कंपनियां हर साल अपने कर्मचारियों को Form 16 जारी करती हैं. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि Form 16 क्‍यों जरूरी है? दरअसल, Form 16 में आपकी पूरे साल की इनकम और इन्‍वेस्‍टमेंट के साथ-साथ ब्‍याज से होने वाली इनकम वगैरह डाटा होता है. ये डाटा कंपनी अपने कर्मचारी से हर साल जनवरी में मांगती है और फिर उसे Form 16 में दर्ज करती है. लेकिन उस इन्‍वेस्‍टमेंट का क्‍या, जो आपने फरवरी से मार्च के बीच किया है और उसका डाटा Form 16 में नहीं है? इससे कर्मचारी कन्‍फ्यूजन में रहते हैं कि Form 16 के अतिरिक्‍त इन्‍वेस्‍टमेंट की टैक्‍स छूट कैसे लें?

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क्‍या है Form 16

Form 16 वह डॉक्‍यूमेंट में है, जिसमें, इनकम, इन्‍वेस्‍टमेंट और इनकम टैक्‍स डिडक्‍शन (TDS) का जिक्र होता है. TDS यानि कर्मचारी की टैक्‍सेबल इनकम से कटौती. यह TDS इनकम टैक्‍स ऑफिस के पास पहले जमा होता है.  

वापस मिलेगा रिफंड

टैक्‍स मामलों के जानकर और CA अरविंद दुबे ने 'जी बिजनेस' डिजिटल को बताया कि अगर कर्मचारी ने 1 फरवरी से 31 मार्च के बीच कोई नया निवेश किया है, जो फॉर्म 16 में दर्ज नहीं है तो वह उस पर टैक्‍स रिबेट ले सकता है. कर्मचारी को इस इन्‍वेस्‍टमेंट के बारे में ITR (Income Tax Return) में बताना होगा. इससे अगर टैक्‍स ज्‍यादा भी कट गया है तो ITR फाइलिंग के बाद आपको रिफंड मिल जाएगा.

टैक्‍स एक्‍जेमशन की सीमा बढ़ी

अरविंद दुबे के मुताबिक इस बार बजट में इनकम टैक्‍स एक्‍जेमशन की सीमा में रिवीजन किया है. इस बार Tax Exemption की सीमा बढ़ाई गई है. यानि 5 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्‍स नहीं लगेगा. यानि कर्मचारी को इन्‍वेस्‍टमेंट या लोन के इंट्रेस्‍ट पर भी छूट मिलेगी.

ऐसे बचा सकते हैं टैक्‍स

सेक्‍शन 80C के तहत कुछ खास टैक्‍स सेविंग स्‍कीम में निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक की टैक्‍स छूट है. इनमें PPF, लाइफ इंश्‍योरेंस, दो बच्चों की ट्यूशन फीस, 5 साल का FD, NSC वगैैैैरह स्‍कीम शामिल है. इसके अलावा होम लोन पर 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर छूट मिलेगी. राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में निवेश पर 50 हजार रुपये तक की अतिरिक्त छूट मिल सकती है. मे‍डिकल इंश्‍योरेंस प्रीमियम में भी 75 हजार रुपये तक की कर छूट है.