अगर 31 अगस्त तक पूरा नहीं किया यह काम तो रिटर्न फाइल करने के बावजूद लगेगा 5000 रुपए का जुर्माना
ITR verification: अगर किसी टैक्सपेयर ने 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल कर लिया है तो उसे वेरिफिकेशन के लिए 120 दिनों का वक्त मिलेगा. अगर टैक्सपेयर ने 1 अगस्त या उसके बाद रिटर्न फाइल किया तो वेरिफिकेशन के लिए केवल 30 दिन मिलेंगे.
Verification of ITR filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई को बीत चुकी है. हालांकि, 31 दिसंबर तक 5000 रुपए की पेनाल्टी के साथ रिटर्न फाइल करने का मौका है. अगर आपने 31 जुलाई तक रिटर्न भर लिया है तो अच्छी बात है. रिटर्न भरने को लेकर यह प्रकिया अभी भी अधूरी है. टैक्स रिटर्न तब तक पूरा नहीं माना जाएगा, जब तक उसका वेरिफिकेशन नहीं कर लिया जाता है. पहले ई-वेरिफिकेशन के लिए 120 दिनों का वक्त मिलता था जिसे घटाकर अब 30 दिन कर दिया गया है.
सीए चौहान एंड को चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के टैक्स एक्सपर्ट चिराग चौहान ने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से 29 जुलाई को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर किसी टैक्सपेयर ने 31 जुलाई 2022 तक रिटर्न फाइल किया तो उसे ई-वेरिफिकेशन के लिए 120 दिनों का वक्त मिलेगा. अगर टैक्सपेयर ने 1 अगस्त 2022 या उसके बाद रिटर्न फाइल करता है तो उसे वेरिफिकेशन के लिए केवल 30 दिनों का वक्त मिलेगा. ऐसे में 1 अगस्त को रिटर्न फाइल करने वालों के लिए यह डेडलाइन 31 अगस्त को खत्म हो रही है.
अधूरी मानी जाएगी रिटर्न फाइलिंग
जब तक वेरिफिकेशन का काम नहीं पूरा कर लिया जाता है, तब रिटर्न फाइलिंग अधूरी मानी जाएगी. यह काम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाकर पूरा किया जा सकता है. अगर कोई टैक्सपेयर ऑफलाइन वेरिफिकेशन करना चाहता है तो वह डाक की मदद से इनकम टैक्स विभाग के बेंगलुरू ऑफिस को स्पीड पोस्ट कर सकता है.
रिटर्न की तारीख से 30 दिनों का होगा कैलकुलेशन
120 या 30 दिनों का कैलकुलेशन जिस दिन रिटर्न भरा गया है, उस तारीख के आधार पर होगा. ऐसे में अगर आपने बहुत पहले रिटर्न फाइल किया है तो उसके लिए 120 दिनों की डेडलाइन पहले आ जाएगी. अगर किसी टैक्सपेयर ने 1 अगस्त को रिटर्न फाइल किया तो उसकी डेडलाइन 31 अगस्त होगी. अगर किसी टैक्सपेयर ने पेनाल्टी के साथ 20 अगस्त को रिटर्न फाइल किया तो उसकी डेडलाइन 19 सितंबर को पूरी होगी.
कंडोनेशन रिक्वेस्ट भी डाला जा सकता है
चिराग चौहान ने कहा कि मान लीजिए कि किसी टैक्सपेयर ने 31 जुलाई को ही रिटर्न फाइल किया तो उसे 30 नवंबर तक वेरिफिकेशन पूरा करना होगा. अगर वह वेरिफिकेशन नहीं कर पाता है तो वह विभाग को कंडोनेशन रिक्वेस्ट डाल सकता है. मंजूरी मिल जाने पर यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.