MF Vs ULIP : सिर्फ टैक्स बचाने से नहीं बनेंगे करोड़पति, इस तरह ही डबल होगी मनी
LTCG आने के बाद से ही इंश्योरेंस कंपनियां यूलिप (ULIP) को टैक्स फ्री करने की मांग कर रही हैं. लोगों को यूलिप में निवेश के लिए प्रोत्साहित भी कर रही हैं.
LTCG आने के बाद से ही इंश्योरेंस कंपनियां यूलिप (ULIP) को टैक्स फ्री करने की मांग कर रही हैं. लोगों को यूलिप में निवेश के लिए प्रोत्साहित भी कर रही हैं. लेकिन केवल टैक्स बचाने के मुद्दे पर ही निवेश करने के लिए किसी इंस्ट्रूमेंट को जज करना सही है क्या? बेस्ट फिन कंसलटेंट्स LLP के फाउंडर सुशील जैन ने बताया कि निवेश करने से पहले हमें कई बातों का खयाल रखना चाहिए. कई लोग पूछते हैं कि क्या म्यूचुअल फंड (MF) सही रहेगा या फिर ULIP में निवेश करना सही होगा?
क्या है ULIP?
- ये एक तरह का जीवन बीमा है
- इसमें बाजार में निवेश, बीमा का फायदा
- 10(10d) के तहत पूरी तरह से टैक्स फ्री
- इसमें निवेशकों के पास कई विकल्प मौजूद
- इक्विटी, डेट और लिक्विड फंड के विकल्प
- एक फंड से दूसरे में जाने पर कोई टैक्स नहीं
- लंबी अवधि के लिए होता है निवेश
- मैच्योरिटी से पहले सरंडर पर लगता है चार्ज
- सिर्फ टैक्स बचाने के लिए इसमें न करें निवेश
ULIP के चार्जेज
- पॉलिसी एडमिनिस्ट्रेशन चार्ज
- पॉलिसी अलोकेशन चार्ज
- फंड मैनेजमेंट चार्ज
- राइडर चार्ज
- स्विचिंग चार्ज
- मॉर्टिलिटी चार्ज
- टॉप-अप चार्ज
- प्रीमियम डिस्कन्टिन्यूएंस चार्ज
ULIP Vs MF : इनकम टैक्स में छूट
- टैक्स में छूट के मामले में ULIP आगे
- LTCG आने के बाद ULIP टैक्स छूट में आगे
- MF में लंबी अवधि में होने वाले लाभ लगता है टैक्स
- एक साल से कम के निवेश पर लगता है STCG
- ULIP में इंश्योरेंस होने से यह पूरी तरह टैक्स फ्री
- 1 अप्रैल 2018 को लगाया गया था LTCG
- ULIP में सालाना चार्ज 1.5% से भी कम
- ULIP में मॉर्टिलिटी चार्जे लगता है जो ज्यादा है
- मॉर्टिलिटी चार्ज निवेश की रकम को कम कर देता है
रिटर्न
- म्यूचुअल फंड से मिलते हैं ज्यादा अच्छे नतीजे
- लंबी अवधि में म्यूचुअल फंड में निवेश ज्यादा कारगर
- सिर्फ NAV आधार, तो भी ULIP से आगे म्यूचुअल फंड
- ULIP के रिटर्न MF की तुलना में 100-300 बेस प्वाइंट कम
- लार्ज कैप ULIP का औसत ग्रोथ 15.51%
- लार्ज कैप म्यूचुअल फंड का औसत ग्रोथ 18.83%
- रिटर्न में इस अंतर का असर 15-20 साल में बहुत ज्यादा
फ्लेक्सीबिल्टी
- म्यूचुअल फंड में आसानी से बदलाव संभव
- निवेश को रोकना भी म्यूचुअल फंड में संभव
- निवेश दोबारा भी आसानी से शुरू कर सकते हैं
- ULIP में ये सुविधा नहीं मिलती है
- ULIP लंबी अवधि की योजना होती है
- योजना की पूरी अवधि तक प्रीमियम का भुगतान जरूरी
- प्रीमियम को बीच में नहीं रोका जा सकता
- ULIP लेने का मतलब है क्लोज एंडेड फंड में निवेश
- योजना पूरी होने तक उसी कंपनी, पॉलिसी के साथ बने रहना जरूरी
- MF में निवेश करनेवालों को इस तरह का कोई भी बंधन नहीं
- कभी भी अच्छे रिटर्न देने वाले फंड में निवेश बदल सकते हैं
- जब चाहे निवेश को बंद कर रिटर्न हासिल कर सकते हैं
पारदर्शिता
- बहुत सारी एजेंसियां MF की निगरानी करती रहती हैं
- निवेशक अपना पोर्टफोलियो आसानी से देख सकते हैं
- हर किस्म की जानकारी भी ले सकते हैं
- सेक्टर्स, मार्केट सेगमेंट, निजी स्टॉक की जानकारी ले सकते हैं
- ULIP में भी निवेशक पूरी जानकारी ले सकते हैं
- ULIP की निगरानी बड़े स्तर पर नहीं होती
- बेहतर प्रदर्शन करने वाले ULIP की जानकारी केवल कुछ निवेशक ही जान पाते हैं
लिक्विडिटी
- MF में निवेश से पैसे निकालना ज्यादा आसान
- निवेशक अपनी मर्जी से निवेश बंद कर सकता है
- निवेशक अपनी मर्जी से पूरी रकम निकाल सकता है
- अपनी मर्जी से पैसे निकालने की सुविधा ULIP में नहीं
- ULIP में 5 साल का लॉक-इन होता है
- 5 साल बाद कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं
ईज एंड च्वाइस
- म्यूचुअल फंड्स में निवेश शुरू करना बहुत आसान
- किसी भी म्यूचुअल फंड को चुनें और निवेश शुरू करें
- ULIP में कुछ ही विकल्प मौजूद होते हैं
- MF में निवेश के लिए KYC पूरी करनी जरूरी
- KYC पूरी करने के बाद किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं
- ULIP में MF जैसे विकल्प मौजूद नहीं होते
- ULIP में कई स्तरों पर दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं
- ULIP में निवेश से पहले मेडिकल टेस्ट करवाना पड़ता है
- ITR के कागजात को भी जमा करना पड़ सकते हैं
इन बातों का रखें खयाल
- जोखिम उठाने की क्षमता
- लॉक इन पीरियड
- पारदर्शिता
- इनकम टैक्स में छूट
- रिस्क कवर
- फाइनेंशियल गोल
- कितने समय के लिए निवेश
- रिटर्न
- फ्लेक्सीबिल्टी
- लिक्विडिटी
कब म्यूचुअल फंड है सही?
- छोटी या मध्यम अवधि के लक्ष्य हों
- पोर्टफोलियो में टर्म इंश्योरेंस शामिल हो
- हाई लिक्विडिटी चाहते हों
- हाई या मीडियम रिस्क उठाने की क्षमता हो
कब ULIP है सही?
- लंबे समय के लिए कम जोखिम के साथ निवेश करना है
- लाइफ कवर को भी प्लान में शामिल करना है
- जोखिम उठाने की क्षमता कम है
- आप टैक्स बचाना चाहते हैं