इंश्योरेंस रेग्युलेटर IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर मास्टर सर्कुलर जारी किया है. आइए इस सर्कुलर की प्रमुख बातों को विस्तार से समझते हैं. इस सर्कुलर में पॉलिसी होल्डर्स के हितों का विशेष ध्यान रखा गया है. सर्कुलर के तहत अगर पॉलिसी होल्डर ने पूरे साल कोई मेडिक्लेम नहीं लिया है तो इंश्योरेंस कंपनी उसे No Claim Bonus दे सकती है. बतौर No Claim Bonus हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी या तो सम इंश्योर्ड बढ़ा सकती है या प्रीमियम में डिस्काउंट दे सकती है. इसमें टाइम बाउंड 100% कैशलेस क्लेम देने की बात कही गई है.

पॉलिसी कैंसिल करने पर बाकी टेन्योर का प्रीमियम रिफंड

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अगर कोई पॉलिसी होल्डर अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कैंसिल करता है तो उसे इंश्योरेंस कंपनी unexpired policy period का प्रीमियम रिफंड करे. इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी रिन्यू करने के लिये मना नहीं कर सकती यह कहते हुए की बीते साल क्लेम ले लिया है. हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी रिन्यू करते वक्त फ्रेश अंडर राइटिंग नहीं करेगी अगर पॉलिसी होल्डर ने सम इंश्योर्ड नहीं बढ़ाया है. 

अपनी च्वाइस की पॉलिसी से कर सकता है क्लेम

अगर किसी पॉलिसी होल्डर के पास कई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है तो यह पॉलिसी होल्डर की च्वायस है कि वो किस पॉलिसी से क्लेम ले. जिस हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के पास पॉलिसी होल्डर क्लेम फाइल करता है वही हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी होल्डर की बाकी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के साथ बताया क्लेम सेटलमेंट करेगी. यह खुद पॉलिसी होल्डर नहीं करेगा. 

पॉलिसी खरीदते समय राइडर चुनने की हो आजादी

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त ग्राहक को उसकी मेडिकल कंडीशन के हिसाब से प्रोडक्ट या add on या rider choose करने की आजादी है. पॉलिसी लेते वक्त इंश्योरेंस कंपनी ग्राहक को Customer information sheet देगी जिसमें पॉलिसी साफ शब्दों में समझाई जाएगी, यह बताते हुए कि पॉलिसी में क्या included है और क्या नहीं.

टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट पर फोकस करें कंपनियां

हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ग्राहकों को कई तरह के प्रोडक्ट की ऑप्शन देगी जो उनकी उम्र, हेल्थ कंडीशन, हॉस्पिटल च्वाइस, जेब इत्यादि को सूट करे.  हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां ग्राहकों को end to end technology solution दे ताकि ऑन-बोर्डिंग, क्लेम फाइनिंग और रिन्यूअल जैसी सभी सर्विस पॉलिसी होल्डर के लिए आसान हो.

100% कैशलेस क्लेम देने की कोशिश हो

हर एक हेल्थ इंश्योरेंस 100% cashless claim देने की पूरी कोशिश करे. कैशलेस ऑथराइजेशन रिक्वेस्ट को 1 घंटे और डिस्चार्ज होने के समय फाइनल ऑथराइजेशन को 3 घंटे में सेटल करें कंपनियां. हर एक इनरम ग्रुप को ध्यान में रखते हुए हॉस्पिटल या हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर के साथ टाई अप करें हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी. इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर साफ लिस्ट हो कि किन अस्पतालों के साथ कंपनी का टाई-अप है.

टाई-अप अस्पतालों की लिस्ट वेबसाइट पर डाले

हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी अपनी वेबसाइट पर साफ करें कि अगर उसके टाई-अप के बाहर का हॉस्पिटल है तो पॉलिसी होल्डर क्लेम reimbursement कैसे फाइल करे. कैशलेस या reimbursement के जरिए क्लेम लेने का तरीक़ा सही से हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर हो समझाए.

क्लेम रिव्यू कमिटी के अप्रूवल बिना क्लेम रिजेक्ट नहीं

हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी किसी क्लेम को क्लेम रिव्यू कमिटी के अप्रूवल के बिना रिजेक्ट नहीं करेगी. क्लेम सेटलमेंट के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां TPA या हॉस्पिटल से लेगी- पॉलिसी होल्डर से नहीं. अगर ombudsman में फैसले के बाद हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम सेटलमेंट नहीं किया तो रोजाना का 5000 रूपए जुर्माना लगेगा.

TPA परफॉर्मेंस पर नजर रखे इंश्योरेंस कंपनी

 

अंडरराइडिंग पॉलिसी में Ayush को consider किया जाएगा. यह पॉलिसी होल्डर का फैसला है कि वो कैसी ट्रीटमेंट अपने इलाज के लिए चुने. TPA की परफॉर्मेंस पर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी नजर रखे और उसे साथ पेमेंट तसल्ली से सर्विस पूरी तरह से पूरी होने के बाद सेटल करें.