गैस एजेंसी का कारोबार बेहद सफल माना जाता है. इसे लेने की प्रक्रिया भी काफी आसान है. तेल कंपनियां लगातार फ्रेंचाइज मॉडल के तौर पर LPG डिस्ट्रीब्यूटर्स की तलाश करती हैं. इसके लिए कई तरह के आवेदन निकाले जाते हैं. हर कंपनी की डिस्ट्रीब्यूटरशिप देने की अलग प्रक्रिया है. लेकिन, इन दिनों इंटरनेट पर कई ऐसी वेबसाइट हैं, जो हूबहू तेल कंपनियों के नाम जैसी दिखती हैं. ऐसे में इनके झांसे में फंसकर आप अपनी गाढ़ी कमाई से हाथ धो सकते हैं. 

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पिछले कुछ समय में कई ऐसी शिकायतें आई हैं, जिनमें गैस एजेंसी के रजिस्ट्रेशन के नाम पर लोगों से ठगी की गई. दरअसल, गैस एजेंसी के लिए जब भी कोई कंपनी आवेदन जारी करती है तो उसकी सूचना अखबार या दूसरे विज्ञापनों के जरिए की जाती है. आवेदन के लिए कंपनी की वेबसाइट पर पूरी जानकारी होती है. बस इसी का फायदा उठाकर कुछ जालसाजों ने ऐसी ही कुछ वेबसाइट बनाई हैं. ये वेबसाइट आसानी से सर्च इंजन में दिख जाती हैं. यहां आपको गैस एजेंसी के रजिस्ट्रेशन के लिए कहा जाता है. बस यहीं से खेल शुरू होता है.

गैस एजेंसी लेने के लिए किए जा रहे इन रजिस्ट्रेशन में मोबाइल नंबर, नाम-पते के साथ आधार जैसी जरूरी जानकारी मांगी जाती हैं. अगर कोई भी इन फर्जी वेबसाइट के झांसे में आ गया तो वो अपने बैंक अकाउंट में रखी सारी रकम गवां सकता है. सरकार ने खुद इसे लेकर चेतावनी जारी की है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस तरह के फर्जीवाड़े से लोगों को सावधान रहने को कहा है. सरकारी संस्था ने चेतावनी दी है कि इस स्कीम के जरिए लोगों को ठगा जा रहा है. इनके झांसे में न आएं.

पूरी तरह फर्जी स्कीम

PIB के मुताबिक, केंद्र सरकार ने ऐसी कोई स्कीम नहीं चलाई है, यह पूरी तरह फर्जी स्कीम हैं. देश की प्रमुख आयल मार्केटिंग कंपनियों के एलपीजी एजेंसी देने की अपनी प्रक्रिया है और वे किसी तरह के रजिस्ट्रेशन के लिए कोई चार्ज नहीं लेती हैं. आयल मार्केटिंग कंपनियां अपनी तरफ से ईमेल या मैसेज भेजकर इस तरह एजेंसी देने का वादा भी नहीं करती हैं. लोगों को झांसे में फंसाने के लिए सोशल मीडिया या मैसेज के जरिए जालसाज केंद्र सरकार या पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों की तरफ से गैस एजेंसी देने की सूचना देते हैं. पीआईबी ने कहा है कि इस तरह की स्कीम के नाम पर बेवकूफ बनाने की कोशिश की जा रही है, लिहाजा सावधान रहें.

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दो तरह से होता है फर्जीवाड़ा

गैस एजेंसी दिलाने का दावा करने वाले ये जालसाज दो तरह से फर्जीवाड़े को अंजाम देते हैं. पहला स्कीम की फीस के जरिए आपसे कोई एकमुश्त रकम ठग ली जाएगी. आपसे रजिस्ट्रेशन के लिए होम पेज पर रजिस्टर करने को कहा जाएगा. इसके बाद रजिस्ट्रेशन और सेलेक्शन के नाम पर 10,000-20000 रुपए बतौर फीस मांगे जाते हैं. एक बार फीस वसूलने के बाद वे अपना मोबाइल नंबर बदल देते हैं. दूसरा तरीका यह है कि आपके आधार से जुड़े बैंक अकाउंट के माध्यम से होता है. आधार, नाम और पते की मदद से धोखेबाज आपका बैंक अकाउंट नंबर या डेबिट कार्ड नंबर निकाल लेते हैं. फिर गैस एजेंसी लेने की औपचरिकता में आपको उलझाकर आपसे ओटीपी मांगकर आपके बैंक खाते से रकम उड़ा देते हैं.