कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 50 प्रतिशत से अधिक अंशधारक ऐसे हैं जिनका KYC उनके सार्वभौमिक खाता संख्या (UAN) से जुड़ा नहीं हैं. इस वजह से ऐसे अंशधारक EPFO के ऑनलाइन सेवाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. पिछले चार साल से KYC के लिए यह कवायद जारी है लेकिन यह आज भी लंबित है.

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सरकार ने ईपीएफओ के दायरे में आने वाली कंपनियों और संस्थानों से पीएफ अंशधारकों को यूएएन और KYC के मिलान को 100 प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिया है. इसमें कहा गया है कि KYC की सूचनाओं को UAN से जोड़ना अनिवार्य है और ऐसा न करना एक दंडनीय अपराध होगा.

वर्ष 2014 में UAN की शुरुआत हुई

आपको बता दें, वर्ष 2014 में ईपीएफओ ने ईपीएफओ से जुड़ी सेवाओं में तेजी लाने और सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अंशधारकों के लिए 12 अंकों वाला यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) जारी करना शुरू किया. यह UAN भविष्य निधि से जुड़ी सभी सेवाओं के लिए अनिवार्य है.

ये दस्तावेज होते हैं शामिल

यूएएन से जुड़े केवाईसी में आधार नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, पैन और अंशधारक का मोबाइल नंबर शामिल होते हैं. जब अंशधारक अपना केवाईसी यूएएन के साथ जोड़ लेता है तो वह अपने मोबाइल फोन से पीएफ अकाउंट से संबंधित जानकारी वास्तविक समय में हासिल कर सकता है.  

केवाईसी कराने के क्या हैं फायदे

-जिन खातों में KYC डॉक्यूमेंट की प्रक्रिया पूरी हुई रहती है उन्हें कभी भी पैसे ट्रांसफर या निकासी में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है

-अगर आपके पीएफ अकाउंट में बैंक खाते की जानकारी अपडेटेड नहीं होती है तो क्लेम रिक्वेस्ट रिजेक्ट भी हो सकती है.

-अगर आपने केवाइसी डॉक्यूमेंट्स जमा नहीं करा रखे हैं तो ईपीएफ सदस्य को कोई एसएमएस अलर्ट आपको नहीं मिलेगा

-ईपीएफओ यूएएन पोर्टल https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ पर जाकर आप अपना KYC अपडेट कर सकते हैं