निवेश और बचत को बनाएं सिंपल, इन्वेस्टमेंट की उलझन को कैसे रखें दूर, जानें यहां
निवेश में 2-3 तरह के अलग-अलग विकल्प होते हैं. एक ऑप्शन आपको फिक्स्ड रिटर्न (Fixed Return) देता है.
जब भी बचत (Saving) या निवेश (Investment) की बात आती है तो हम बड़ी ही उलझन में रहते हैं. हम हमेशा दूसरों के निवेश को देखकर अपने निवेश की तुलना करते रहते हैं. आज हमारे सामने निवेश के इतने विकल्प हो गए हैं कि समझ में नहीं आता कहां और कैसे निवेश करें. इस मामले में हर किसी की राय भी अलग-अलग रहती है. इसलिए निवेशक हमेशा उलझन में बना रहता है.
हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि जीवन में जितनी भी अच्छी चीजें होती हैं वे बहुत साधारण यानी सिंपल होती हैं. इस फार्मूले को निवेश के लिए भी लागू कर सकते हैं.
निवेश को दो हिस्सों में बांटें
अपने निवेश को दो अलग-अलग हिस्सों में विभाजित कर लें. एक हिस्सा इंश्योरेंस (Insurance) के लिए रखें और दूसरा हिस्सा इन्वेस्टमेंट के लिए.
इंश्योरेंस का हिस्सा
इंश्योरेंस में आपके पास एक टर्म प्लान (Term Insurance) होना ही चाहिए. अब टर्म प्लान में कितना कवर होना चाहिए. इसके लिए अपनी सालाना आमदनी का 15 गुना कवरेज में रखें. माना आप साल में 1 लाख रुपये कमाते हैं तो आपके पास 15 लाख रुपये का टर्म प्लान होना चाहिए.
दूसरा इंश्योरेंस होना चाहिए सेहत का. अगर आपकी कंपनी ने आपको हेल्थ इंश्योरेंस (Medical Insurance) दिया हुआ है फिर भी इसके अलावा आपके पास एक और हेल्थ इंश्योरेंस होना चाहिए. माता-पिता के लिए अलग से बीमा लें.
मेट्रो शहर में रहने वाले पति-पत्नी को 5-7 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए. अगर बच्चे भी हैं तो यह प्लान 10 लाख रुपये तक का होना चाहिए. माता-पिता के लिए अलग से कम से कम 5 लाख का प्लान लेकर रखना चाहिए.
इन्वेस्टमेंट का हिस्सा
निवेश में 2-3 तरह के अलग-अलग विकल्प होते हैं. एक ऑप्शन आपको फिक्स्ड रिटर्न (Fixed Return) देता है. वहां आपको एक निश्चित ब्याज मिलता है. इनमें बैंक आरडी, बैंक आरडी और बचत खाता शामिल होता है. पोस्ट ऑफिस की योजनाएं, पीपीएफ, एनएससी, पीएफ, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि योजना आदि योजनाएं इस ऑप्शन में आते हैं. डेट फंड में ओवरनाइट फंड और लिक्विड फंड में निवेश करें.
दूसरा ऑप्शन वह है जहां रिटर्न तय नहीं होता है. कभी ज्यादा तो कभी कम रिटर्न मिलता है. इनमें शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड्स, इंश्योरेंस कंपनियों के प्लान आदि आते हैं.
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निवेश में वैरायटी
याद रखें कि अपके निवेश में एकरूपता नहीं होनी चाहिए. निवेश की टोकरी में हर तरह के फल होने चाहिए. अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो इसमें भी वैरायटी रखें. लॉन्ग टर्म के लिए कम से कम 6-7 साल के लिए निवेश करें. शॉर्ट टर्म में भी कुछ पैसा जमा करें. डेट फंड्स (Debt funds) में भी लॉन्ग और शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करें.