Car Insurance: कार इंश्योरेंस दो तरह से क्लेम किया जा सकता है, कैशलेस या फिर भरपाई (reimbursement) के रूप में. कैशलेस क्लेम के लिए आपको इंश्योरेंस नेटवर्क में आने वाले गैरेज में जाकर कार की जांच करवाना जरूरी है. ऐसे में आपको किसी तरह का पैसा नहीं देना होता है. दूसरा तरीका यानि कि भरपाई (reimbursement) में आप नॉन-नेटवर्क गैरेज में अपनी कार ले जा सकते हैं. लेकिन यहां आपको इनिशियल पेमेंट करना होता है. बाद में ये पेमेंट बीमा कंपनी द्वारा सेटल कर दिया जाता है. HDFC ERGO की मानें तो कार इंश्योरेंस हर तरह की कंडीशन में सेटल नहीं किया जाता है. कुछ ऐसे कारण भी होते हैं जिनके चलते आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है. आइए जानते हैं ऐसे ही 5 कारणों के बारे में.

1. ड्रंक ड्राइविंग के दौरान हुआ डैमेज 

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शराब पीकर वाहन चलाना कानूनी अपराध है. अगर ऐसे में आप ड्रंक ड्राइविंग के दौरान अपने वाहन को किसी तरह का नुकसान पहुंचाते हैं, तो ये क्लेम बीमा कंपनी द्वारा सेटल नहीं किया जाएगा.

 

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2. प्राइवेट कार को कमर्शियल तरह से यूज करना

प्राइवेट और कमर्शियल दोनों तरह के वाहनों के लिए अलग तरह के कवरेज और नियम होते हैं, ऐसे में अगर आप अपने प्राइवेट कार को कमर्शियली यूज कर रहे हैं और इस दौरान किसी तरह का नुकसान अगर आपकी गाड़ी को होता है, तो इस तरह का इंश्योरेंस क्लेम सेटल नहीं किया जाता है.

3. लापरवाही के चलते हुआ नुकसान 

अगर आप नो-पार्किंग एरिया में गाड़ी खड़ी करते हैं और आपकी इस तरह की लापरवाही के चलते गाड़ी को कोई नुकसान पहुंचता है, तो यह इंश्योरेंस क्लेम सेटल नहीं किया जाता है.

4. इंश्योरेंस समय रहते रीन्यू न करवाने पर 

अगर आप कार इंश्योरेंस (Car Insurance) समय रहते रीन्यू नहीं करवाते हैं तो आपको कुछ दिन का समय ग्रेस पीरियड की तरह दिया जाता है. इस समय के दौरान पैसे जमा करना आपके लिए जरूरी है. इसके बाद अगर किसी तरह का हादसा होता है तो आपका क्लेम सेटल नहीं किया जाता है.

5. लाइसेंस के बिना हुए हादसे 

अगर आप बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाते हैं और इस दौरान किसी हादसे का शिकार होते हैं, तो ऐसे में किसी तरह का नुकसान क्लेम से सेटल नहीं किया जाता है.