Money Guru: जीवन बीमा के अलावा और भी हैं विकल्प, पोर्टफोलियो में इन्हें शामिल कर लें इंश्योरेंस का सुरक्षा कवच
Money Guru: अगर आपको भी अपने निवेश के पोर्टफोलियो को एक मजबूत सुरक्षा देना है तो आप इंश्योरेंस का सुरक्षा कवच ले सकते हैं. आइए जानते है हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के अलावा और कौन से बीमा हैं जरूरी.
Money Guru: जब कभी आप इंश्योरेंस लेने की सोचते हैं तो सबसे पहले आपके दिमाग में हेल्थ इंश्योरेंस या लाइफ इंश्योरेंस का ही खयाल आता है, लेकिन अगर आप अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो आपको इंश्योरेंस का सुरक्षा कवच लेना चाहिए. आपकी दैनिक जिंदगी से जुड़ी कई ऐसी चीजें है, जिनका सुरक्षित होना बेहद जरूरी है. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस को छोड़ और कौन से इंश्योरेंस आपको लेना चाहिए, जानते हैं इस रिपोर्ट में.
भारत में इंश्योरेंस की पहुंच
- इंश्योरेंस की सीमित पहुंच बड़ी चुनौती
- IRDAI की एन्युल रिपोर्ट 2020-21
- भारत में इंश्योरेंस GDP का सिर्फ 4.2%
- जबकि वैश्विक स्तर पर बीमा की पहुंच 7.4%
- मार्च 2021- नॉन लाइफ इंश्योरेंस की पहुंच महज 1%
इंश्योरेंस प्लानिंग क्यों जरूरी है?
- निवेश से भी पहले इंश्योरेंस कवर लें
- हेल्थ प्लान और टर्म प्लान सबसे जरूरी
- बढ़ते मेडिकल खर्च से निपटने के लिए जरूरी
- उम्र,आय, शहर, लाइफस्टाइल के मुताबिक प्लान लें
- इंश्योरेंस पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें
इंश्योरेंस में क्या जरूरी है?
- -टर्म इंश्योरेंस
- -डिसेबिलिटी इंश्योरेंस
- -हेल्थ इंश्योरेंस
- -ULIP
- -डेफर्ड एन्युटी प्लान
- -इमिडिएट एन्युटी प्लान
- -ट्रैवल इंश्योरेंस
- -मोटर इंश्योरेंस
- -होम इंश्योरेंस
- -मनी बैक पॉलिसी
- -साइबर इंश्योरेंस
डिसेबिलिटी इंश्योरेंस
- डिसेबिलिटी की स्थिति में आप कमा नहीं सकते
- परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है
- इंश्योरेंस की रकम मासिक आमदनी के रूप में मिलती है
- पर्मानेंट टोटल डिसेबिलिटी,पर्मानेंट पार्शियल डिसेबिलिटी
- टेम्परेरी टोटल डिसेबिलिटी इंश्योरेंस में कवर होते हैं
क्रिटिकल केयर इंश्योरेंस
- क्रिटिकल इलनेस प्लान में गंभीर बीमारियां कवर
- कैंसर,दिल का दौरा,किडनी की बीमारी आदि शामिल
- क्रिटिकल इलनेस राइडर, स्टैंडअलोन पॉलिसी मौजूद
- क्रिटिकल इलनेस राइडर में लिमिटिड बीमारियां कवर
- स्टैंडअलोन पॉलिसी एक कॉम्प्रेहेंसिव प्लान
- बीमारी के पता चलने पर मिलती है एकमुश्त रकम
- हेल्थ इंश्योरेंस से अलग क्रिटिकल इलनेस प्लान लें
कितना क्रिटिकल इलनेस कवर जरूरी?
- `1 लाख से `50 लाख तक सम-इंश्योर्ड सही
- अकेले कमाने वाले हैं तो जरूर लें
- फैमिली हिस्ट्री में गंभीर बीमारी है तो जरूर लें
- रिस्की लाइफस्टाइल, मेट्रो शहर निवासी हैं तो लें
- क्रिटिकल इलनेस में 90 दिन का वेटिंग पीरियड
टर्म इंश्योरेंस प्लान
- टर्म प्लान प्योर लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी है
- आपके बाद आपके परिवार का आर्थिक सहारा
- कम प्रीमियम में ज्यादा कवर मिलता है
- `1 करोड़ तक का प्लान, 500/महीना प्रीमियम पर
- टर्म इंश्योरेंस में डेथ बेनेफिट मिलता है
- पॉलिसी अवधि में मृत्यु होने पर रकम नॉमिनी को
- पूरी पॉलिसी अवधि तक जीवित रहने पर बेनेफिट नहीं
- टर्म प्लान के चुकाए गए प्रीमियम पर 80C टैक्स लाभ
कितना टर्म प्लान लें?
