मध्य प्रदेश सरकार, अपात्र लोगों द्वारा राशन प्राप्‍त करने की शिकायतों पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए राज्य सरकार स्मार्ट पीडीएस सिस्टम बनाएगी. मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया है. स्‍मार्ट PDS सिस्‍टम बनाने के पीछे राज्‍य सरकार का मकसद है कि सभी जरूरतमंदों को उसके हिस्से का राशन मिल सके.

डुप्‍लीकेसी रोकने के लिए महत्‍वपूर्ण कदम

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इस मामले में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसके लिए जरूरी है कि स्मार्ट पीडीएस सिस्टम बनाएं क्योंकि, डुप्लीकेसी भी होती है. एक व्यक्ति के कई स्थान पर कार्ड बन जाते हैं और इसके कारण पात्र व्यक्ति को उसका हक नहीं मिल पाता. यही वजह है कि हम स्मार्ट पीडीएस सिस्टम बनाने जा रहे हैं.

केंद्र और राज्‍य सरकार की ओर से ग्रांट दी जाएगी

नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार ने भी राशि दी है और राज्य सरकार की ओर से मैचिंग ग्रांट दी जाएगी. इस तरह वितरण प्रणाली में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने में काफी आसानी होगी. 

सुरक्षा एजेंसी के लिए भी राज्‍य सरकार ने बनाए नियम

उन्होंने आगे बताया कि निजी सुरक्षा एजेंसी के लिए भी राज्य सरकार ने नियम बनाए हैं. इन एजेंसी में काम करने वाले व्यक्तियों का भी लेखा-जोखा तैयार किया जाएगा. इन एजेंसी को केंद्र और राज्य सरकार के नियमों का पालन करना होगा और उसके बाद ही उन्हें अनुमति दी जाएगी. विभिन्न बैंकों की राशि का परिवहन भी इन सुरक्षा एजेंसियों के जवानों की देखरेख में होता है, इस संदर्भ में भी सरकार ने फैसला लिया है. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में बैकलॉग के लगभग 17,000 पद खाली थे, जिनमें से 7,000 भरे जा चुके हैं और 10,000 पद अभी खाली हैं. इसके लिए एक वर्ष की अवधि बढ़ाई गई है और आगामी समय में बैकलॉग के सभी पदों को भरा जाएगा.