मनी गुरु: बच्चों के भविष्य के लिए काम आएगी ये प्लानिंग, जानिए कहां करें निवेश?
नन्हे मेहमान के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग कैसे करें? उसकी हर छोटी-बड़ी जरूरत का ख्याल कैसे रखें? नन्हे मेहमान का भविष्य कैसे करें सिक्योर और कहां उसकी खातिर करें निवेश?
घर में जल्द ही नन्हे मेहमान की किलकारियां गूंजने वाली हैं? नन्हे मेहमान के स्वागत की तैयारियां चल रही हैं? स्वागत की इन तैयारियों के साथ नन्हे मेहमान के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करना भी जरूरी है. ताकि उसकी मुस्कुराहटों से घर गुलजार होता रहे और आप बिना किसी वित्तीय चिंता के नन्हे मेहमान के साथ हंस-खेल सकें. नन्हे मेहमान के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग कैसे करें? उसकी हर छोटी-बड़ी जरूरत का ख्याल कैसे रखें? नन्हे मेहमान का भविष्य कैसे करें सिक्योर और कहां उसकी खातिर करें निवेश? नन्हे मेहमान के स्वागत के लिए वित्तीय स्तर पर आपको क्या तैयारियां करनी चाहिए?
फाइनेंशियल प्लानिंग क्यों जरूरी?
- घर में नन्हे मेहमान के साथ आती हैं कई जिम्मेदारी.
- बच्चे के जन्म के साथ अचानक आ जाते हैं कई खर्च.
- कुछ बच्चों के लिए खास चिकित्सा सुविधाएं जरूरी.
- बच्चे की किलकारियां गूंजने से पहले तैयारी अहम.
- महिलाओं को नौकरी से ब्रेक लेने में मदद मिलेगी.
- ब्रेक लेने के बाद पति पर नहीं पड़ेगा पूरा भार.
किस तरह के खर्च बढ़ते हैं?
- घर खर्च में 10% से ज्यादा की बढ़त संभव.
- शिक्षा, खिलौने समेत कई जरुरतों का खर्च.
- शुरुआती सालों में खर्च थोड़ा कम रहता है.
- जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, खर्च बढ़ता है.
किन लक्ष्यों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग?
- बच्चे के सुरक्षित भविष्य की खातिर लक्ष्य तय करें.
- प्लानिंग से पहले लक्ष्य और उसकी अवधि तय करें.
- नन्हे मेहमान की शिक्षा, शादी के लिए प्लानिंग.
- बर्थडे पार्टी, धार्मिक संस्कारों के लिए प्लानिंग हो.
- बच्चे के लिए हर साल एक तय रकम तैयार रखें.
- दो बच्चे चाहते हैं तो दोनों के लिए प्लानिंग जरूरी.
- माता-पिता, नन्हे मेहमान के लिए हो मेडिकल कवर.
लंबी अवधि के लक्ष्य
- इक्विटी म्यूचुअल फंड में SIP शुरू कर दें.
- बच्चों के लिए खास फंड में भी निवेश करें.
- ये निवेश लंबी अवधि के लक्ष्यों की खातिर.
- लक्ष्य 15 से 20 साल के, उनके लिए बेहतर.
- बच्चे की शिक्षा, शादी का लक्ष्य होगा पूरा.
छोटी अवधि के लक्ष्य
- छोटी अवधि के लक्ष्यों के लिए भी निवेश जरूरी.
- हाइब्रिड/डेट फंड में एकमुश्त निवेश करें.
- चिल्ड्रन मनी बैक प्लान, PPF, सुकन्या योजना.
- FD, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स का विकल्प भी मौजूद.
- इस निवेश से छोटी-मध्य अवधि के लक्ष्य होंगे पूरे.
अन्य खर्च
- बच्चे के समर कैंप, क्लासेस, ट्रिप्स, गैजेट का खर्च.
- इन खर्चों के लिए कॉन्टीजेंसी फंड में निवेश बेहतर.
- हर साल बच्चे के नाम पर सोना खरीदना भी सही.
बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस
- नन्हे मेहमान के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी.
- बच्चे को माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस में करें शामिल
- बच्चे के लिए अलग से हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी नहीं.
बच्चे का भविष्य सुरक्षित कैसे करें?
- बच्चे की सुरक्षा के लिए टर्म कवर लेना जरूरी.
- मेडिक्लेम इंश्योरेंस में बच्चे का नाम भी जोड़ लें.
- बच्चे के नाम पर निवेश शुरू कर दें.
- बच्चे के होने से पहले कर्ज मुक्त हो जाएं तो बेहतर.
- लोन चल रहे है तो MWP एक्ट के साथ टर्म कवर लें.
- MWP- Married Women's Property Act.
- क्रिटिकल इलनेस, पर्सनल एक्सिडेंट कवर भी अहम.
महिलाओं के लिए चुनौती
- बच्चा होने के बाद मां पर सबसे ज्यादा जिम्मेदारी.
- सातों दिन, चौबीसों घंटे बच्चे का ख्याल रखना है.
- मां को नौकरी से 3 से 6 महीने का ब्रेक लेना पड़ता है.
- कई बार यह ब्रेक एक साल का भी हो जाता है.
- मां के लिए बच्चे का ख्याल रखना प्राथमिकता.
- ख्याल रखने के लिए कई बार नौकरी छोड़नी पड़ती है.
एक सदस्य की इनकम के सहारे
- बच्चा होने के बाद पूरा भार एक आय पर न आए.
- इसलिए पहले ही फाइनेंशियल प्लानिंग अहम.
- बच्चा होने के बाद एक ही आय पर खर्च का भार.
- ऐसे में मां-बाप, दोनों पर होता है भारी दबाव.
- घर के बढ़ते खर्च से निपटने में आएगी दिक्कत.
- पहले ही सभी खर्चों के लिए प्लान करना सही.
विल कितनी जरूरी?
- बच्चा होने के बाद अपनी विल बनाना अच्छा.
- पहले से ही विल बनी है तो उसे अपडेट कर लें.
- बिना रोकटोक आपकी संपत्ति बच्चे को मिलेगी.
- अपने निवेश में बच्चे को रख सकते हैं नॉमिनी.
- इसका जिक्र अपनी विल में भी कर लेना बेहतर.
- बच्चे के लिए गार्जियन भी नियुक्त करना अहम.
क्या दस्तावेज चाहिए?
- निवेश के लिए बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र जरूरी.
- पासपोर्ट या आधार कार्ड भी तैयार रखें.
पसंदीदा फंड्स
- HDFC Children's Gift Fund
- ABSL Bal Bhavishya Yojna