Overnight Funds: रातों-रात करोड़पति बनना किसी अच्छा नहीं लगेगा. लेकिन, इसके लिए कदम खुद ही उठाना होगा. किस्मत के भरोसे नहीं, बल्कि अपनी फाइनेंशियल स्ट्रैटेजी के दम पर. ऐसा मुमकिन है. ऐसा ऑप्शन है, जो आपके पैसों को रात-रातों दोगुना, चार गुना तक बढ़ा सकता है. ओवरनाइट फंड्स (Overnight Funds) इनके बारे में अगर ना सुना हो तो अब जान लीजिए. ये ऐसे फंड्स हैं, जिनमें सिर्फ 24 घंटे के लिए निवेश होता है. 1 दिन में ही आपका पैसा मैच्योर हो जाता है. यहां आपको हाई रिटर्न्स भी देखने को मिल सकते हैं. म्यूचुअल फंड्स की कैटेगरी को रेगुलेट करने के लिए ओवरनाइट फंड्स की अलग कैटेगरी बनाई गई थी.

डेट कैटेगरी का निवेश है Overnight funds

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ओवरनाइट फंड्स (Overnight Funds) के जरिए डेट कैटेगरी में निवेश होता है. ये ऐसे ऑप्शंस में निवेश करते हैं जो एक ही दिन में मैच्योर हो जाते हैं. हर दिन की शुरुआत में फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) कैश में होता है. इसके जरिए बॉन्ड खरीदे जाते हैं. अगले कारोबारी दिन ये मैच्योर होते हैं. फिर अगले दिन कैश के साथ ही शुरुआत होती है. बॉन्ड में निवेश होता है, जो अगले ही दिन फिर मैच्यर हो जाते हैं और ये प्रक्रिया चलती रहती है. कुल मिलाकर आप हर दिन इसमें पैसा निकाल या डाल सकते हैं. यहां लिक्विडिटी का झंझट नहीं रहता.

बड़ी रकम, हाई रिटर्न

अगर आप निवेश में बड़ी रकम लगा सकते हैं तो ज्यादा फायदा है. ओवरनाइट फंड्स (Overnight Funds) में निवेश कर सकते हैं. इसमें जब चाहें तब पैसे निकाल भी सकते हैं और उस पर रिटर्न भी हाई और नियमित मिलता रहता है. अगर आप ओवरनाइट कैटेगरी में निवेश करते हैं तो आपको खरीदारी और बेचने के लिए स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के समय का ध्यान रखना होगा. इस अवधि में ही आप अपनी ट्रांजैक्शंस कर सकते हैं.

रिस्क कम, इसलिए है दम

बॉन्ड और डेट मार्केट में बढ़ते इंट्रस्ट रेट से चिंता बढ़ती है. इंट्रस्ट रेट बढ़ने से डेट फंड के रिटर्न घटते हैं. किसी कंपनी के डिफॉल्ट होने पर उनके बॉन्ड या कमर्शियल पेपर की वैल्यू घट जाती है. ओवनरनाइट फंड्स (Overnight Funds) में इस तरह का रिस्क सबसे कम है. क्योंकि, इनमें निवेश केवल एक रात ही रहता है. इसलिए उतने समय में बड़े डिफॉल्ट या इंट्रस्ट रेट में बड़े बदलाव की संभावना नहीं होती.

क्यों दिया गया ओवरनाइट फंड्स नाम?

इन्वेस्टमेंट के तरीके को देखते हुए इन फंड्स का नाम ओवरनाइट (Overnight funds) रखा गया. अपना निवेश आप कभी भी निकाल सकते हैं. इसके लिए कोई निश्चित वक्त नहीं होता. आप एक दिन या 10 दिन या फिर महीना जब चाहें तब रकम निकाल सकते हैं. जैसे दूसरे डेट फंड्स में छोटी अवधि के लिए निवेश किया जाता है, वैसे ही एक रात या फिर कुछ महीने के लिए इन ओवरनाइट फंड्स में रकम रखी जा सकती है.

Liquid fund से अलग हैं Overnight Funds

इमरजेंसी फंड्स के लिए आमतौर पर लोग लिक्विड फंड्स का इस्तेमाल करते हैं. पिछले कुछ समय में ओवरनाइट फंड्स ने इमरजेंसी कैटेगरी में खुद को बड़ा दावेदार बनाया है. लिक्विड फंड्स उन सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं जिनकी मैच्योरिटी 91 दिनों तक की होती है, जैसे कि ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर या डिपॉजिट सर्टिफिकेट्स. वहीं, ओवरनाइट फंड्स रेपो ट्रेड्स में निवेश करते हैं, जो एक दिन यानि 24 घंटे में मैच्योर होते हैं. कभी-कभी ये एक दिन के कमर्शियल पेपर में भी पैसा लगाते हैं. ओवरनाइट फंड्स की मैच्योरिटी हर दिन होने की वजह से इनमें रिस्क लिक्विड फंड की तुलना में काफी कम है. लिक्विड फंड्स में मामूली एक्जिट लोड लगता है जबकि ओवरनाइट फंड्स (Overnight Funds) कोई एक्जिट लोड नहीं लगता.

Disclaimer: म्यूचुअल फंड बाजार जोखिमों के अधीन है. किसी भी फंड में निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें.

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