Overdraft Facility: आमतौर पर लोग यही जानते हैं कि हम अपने बैंक अकाउंट से उतना ही पैसा ही निकाल सकते हैं जितना अकाउंट में है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) अपने कस्‍टमर्स को एक खास सुविधा देती हैं, जिसमें कस्टमर बैंक में कम पैसा होने पर भी ज्यादा पैसा निकाल सकते हैं. इसे ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी (Overdraft Facility) कहते हैं. हम आपको बताते हैं कि क्या है ये ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी और यह आपको कैसे मिलेगी. 

Overdraft Facility क्या है ?

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Overdraft Facility सरकारी और प्राइवेट दोनों बैंकों में होती है. ओवरड्राफ्ट ग्राहक के सेविंग्स या करंट अकाउंट से लिंक होता है. आपको मिलने वाले ओवरड्राफ्ट की लिमिट क्या रहेगी, यह बैंक या NBFCs तय करते हैं. यानी, अलग-अलग बैंकों और NBFCs में यह लिमिट अलग-अलग हो सकती है. इसमें आप जितना अमाउंट निकालते है, उसे एक निश्चित अवधि के अंदर चुकाना होता है और इस पर ब्याज भी लगता है. ब्याज डेली बेसिस पर कैलकुलेट होता है. 

कैसे तय होती है पात्रता

1. उधार लेने वाला भारत का नागरिक होना चाहिए.

2. उधारकर्ता की उम्र 21 से 65 साल के बीच होनी चाहिए. 

3. ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी लेने के लिए आपका सिबिल स्कोर अच्छा होना चाहिए. 

4. कुछ बैंक कस्‍टमर्स को यह सुविधा प्री-अप्रूव्ड देते हैं, जबकि कुछ ग्राहकों को इसके लिए अलग से आवेदन करना होता है. 

5. इसमें सिक्योरिटी के तौर पर कुछ गिरवी रखा जाता है, जैसे FD, शेयर, घर, सैलरी, इंश्योरेंस पॉलिसी आदि. 

6. ओवरड्राफ्ट फैसेलिटी के अप्‍लाई करने से पहले प्रोसेसिंग फीस के बारे में जानकारी जरूर कर लें. कुछ बैंक इस सर्विस के लिए प्रोसेसिंग फीस भी लेते हैं.

ओवरड्राफ्ट का फायदा?

क्रेडिट कार्ड या दूसरे पर्सनल लोन के मामले में यह काफी सस्ता है. इसमें आपको कम ब्याज देना पड़ता है. दूसरा फायदा यह है कि ओवरड्राफ्ट में आप जितने समय के लिए पैसा लेते हैं, उतने समय के लिए ही आपको ब्याज देना पड़ता है.

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