सरकार की ओर से प्रोविडेंट फंड के नाम पर जो भी स्‍कीम्‍स चलाई जाती हैं, उन सभी का एक ही उद्देश्‍य है कि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को आर्थिक सहायता मिल सके. प्रोविडेंट फंड तीन तरह के होते हैं. पहला कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), सार्वजनिक भविष्‍य निधि (PPF) और जनरल प्रोविडेंड फंड (GPF). ये तीनों अलग-अलग वर्ग के लिए हैं. इन सभी प्रोविडेंट फंड स्‍कीम्‍स में इनकम का छोटा सा हिस्‍सा जमा करना होता है, जो बाद में अच्‍छी खासी रकम के तौर पर प्राप्‍त होता है. यहां जानिए EPF, GPF और PPF में क्‍या अंतर होता है और किस स्‍कीम में कितना ब्‍याज मिलता है.

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कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

ये उन कर्मचारियों के लिए है जो प्राइवेट नौकरी करते हैं. जिस कंपनी में 20 से ज्‍यादा कर्मचारी काम करते हैं, उस कंपनी के कर्मचारियों की सैलरी में से कुछ हिस्‍सा ईपीएफ में जमा कराया जाता है. इसका रेगुलेटर EPFO है. ईपीएफ के तहत बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसदी हिस्‍सा पीएफ फंड में जमा होता है. इ‍तना ही हिस्‍सा नियोक्‍ता की ओर से भी जमा किया जाता है. ईपीएफ पर जमा पैसों पर कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट का फायदा मिलता है. नियोक्ता के हिस्से में से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना (Employee's Pension Scheme- EPS) में चला जाता है, जबकि शेष 3.67 फीसदी हिस्सा EPF में निवेश किया जाता है. रिटायरमेंट के बाद पीएफ का पैसा कर्मचारियों को एकमुश्‍त और ईपीएस का पैसा पेंशन के तौर पर मिलता है. वर्तमान में ईपीएफ पर 8.1 फीसदी ब्‍याज मिल रहा है. जो कि तमाम सेविंग्‍स स्‍कीम्‍स से ज्‍यादा है.

जनरल प्रोविडेंड फंड (GPF)

GPF स्‍कीम सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए होती है. इसमें सरकार के लिए लगातार एक साल तक काम कर चुके सभी अस्थायी कर्मचारी, सभी स्थायी कर्मचारी, रिटायरमेंट के बाद काम पर रखे गए सभी पेंशनधारक खाता खोल सकते हैं. इसमें सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का न्यूनतम 6% योगदान करते हैं और रिटायरमेंट के समय उन्‍हें इसके बदले एकमुश्‍त राशि मिलती है. GPF का मैनेजमेंट पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक मंत्रालय, लोक शिकायत और पेंशन के अंतर्गत किया जाता है.  इस खाते का 'एडवांस' फीचर सबसे खास है. इसमें कर्मचारी जरूरत पड़ने पर GPF खाते से तय रकम निकाल सकता है और बाद में उसे जमा कर सकता है. इस पर कोई टैक्स भी नहीं लगता. वर्तमान में जीपीएफ पर 7.1 फीसदी ब्‍याज दिया जा रहा है.

सार्वजनिक भविष्‍य निधि (PPF)

PPF अकाउंट कोई भी भारतीय खुलवा सकता है और इसमें अपनी इच्‍छानुसार निवेश कर सकता है. पीपीएफ में मिनमिम 500 और अधिकतम 1.5 लाख तक सालाना जमा किया जा सकता है. पीपीएफ अकाउंट 15 सालों के लिए खुलता है और इसमें भी कंपाउंडिंग का फायदा दिया जाता है. किसी भी डाकघर या बैंकों में खुलवाया जा सकता है. PPF पर ब्याज की गणना तिमाही आधार पर होती है. वर्तमान में पीपीएफ पर 7.1 फीसदी ब्‍याज मिल रहा है. अगर ग्राहक इसे 15 साल बाद भी जारी रखना चाहता है तो पांच-पांच साल के ब्‍लॉक में इसकी अवधि को बढ़वा सकता है.