देश में इंश्योरेंस सेक्टर रेगुलेटर IRDAI के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने मंगलवार को इस क्षेत्र में बड़ी कंपनियों को ज्यादा संख्या में शामिल होने के लिए इनवाइट करते हुए कहा कि भारतीय बाजार में ग्रोथ के अच्छे मौके मौजूद हैं. इसके साथ ही पांडा ने कहा कि रेगुलेटर IRDAI अधिक ट्रांसपरेंसी और इंफॉरमेशन लाने के लिए ज्यादा कंपनियों को कैपिटल मार्केट में लिस्टेड होने के लिए ‘प्रेरित’ कर रहा है जिसका फायदा शेयरधारकों और पूरे क्षेत्र को होगा. 

जीएसटी पर टिप्पणी से किया इंकार

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के प्रमुख पांडा ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर माल एवं सेवा कर (GST) की दर में कटौती से जुड़ी चर्चाओं पर सीधी टिप्पणी करने से परहेज करते हुए इसे अपने दायरे से बाहर बताया. 

बीमा कवर बनें अधिक किफायती

पांडा ने कहा कि इंश्योरेंस रेगुलेटर यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि बीमा कवर अधिक किफायती हों ताकि पहुंच बढ़ाने में मदद मिले. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा करने के लिए करों में कटौती एकमात्र तरीका नहीं है. 

बीमा क्षेत्र में भरपूर मौके

पांडा ने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि 1.4 अरब से अधिक आबादी को देखते हुए बीमा कंपनियों की कुल संख्या 70 से अधिक होने पर भी अवसर मौजूद हैं. 

उन्होंने कहा, "मैं इस मंच के माध्यम से अनुरोध करता हूं कि अन्य समूह और अन्य बड़े समूह भारत में बीमा क्षेत्र में प्रवेश करें. भारत में इस क्षेत्र में यह बहुत ही रोमांचक समय है."

पांडा ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में प्रवेश करने की प्रक्रिया अब सहज है और दावा किया कि जमीनी स्थिति ऐसी है कि नियामकीय मंजूरी के लिए कम समय की जरूरत होती है. IRDAI चेयरमैन ने कहा कि नियामक इस क्षेत्र में एकीकरण से ज्यादा ध्यान उद्योग में सक्रिय कंपनियों की संख्या बढ़ाने पर दे रहा है. हाल ही में जापान, यूरोप और अमेरिका में रोडशो आयोजित कर वैश्विक निवेशकों को भारतीय बीमा क्षेत्र में मौजूद अवसरों के बारे में बताया गया.