IPO, एफपीओ और बोनस में मिलने वाले शेयरों पर 10% की रियायती दर से लगेगा LTCG टैक्स
आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO), बोनस, राइट्स इश्यू और ESOP में मिलने वाले शेयरों पर 10 प्रतिशत की रियायती दर से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) कर की सुविधा उपलब्ध होगी.
नई दिल्ली : आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO), बोनस, राइट्स इश्यू और ESOP में मिलने वाले शेयरों पर 10 प्रतिशत की रियायती दर से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) कर की सुविधा उपलब्ध होगी. यह सुविधा तब भी मिलेगी जब इस प्रकार के शेयर अधिग्रहण पर पहले प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) का भुगतान नहीं किया गया हो. वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में सरकार ने 14 साल बाद एक बार फिर से शेयर बिक्री से होने वाले LTCG टैक्स् के रूप में एक लाख रुपये से अधिक की प्राप्ति पर 10 प्रतिशत की रियायती दर से कर लगाने का प्रावधान किया है. हालांकि, इसके साथ यह भी शर्त रखी गई थी कि इस तरह के शेयरों पर प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) का भुगतान होना चाहिए.
वित्त मंत्रालय ने अब इस मामले में रियायती 10 प्रतिशत एलटीसीजी दर का लाभ लेने के लिए कुछ सौदों को एसटीटी भुगतान की अनिवार्यता से छूट देने का फैसला किया है. मंत्रालय ने ऐसे शेयर अधिग्रहण की सूची अधिसूचित की है जिनमें एसटीटी भुगतान की जरूरत से छूट होगी. इस तरह के शेयर हस्तांतरण में आईपीओ, अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ), बोनस या सूचीबद्ध कंपनी द्वारा जारी राइट्स इश्यू के जरिए मिलने वाले शेयरों पर एसटीटी भुगतान से छूट होगी.
इसके अलावा अदालत/एनएलटी/सेबी/आरबीआई की मंजूरी से हुए शेयर अधिग्रहण, ईसॉप के तहत शेयरों के अधिग्रहण जैसे मामलों में भी एसटीटी भुगतान की अनिवार्यता से छूट होगी. इन सभी मामलों में एसटीटी भुगतान के बिना भी एक लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक प्रतिभूति लाभ कर के रूप में 10% की रियायती दर से कर लगेगा.
एफडीआई दिशानिर्देशों के तहत प्रवासियों द्वारा बाजार से बाहर होने वाले सौदों, पात्र संस्थागत खरीदारों, उद्यम पूंजीपतियों द्वारा भी एसटीटी भुगतान किए बिना 10 प्रतिशत एलटीसीजी कर का लाभ लिया जा सकता है. अप्रैल 2018 से पहले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर शून्य था. खरीदने के एक साल बाद बेचे जाने वाले शेयरों पर होने वाले पूंजीगत लाभ पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर लिया जाता है. चालू वित्त वर्ष में एक लाख रुपये से अधिक के पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से कर देय होगा.
अन्य मामलों में जहां शेयर अधिग्रहण सौदा एसटीटी भुगतान से छूट वाली सूची में नहीं है और एसटीटी का भुगतान नहीं किया गया है, उनमें दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर 20 प्रतिशत की दर से लगाया जाएगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अप्रैल 2018 में जारी अधिसूचना के मसौदे पर शेयरधारकों से उनके सुझाव और टिप्पणियां मांगी थी और अंतिम अधिसूचना जारी करने से पहले संबंधित पक्षों के सुझावों पर विचार किया.