बैंकों के फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट से कहीं बेहतरीन रिटर्न देने वाले इक्विटी म्‍युचुअल फंड निवेशकों के पसंदीदा है. वजह यह है कि न सिर्फ इसमें निवेश करना आसान है बल्कि इससे झटपट पैसे भी निकाल सकते हैं. अगर आप सिर्फ इसलिए म्‍युचुअल फंडों में निवेश नहीं करते कि इसमें से पैसा निकालना मुश्किल है तो आइए हम आपकी इस मुश्किल को आसान बना देते हैं. इसका प्रोसेस काफी आसान है, आप आजमा कर तो देखिए. 

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म्‍युचुअल फंड यूनिट रिडीम करने का प्रोसेस

अगर आप म्‍युचुअल फंड के यूनिट रिडीम करना चाहते हैं यानी अपने पैसे निकालना चाहते हैं तो इसकी प्रक्रिया आप किसी भी कारोबारी दिन शुरू कर सकते हैं. अगर आप खुद जाकर यह काम करना चाहते हैं तो आपको म्‍युचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट से पहले ट्रांजैक्‍शन स्लिप डाउनलोड करना होगा. उसे अच्‍छी तरह भर लीजिए. इस रिडेंप्‍शन अप्लिकेशन को आप म्‍युचुअल फंड कंपनी के ऑफिस में जमा करवा सकते हैं. आप चाहें तो म्‍युचुअल फंड कंपनियों की ऑनलाइन सुविधा का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं. कई म्‍युचुअल फंड कंपनियां अपनी वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन रिडेंप्‍शन (म्‍युचुअल फंड यूनिट भुनाने) की सुविधा उपलब्‍ध कराती हैं. अगर आपने ऑनलाइन पोर्टल के जरिए निवेश किया है तो आप ऑनलाइन फैसिलिटी का इस्‍तेमाल करते हुए अपने यूनिट रिडीम कर सकते हैं.

अकाउंट में पैसे आने में लगेगा सिर्फ इतना वक्‍त

अगर आपने लिक्विड या डेट ओरिएंटेड म्‍युचुअल फंडों में निवेश किया हुआ है तो आपको एक से दो दिनों में पैसे मिल जाएंगे. इक्विटी फंडों का पैसा 4-5 दिनों में निवेशकों के अकाउंट में आ जाता है. गौर करने वाली बात यह है कि अगर आपने इक्विटी फंडों में निवेश किया हुआ है और यूनिट खरीदने के 365 दिनों के भीतर उसे भुना रहे हैं तो आपको 1% का एक्जिट लोड देना पर सकता है. लिक्विड फंड, अल्‍ट्रा शॉर्ट टर्म फंड्स आदि पर कोई एक्जिट लोड नहीं लगता है.

आपके पास ऐसे आते हैं म्‍युचुअल फंड के पैसे

म्‍युचुअल फंड का यूनिट रिडीम करने से प्राप्‍त होने वाले पैसे सीधे आपके बैंक खाते में हैं अगर आपने निवेश के समय बैंक की सारी डिटेल दी हुई है. अगर म्‍युचुअल फंड कंपनी के पास आपकी बैंक की पूरी डिटेल नहीं है तो फिर आपको चेक से पैसे भेज दिए जाएंगे.