैच्योरिटी फंड्स और मीडियम ड्यूरेशन फंड्स का मिस्स रखना चाहिए. उनका कहना है, आपके पोर्टफोलियो में मल्टीकैप, लॉर्ज एंड मिड कैप, फ्लैक्सी कैप, मिड कैप और स्माल कैप फंड्स होने चाहिए. स्टैंडअलोन लॉर्ज कैप फंड्स की बजाए समझदारी इसमें है कि 70-75 फीसदी वाले लॉर्ज कैप कॉम्बिनेशन वाले फ्लैक्सी कैप चुनें.
पोर्टफोलियो में कैसे करें बदलाव
ओमकेश्वर सिंह कहते हैं, पोर्टफोलियो की परफॉर्मेंस के आधार पर उसमें बदलाव करना चाहिए. इसका मतलब कि खराब क्वालिटी फंड्स को पोर्टफोलियो से बाहर करें और अच्छे क्वालिटी फंड्स को शामिल. अगर पोर्टफोलियो की परफॉर्मेंस अच्छी है, तो सिर्फ बदलाव के लिए बदलाव नहीं करना चाहिए.
विशाल धवन के मुताबिक, अगर किसी खास एसेट क्लास जैसेकि घरेलू इक्विटीज या गोल्ड में पोर्टफोलियो ओवरवेट हो गया है, तो उसे रिबैलेंस करें. डेट और इंटरनेशनल इक्विटीज की तुलना में जिन्होंने पिछली दिवाली से मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है, जिन्हें आप खरीद सकते हैं.
अमर रानु का कहना है, जिस तरह दिवाली पर घर की सफाई करते हैं, उसी तरह पोर्टफोलियो को भी चमकाना चाहिए. बेकार फंड्स को साफ करें और एसेट एलोकेशन के बुनियादी सिद्धांत के मुताबिक पोर्टफोलियो में बदलाव करें. मौजूदा इकोनॉमिक साइकिल के मुताबिक नए फंड्स में निवेश करना चाहिए.
नए निवेशक क्या करें
अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं, तो दिवाली एक शुभ अवसर है. ओमकेश्वर सिंह कहते हैं, नए निवेशकों को सबसे पहले अपने अपने रिस्क एंड रिटर्न प्रोफाइल का आकलन करना चाहिए. साथ ही यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. इसके बाद उन्हें SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) या STP (सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान) के साथ निवेश शुरू करना चाहिए. अगर वे एकमुश्त निवेश करने के लिए तैयार हैं, तो ये ऑप्शन भी अच्छा है.
विशाल धवन का कहना है कि नए निवेशकों को बैलेंस्ड फंड्स/डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड्स के जरिए निवेश की शुरुआत करनी चाहिए. साथ ही 10 साल से ज्यादा नजरिए के साथ इंडेक्स फंड्स (घरेलू और इंटरनेशनल) में SIPs की शुरुआत करनी चाहिए.
अमर रानु का कहना है कि नए निवेशकों को साथी, रिश्तेदार या सोशल इन्फ्लुएंशर की सलाह पर निवेश करने से बचना चाहिए. आदर्श रूप से आपका अपना रिस्क प्रोफाइल है इसलिए इसके आधार पर इक्विटी और डेट में निवेश करना चाहिए. साथ ही अपने निवेश लक्ष्य या निवेश होरिजॉन तक उसमें बने रहे. हर साल या प्रत्येक छह महीने पर पोर्टफोलियो की समीक्षा जरूर करनी चाहिए.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले स्वयं पड़ताल करें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श कर लें.)