Money Guru: रिटायरमेंट तक की प्लानिंग तो हम सभी ही करते हैं, लेकिन रिटायरमेंट के बाद की प्लानिंग उससे भी ज्यादा जरूरी होती है. यह कई मायनों में जरूरी होता है, क्योंकि आपके पास एक रेगुलर आय नहीं होती है लेकिन खर्चों में कोई कमी नहीं आती है. इसके साथ ही उम्र बढ़ने के साथ ही हेल्थ से जुड़े खर्चों में भी इजाफा हो जाता है. अपने रिटायरमेंट को प्लान करते समय बढ़ती महंगाई को भी ध्यान में रखना चाहिए. ऐसे में अगर आप भी अपने रिटायरमेंट को टेंशन फ्री बनाना चाहते हैं और खुद को जिंदगी की दूसरी पारी के लिए तैयार करना चाहते हैं, तो वाइजइन्वेस्ट के सीईओ हेमंत रुस्तगी और बजाज कैपिटल में फाइनेंशियल वेलबीइंग के ग्रुप डायरेक्टर अनिल चोपड़ा लेकर आए हैं कुछ खास टिप्स.

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सीनियर सिटीजन की निवेश प्लानिंग

60 के बाद जिम्मेदारियां होती हैं कम

रेगुलर आय के जरिए भी होते हैं कम

महंगाई जमा पूंजी को प्रभावित कर सकती है

सेहत पर ज्यादा ध्यान और खर्च की जरूरत

हेमंत रुस्तगी की राय

इक्विटी सेविंग फंड

बैलेंस्ड एडवांटेज फंड

एग्रेसिव इक्विटी हाइब्रिड फंड

इंडेक्स फंड

FMP

सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान

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अनिल चोपड़ा की राय

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम

प्रधानमंत्री व्यय वंदन योजना

फ्लोटिंग रेट बॉन्ड

सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान

जीवन अक्षय योजना

60 के बाद इक्विटी?

महंगाई को मात देने के लिए

बेहतर रिटर्न के लिए

रिटायरमेंट के बाद खर्चे

रेगुलर आय पाने के लिए

महंगाई की गणना क्यों जरूरी?

महंगाई को जोड़कर सही रकम का अंदाजा लगाएं

रिटायरमेंट पर `50 हजार आय आज के हिसाब से सही

महंगाई को जोड़कर शायद रकम नाकाफी हो

7% महंगाई दर से 65 साल तक `70 हजार आय की जरूरत होगी

70 साल की उम्र तक `1 लाख/महीना आय की जरूरत होगी

रिटायरमेंट के बाद डेट निवेश

डेट में निवेश सुरक्षित,  महंगाई को मात देने वाला नहीं

निवेश वहां जहां रिटर्न महंगाई दर से ज्यादा मिले

बढ़ती महंगाई, कम ब्याज दर से पर्याप्त आय मिलना मुश्किल

रिटायरमेंट पर जमा राशि को डेट के साथ इक्विटी में डालें

रिटायरमेंट के बाद 20 साल तक के लिए इक्विटी निवेश सही

रेगुलर आय का निवेश कैसा हो?

आय जो महंगाई को मात दे

पोस्ट टैक्स बेहतर रिटर्न मिले

जरूरी खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हो

लिक्विडिटी ज्यादा और रिस्क कम हो

सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान

म्यूचुअल फंड से रेगुलर आय का तरीका

मासिक, तिमाही, छमाही, सालाना स्तर पर पैसे मिलेंगे

अवधि और रकम, पहले से तय कर सकते हैं

तय समय पर ऑटोमैटिक पैसे अकाउंट में आ जाते हैं

SWP के जरिए नियमित अंतराल पर पैसे निकाल सकते हैं

NAV के आधार पर हर महीने पैसे निकालने का विकल्प

पैसे आपके फंड से यूनिट्स बिकने से मिलते हैं

फंड में पैसा खत्म होने पर SWP बंद हो जाएगा

फिक्स्ड मच्योरिटी प्लान

तय मैच्योरिटी वाले डेट फंड होते हैं

FMP क्लोज्ड एंडेड डेट फंड होते हैं

सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट में निवेश

कमर्शियल पेपर में होता है निवेश

मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट, NCD में निवेश

NCD- नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर

FMP स्टॉक मार्केट में भी लिस्ट होते हैं

फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान की खासियत

1 महीने से लेकर 5 साल तक की मैच्योरिटी

FMP का बैंक FD में भी होता है निवेश

FMP में बैंक FD से बेहतर रिटर्न

FMP में निवेश से टैक्स छूट का फायदा

इनका एक्सपेंस रेश्यो, लिक्विडिटी कम होती है