- उम्र और आय के हिसाब से टर्म प्लान लें
- 40 साल तक की उम्र- 20-30 गुना कवर सही
- 40-50 साल की उम्र- 10-15 गुना कवर लें
- 50 साल से ऊपर- 5 गुना कवर ले सकते हैं
- रिटायरमेंट तक लाइफ कवर के साथ जारी रखें
होम इंश्योरेंस पॉलिसी
- भारी बारिश और तूफान से घर को भी खतरा
- बारिश से घर/ऑफिस में नुकसान की भी आशंका
- घर में शॉर्ट सर्किट और आग लगने का खतरा होता है
- घर को बाढ़, तूफान से कवर करने के लिए इंश्योरेंस
- घर की सुरक्षा के लिए होम इंश्योरेंस लेना जरूरी
किन घटनाओं पर मिलता है कवर?
- आग लगना
- बिजली गिरना
- तूफान, सुनामी
- जमीन खिसकना
- भूकंप
- चोरी-डकैती
- आतंकी घटनाएं
- प्राकृतिक आपदाएं
साइबर इंश्योरेंस
- डिजिटल जोखिम के खिलाफ कवर
- ऑनलाइन फ्रॉड से हुए वित्तीय नुकसान का कवर
- अनधिकृत ट्रांजैक्शन,ऑनलाइन चोरी से नुकसान की भरपाई
- साइबर रिस्क के खिलाफ आर्थिक सुरक्षा
साइबर इंश्योरेंस क्यों जरूरी?
- डिजिटल ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी
- साइबर फ्रॉड मामलों में भी इजाफा
- ऑनलाइन ठगी होने पर होता है वित्तीय नुकसान
- नुकसान की भरपाई करता है इंश्योरेंस
साइबर इंश्योरेंस में क्या कवर होता है?
- रेंसमवेयर अटैक/साइबर एक्सटॉर्शन
- डाटा का नुकसान
- ई-मेल स्पूफिंग
- फिशिंग
- साइबर स्टॉकिंग
- मालवेयर से हुआ नुकसान
- थर्ड पार्टी प्राइवेसी, डाटा ब्रीच
ULIP
- ULIP-यूनिट लिक्ंड इंश्योरेंस पॉलिसी
- निवेश और बीमा पॉलिसी दोनों का फायदा
- प्रीमियम का एक हिस्सा निवेश दूसरा बीमा कवर के लिए
- निवेश इक्विटी, कॉरपोरेट डेट, G-sec में निवेश
- ULIP में 5 साल का लॉक-इन
- प्रीमियम पर 80C का टैक्स बेनेफिट
- इमरजेंसी में आंशिक निकासी का विकल्प
- सालाना `2.5 लाख से ऊपर प्रीमियम पर टैक्स
एन्युटी प्लान
- एक -इमीडिएट एन्युटी, दूसरी-डेफर्ड एन्युटी
- डेफर्ड एन्युटी प्लान- एकमुश्त राशि का निवेश
- डेफर्ड एन्युटी- रिटायरमेंट पर मासिक पेंशन
- इमीडिएट एन्युटी में निवेश के तुरंत बाद भुगतान शुरू
- इमीडिएट एन्युटी-रिटायरमेंट के करीब, तो अच्छा विकल्प
- डेफर्ड को इमीडिएट एन्युटी में बदलवा सकते हैं
- एन्युटी पर पॉलिसीधारक को कोई टैक्स बेनिफिट नहीं
- भुगतान आजीवन या निश्चित अवधि तक,धारक के हाथ में
- LIC की जीवन अक्षय पॉलिसी- इमीडिएट पेंशन प्लान
- LIC की जीवन शांति पॉलिसी- डेफर्ड पेंशन प्लान
ट्रैवल इंश्योरेंस
- यात्रा कैंसिल होने पर नुकसान की भरपाई
- मेडिकल आपदा में ट्रैवल इंश्योरेंस मददगार
- आंतकी घटना/परिवार में कोई घटना होने पर इंश्योरेंस का फायदा
- प्राकृतिक आपदा होने पर यात्रा में होने वाले नुकसान की भरपाई
- कनेक्टिंग फ्लाइट छूट जाने पर नुकसान की भरपाई होती है
- छुट्टियों के दौरान घर में चोरी हो जाती है तो ये भी कवर होता है
होम लोन इंश्योरेंस
- लोन लेने वाले के न रहने पर इंश्योरेंस कंपनी करेगी भरपाई
- कई कंपनियां लोन रीपेमेंट तक कवर करती हैं
- होम लोन इंश्योरेंस में बार-बार प्रिमियल पेमेंट नहीं
- होम लोन इंश्योरेंस में कंपनियों को एकमुश्त प्रीमियम भुगतान
- लोन डिफॉल्ट की चिंता नहीं रहती,जिम्मेदारी बीमा कंपनी की
- मृत्यु होने पर किस्त बीमा कंपनी भरती है,घर सुरक्षित रहता है
- प्राकृतिक आपदाओं में होने वाली मृत्यु,आत्महत्या कवर नहीं