नई दिल्ली. सरकार ने कारोबारी साल 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR के लिए अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है. आईटीआर के तहत अलग-अलग फॉर्म हैं. इसे ITR-1, ITR-2, ITR-3, ITR-4, ITR-5, ITR-6 और ITR-7 के तहत जाना जाता है. इसमें ITR-1 को सहज फॉर्म के नाम से भी जाना जाता है. आयकर विभाग की वेबसाइट के मुताबिक, सहज फॉर्म वैसे करदाता भरते हैं जिनकी सालाना कमाई 50 लाख रुपये तक है. ये आय सैलरी से, प्रॉपर्टी से ब्याज सहित दूसरे स्रोतों से हो सकती है. इससे जुड़ी कुछ खास बाते हैं, जिन्हें हमें जान लेना चाहिए.

  • ITR-1 या सहज फॉर्म का इस्तेमाल ऐसे किसी को नहीं करना है, जो किसी कंपनी में डायरेक्टर हो या पिछले वर्ष किसी भी समय किसी गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयर रखा हो.
  • सहज फॉर्म केवल एक पेज का होता है. यह फॉर्म उस करदाता के लिए नहीं है जिसे कारोबार या प्रोफेशन से फायदा या नुकसान होता हो.
  • वैसे आयकरदाता भी यह फॉर्म नहीं भरेंगे जिनकी आय एक से ज्यादा मकान या प्रॉपर्टी से हो रही है
  • वैसे व्यक्तिगत करदाता जिनकी भारत से बाहर कोई संपत्ति है या भारत के बाहर स्थित किसी भी खाते में अधिकार पर साइन है या भारत के बाहर किसी भी स्रोत से आय है तो वे आईटीआर-1 फॉर्म नहीं भर सकते.
  • आईटीआई-1 या सहज फॉर्म को आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल incometaxindiaefiling.gov.in पर दाखिल किया जा सकता है और इसे वेरिफाई किया जा सकता है.
  • आईटीआर-1 को कागजात के रूप में भी संबंधित इनकम टैक्स ऑफिस में भर सकते हैं. हालांकि यह 80 साल से अधिक उम्र् के लोगों के लिए है.