Life insurance rule change: बीमा पॉलिसी को सरेंडर से संबंधित नया दिशानिर्देश 1 अक्टूबर 2024 से लागू होने जा रहा है. ऐसा अनुमान है कि इससे बीमा का प्रीमियम (Insurance Premium) बढ़ सकता है या फिर बीमा एजेंटों के कमीशन में कटौती हो सकती है. इस साल की शुरुआत में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने अपनी जीवन बीमा पॉलिसियों से जल्दी बाहर निकलने वाले पॉलिसीधारकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए 'सरेंडर वैल्यू' (Surrender Value) संबंधी संशोधित दिशानिर्देश पेश किए थे.

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बीमा में 'सरेंडर वैल्यू' का मतलब उस राशि से है जो पॉलिसी की मैच्योरिटी डेट से पहले पॉलिसी लौटाने पर बीमा कंपनी की तरफ से पॉलिसीधारक को भुगतान की जाती है. अगर पॉलिसीधारक पॉलिसी चलते समय उसे लौटाने का फैसला करता है तो उसे आय और बचत का हिस्सा दिया जाएगा.

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नियामक ने बीमा कंपनियों को ‘सरेंडर’ के दौरान लौटाई जाने वाली राशि तय करते समय पॉलिसी से बाहर निकलने वाले और जारी रखने वाले पॉलिसीधारकों दोनों के लिए 'औचित्य और मूल्यपरकता' सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया है.

बढ़ जाएगी प्रीमियम की राशि

प्राइवेट सेक्टर की बीमा कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संशोधित ‘सरेंडर’ चार्जेज की भरपाई के लिए जीवन बीमा कंपनियां या तो प्रीमियम की राशि बढ़ाएंगी या फिर अपने एजेंटों के कमीशन में कटौती करेंगी. केयरएज रेटिंग्स के निदेशक गौरव दीक्षित ने कहा, बीमा उत्पाद और कमीशन स्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इससे चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में प्रीमियम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

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अधिकांश बीमा कंपनियों ने इन प्रावधानों को पूरा करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव की तैयारी कर ली है. इनमें से अधिकांश कंपनियों के पास जीवन बीमा दिग्गज एलआईसी (LIC) की तुलना में सीमित संख्या में पॉलिसी हैं. वहीं एलआईसी को नियामक के निर्देशों को पूरा करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव का एक बड़ा काम करना है.