Mutual Funds में नहीं होगा नुकसान, अगर इन बातों का रखेंगे ध्यान; एक्सपर्ट्स से समझें फंड से एग्जिट का फंडा
Money Guru: किसी फंड में कब और कितना निवेश करना है, इसकी प्लानिंग के साथ ये भी इम्पॉरटेंट है कि उस फंड से कब और कैसे एग्जिट कर लेना चाहिए. आइए जानते हैं इस बारे में सबकुछ.
Money Guru: किसी फंड में कब और कितना निवेश करना है, इसकी टाइमिंग जितनी जरूरी है, उतना ही जरूरी है कि उस फंड से आपको कब एग्जिट लेना है. किसी फंड से आपको किन बातों को ध्यान में रखकर निकलना है, इसके लिए आपको कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए. वहीं अगर कोई फंड लगातार निगेटिव रिटर्न दे रहा है, तो क्या फंड से एग्जिट कर के उसी कैटेगरी के किसी दूसरे फंड में स्विच करना सही होता है या AMC के फंड में निवेश करना चाहिए और फंड से निकलने पर कितना एग्जिट लोड लगता है? इन सब बातों का जवाब मिलेगा. इसके लिए हमारे साथ होंगे क्रिडेन्स वेल्थ एडवायजर्स के सीईओ कीर्तन शाह और मॉर्निंगस्टार की सीनियर रिसर्च एनालिस्ट कविता कृष्णन.
फंड से एग्जिट कब करें?
- लक्ष्य के करीब हैं
- फंड की निवेश रणनीति में बदलाव
- फंड का निरंतर खराब प्रदर्शन
- टैक्टिकल स्ट्रैटेजी के तहत
फंड से एग्जिट - लक्ष्य के करीब
- लक्ष्य के करीब तो इक्विटी एक्सपोजर घटाएं
- निवेश अवधि के अंत में डेट में एलोकेशन रखें
- कम से कम 18 महीने पहले इक्विटी से डेट में स्विच करें
- इक्विटी निवेश छोटी अवधि में उतार-चढ़ाव भरा
फंड से एग्जिट - फंड की निवेश नीति में बदलाव
- कई बार फंड के कंपोजिशन में बदलाव होता है
- जैसे लार्ज कैप फंड बदलकर लार्ज एंड मिडकैप हुआ
- फंड का उद्देश्य लक्ष्य से मेल नहीं खाता है
- पोर्टफोलियो में कैटेगरी एक्सपोजर का आंकलन करें
- बदलाव के बाद फंड वैल्यू एड नहीं करता तो एग्जिट करें
फंड से एग्जिट - फंड मैनेजर के बदलने पर
- फंड मैनेजर बदलने पर फंड स्ट्रैटेजी पर असर पड़ सकता है
- नए फंड मैनेजर के निवेश स्टाइल के समझें
- कम से कम 4-5 महीने के बाद कोई फैसला लें
- नए फंड मैनेजर के बदलाव से फायदा तो बने रहें
फंड से एग्जिट - फंड का खराब प्रदर्शन
- फंड के प्रदर्शन के अलग-अलग साइकल
- फंड के खराब प्रदर्शन के पीछे कई कारण
- छोटे समय के खराब प्रदर्शन के चलते एग्जिट नहीं करें
- फंड के स्टाइल का उसके प्रदर्शन पर बड़ा असर
- वैल्यू स्टाइल महंगे बाजार में ज्यादा कारगर
- बाजार के सस्ते वैल्युएशन में ग्रोथ स्टाइल बेहतर
कब एग्जिट करें?
- फंड का स्टैंडर्ड डिविएशन बढ़ रहा हो
- फंड का 3-4 महीनों का प्रदर्शन अच्छा नहीं
- फंड का सेक्टर वेटेज असंतुलित हो
फंड से एग्जिट - टैक्टिकल स्ट्रैटेजी के तहत
- बाजार के वैल्युएशन के अनुसार टैक्टिकल स्ट्रैटेजी बनाएं
- महंगे वैल्युएशन में इक्विटी एलोकेशन घटाना सही
- महंगे बाजार में फिक्स्ड इनकम या गोल्ड एलोकेशन बढ़ाएं
- ग्रोथ या वैल्यू स्टाइल के तहत भी बदलाव कर सकते हैं
फंड से एग्जिट में सेक्टोरल निवेश
- सेक्टोरल/थीमैटिक निवेश में एंट्री और एग्जिट दोनों जरूरी
- सेक्टोरल/थीमैटिक फंड काफी उतार-चढ़ाव भरे
- निवेश से पहले सेक्टर के फंडामेंटल समझना जरूरी
- कौन सा थीम कब चलेगा इसके बारी में जानकारी रखें
फंड पर एग्जिट लोड
- कई AMC फंड से निकलने पर चार्ज वसूलती हैं
- निवेश को रिडीम करते समय एग्जिट लोड लगता है
- म्यूचुअल फंड के यूनिट रिडीम करते समय चार्ज लगता है
- फंड से जल्दी निकलने की एवज में भरपाई का तरीका
- मकसद निवेशक लंबे समय तक फंड में बना रहे
- जितना जल्दी निवेश से निकले उतना ज्यादा एग्जिट लोड
एग्जिट लोड का गणित
1 साल से पहले रिडेम्पशन
निवेश(जनवरी 2022) ₹30 हजार
निवेश पर NAV 100
यूनिट 300(30,000/100)
रिडेम्पशन पर NAV 90
एग्जिट लोड 1%(90*300)=270
रिडेम्पशन(मई 2022) ₹26,730(27000-270)
फंड से एग्जिट पर इन बातों का रखें ध्यान?
- फंड का एग्जिट लोड
- कैपिटल गेन
- रीइन्वेस्टमेंट रिस्क
एग्जिट स्ट्रैटजी ये देखकर न करें
- बाजार की चाल देखकर फैसला न करें
- ऊंचे बाजार पर मुनाफावसूली हमेशा सही नहीं
- बाजार के गिरने पर भी निवेश रोकना गलत
- बाजार को टाइम करना सही नहीं
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