SIP बनेगा गिरते-संभलते बाजार में कमाई का जरिया? एक्सपर्ट से समझें कैसे आएगा दमदार रिटर्न
Mutual Fund SIP: एक्सपर्ट मानते हैं कि SIP की मदद से निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव के असर को कम कर सकते हैं. गिरावट में खरीदारी की स्ट्रैटजी से निवेशक रूपी कॉस्ट एवरेरिजंग का फायदा उठा सकते हैं.
Mutual Fund SIP: भारतीय शेयर बाजारों पर ग्लोबल सेंटीमेंट्स के साथ-साथ घरेलू फैक्टर्स का असर देखने को मिल रहा है. बाजार में काफी वॉलेटिलिटी है. ज्यादातर ब्लूचिप शेयर अपने हाई से डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे है. बाजार भी अपने हाल के टॉप से करीब 5-10 फीसदी डिस्काउंट पर है. ऐसे में अगर इक्विटी के जरिए ही दमदार रिटर्न निकालना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड SIP के जरिए निवेश की स्ट्रैटजी बनाई जा सकती है. एक्सपर्ट मानते हैं कि SIP की मदद से निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव के असर को कम कर सकते हैं. गिरावट में खरीदारी की स्ट्रैटजी से निवेशक रूपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा उठा सकते हैं. SIP को लेकर निवेशक काफी उत्साहित है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2023 में लगातार पांचवे महीने SIP इनफ्लो 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रहा.
SIP बनाएगा पैसा? एक्सपर्ट की राय
मास्टर कैपिटल सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अरविंदर सिंह नंदा का कहना है, मार्केट के वॉलेटिलिटी में SIPs को निवेशक सुरक्षित इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी बना सकते हैं. इसमें रूपी-कॉस्ट एवरेजिंग के चलाए रिस्क कम किया जा सकता है. इसके अलावा, निवेशक बाजार की टाइमिंग में नहीं बधा रहता है. इसके जरिए आप अपनी गाढ़ी कमाई को कम्पाउंडिंंग के लिए अन्य दूसरे एसेट क्लास पर फोकस कर सकते हैं. यानी, इक्विटी के अलावा गोल्ड, डेट, रीयल्टी जैसे एसेट क्लास में म्यूचुअल फंड एसआईपी के जरिए निवेश कर सकते हैं.
अरविंदर नंदा कहते हैं, SIPs के जरिए मार्केट की वॉलेटिलिटी से बचा जा सकता है. जब मार्केट में गिरावट है, तो खरीदारी की सलाह है. साथ ही तेजी में मुनाफा वसूली कर सकते हैं. इससे रूपी कॉस्ट एवरेजिंग के जरिए निवेशकों की ओवरआल फंड की लागत कम हो जाएगी. हालांकि, बेनेफिट कम हो सकता है लेकिन सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान ( SIP) निवेश करना बेहतर है, क्योंकि इससे लंबी अवधि में उतार-चढ़ाव को मात देने में मदद मिलती है.
SIP में जमकर आ रहा निवेश
AMFI के डेटा के मुताबिक, फरवरी में SIP निवेश का आंकड़ा 13686 करोड़ रहा. जनवरी में यह 13856 करोड़, दिसंबर 2022 में 13573 करोड़, नवंबर 2022 में 13306 करोड़ और अक्टूबर 2022 में 13041 करोड़ रुपये रहा. इस तरह लगातार पांचवे महीने SIP इनफ्लो 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रहा. बता दें, फरवरी में एसआईपी में गिरावट इसलिए रहा, क्योंकि यह महीना केवल 28 दिनों का था, जबकि जनवरी का महीना 31 दिनों का था. SIP एक ऐसा इंस्ट्रूमेंट है, जिसमें हर महीने छोटी-छोटी बचत को निवेश किया जा सकता है. आज के समय में डेली SIP की भी सुविधा है. यानी, आप हर दिन निवेश कर सकते हैं. मिनिमम 100 की SIP से भी निवेश शुरू किया जा सकता है.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2023 में इक्विटी फंड्स में इनफ्लो 25 फीसदी (MoM) उछलकर 15686 करोड़ रुपये रहा. यह मई 2022 के बाद का टॉप लेवल है. बीते 24 महीने से इक्विटी फंड्स में लगातार नेट आधार पर इन्फ्लो हुआ.
(डिस्कलेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. यहां निवेश की सलाह नहीं है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
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