महिला सम्‍मान बचत पत्र योजना (Mahila Samman Saving Certificate-MSSC) और सुकन्‍या समृद्धि (Sukanya Samriddhi Yojana) दोनों ही लड़कियों और महिलाओं की योजनाएं हैं. महिला सम्‍मान बचत पत्र योजना एक वन टाइम इनवेस्‍टमेंट स्‍कीम है जिसकी घोषणा वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान की थी, जो 1 अप्रैल से शुरू हो चुकी है. वहीं सुकन्‍या समृद्धि योजना लड़कियों के भविष्‍य को सुरक्षित करने वाली स्‍कीम है, जिसकी ब्‍याज दर (Sukanya Samriddhi Yojana Interest Rates) को सरकार न हाल ही में बढ़ाया है. ऐसे में आपकी जरूरत के हिसाब से किस स्‍कीम में निवेश करना ज्‍यादा बेहतर है, ये जानने के लिए यहां समझिए इन दोनों स्‍कीम्‍स का अंतर.

दोनों के उद्देश्‍य अलग 

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सुकन्या समृद्धि योजना और महिला सम्‍मान बचत प्रमाण पत्र, दोनों ही स्‍कीम्‍स बेशक लड़कियों और महिलाओं के लिए चलायी जा रही हैं, लेकिन इनके उद्देश्य में काफी अंतर है. SSY में 10 साल तक की उम्र के लिए निवेश किया जाता है, ताकि उनके भविष्‍य को सिक्‍योर बनाया जा सके. वहीं महिला सम्मान बचत पत्र को किसी भी उम्र की लड़की या महिला के लिए लिया जा सकता है. नाबालिग के लिए उसके गार्जियन अकाउंट ओपन करवा सकते हैं. MSSC का उद्देश्य सिर्फ महिलाओं को अधिक ब्याज देकर बचत करके पैसे बढ़ाने में मदद करना है.

मैच्‍योरिटी की अवधि

दोनों स्‍कीम्‍स की मैच्‍योरिटी अवधि में भी अंतर है. SSY में पैरेंट्स को 15 सालों तक निवेश करना होता है और 21 साल की उम्र पर ये पॉलिसी मैच्‍योर होती है. वहीं MSSC एक वन टाइम इनवेस्‍टमेंट स्‍कीम है, जो दो साल बाद ही मैच्‍योर हो जाती है.

डिपॉजिट लिमिट

दोनों ही स्‍कीम्‍स की डिपॉजिट लिमिट्स भी अलग-अलग हैं. SSY में मिनिमम 250 रुपए सालाना और मैक्सिमम 1.5 लाख रुपए तक जमा किए जा सकते हैं. वहीं MSSC में न्‍यूनतम 1000 और अधिकतम 2 लाख रुपए तक डिपॉजिट किए जा सकते हैं.

ब्‍याज दर में फर्क

MSSC में सरकार 7.5 फीसदी के हिसाब से ब्‍याज दे रही है, वहीं सुकन्‍या समृद्धि की ब्‍याज दर फिलहाल 8 फीसदी हो गई है. ऐसे में जरूरतों के हिसाब से आपको अपने फायदे को समझना चाहिए और उसके बाद कोई फैसला लेकर निवेश करना चाहिए.