ब्याज दर बढ़ने और इक्विटी शेयर में बेहतर रिटर्न से पिछले साल म्यूचुअल फंड (mutual funds) की निश्चित आय वाली योजनाओं पर विपरीत असर पड़ा है. इस खंड से शुद्ध रूप से 2.3 लाख करोड़ रुपए निकाले गए हैं. हालांकि, ब्याज दर में ग्रोथ की गति धीमी पड़ने को देखते हुए इस साल स्थिति पलटने की संभावना है. म्यूचुअल फंड की निश्श्चित आय वाली योजनाओं के तहत बॉन्ड, प्रतिभूतियों जैसे फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स में निवेश किया जाता है.

पिछले साल के आंकड़े क्या कहते हैं?

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म्यूचुअल फंड कंपनियों का संघ एसोसएिशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार यह साल 2021 में शुद्ध रूप से निकाले गए 34,545 करोड़ रुपए से यह कहीं ज्यादा है.

आगे के लिए क्या हैं ट्रिगर्स?

मॉर्निंगस्टार इंडिया में वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (रिसर्च) कविता कृष्णन ने कहा कि बॉन्ड, प्रतिभूतियों में निवेश वाली म्यूचुअल फंड की योजनाओं के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है. ब्याज दर में बढ़ोतरी की गति अब मंद पड़ रही है. इसको देखते हुए 2023 में स्थिति बदलने की संभावना है.

उन्होंने आगे कहा कि मूल्यांकन के लिहाज से इक्विटी शेयर बाजार (stock market) में दबाव दिख रहा है. ऐसे में निवेशक मध्यम अवधि की बॉन्ड, प्रतिभूतियों में निवेश वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं का रुख कर सकते हैं, जो उन्हें अपेक्षाकृत बेहतर रिटर्न दे सकता है.

12 में से 5 में की गई निकासी

निश्चित आय वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं (mutual funds scheme) से पिछले साल के 12 महीनों में से पांच में निकासी की गयी. कुल मिलाकर हमेशा निवेश के लिये उपलब्ध निश्चित आय वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं से 2022 में शुद्ध रूप से 2.3 लाख करोड़ रुपए निकाले गए

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