करोड़पति बनना है तो 'पावर ऑफ कंपाउंडिंग' समझना बहुत जरूरी, जानें कौन सी स्कीम्स देती हैं कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का फायदा?
Compounding Interest के बारे में आप सभी ने स्कूल टाइम में जरूर पढ़ा होगा, लेकिन आप इसकी ताकत को तभी पहचान सकते हैं, जब आप उन जगहों पर निवेश करें, जहां आपको कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का फायदा मिलता है.
कहा जाता है कि पैसे से पैसा बनता है. लेकिन पैसे से पैसा तभी बन सकता है जब आप उसका सही इस्तेमाल करना सीखें यानी सही जगह पर निवेश करना सीखें. सही जगह निवेश से मतलब उन जगहों पर निवेश करने से है, जहां से आपको बेहतर रिटर्न मिल सके. आज के समय में करोड़पति बनने का सपना हर कोई देखता है और ये इतना मुश्किल भी नहीं. अगर आप लंबे समय के लिए सही जगह पर थोड़ा-थोड़ा निवेश करें, तो कुछ सालों में आपका ये सपना पूरा हो सकता है. निवेश जितनी कम उम्र में शुरू किया जाए, उतना ही बेहतर माना जाता है.
निवेश का बेहतर रिटर्न लेने के लिए आपको Power of Compounding को समझना बहुत जरूरी है. चक्रवृद्धि ब्याज (Compounding Interest) के बारे में आप सभी ने स्कूल टाइम में जरूर पढ़ा होगा, लेकिन आप इसकी ताकत को तभी पहचान सकते हैं, जब आप उन जगहों पर निवेश करें, जहां आपको कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का फायदा मिलता है. कंपाउंडिंग इंटरेस्ट में आपको मूलधन के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है, जिसके कारण आपका निवेश दोगुना और तीन गुना तक हो जाता है. आइए आपको बताते हैं किन स्कीम्स पर मिलता है कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का फायदा?
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan- SIP) इस कड़ी में सबसे पहले नाम आता है SIP का, आजकल इसे काफी पसंद भी किया जा रहा है. SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है और ये निवेश आप किस्तों में कर सकते हैं. एसआईपी में आप जितना लंबे समय के लिए आप निवेश करेंगे, उतना ही बेहतर कंपाउंडिंग का फायदा ले सकेंगे. जो निवेशक मार्केट में ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते, वो एसआईपी में कम जोखिम के साथ निवेश कर सकते हैं. आमतौर पर SIP पर अनुमानित सालाना रिटर्न 12 फीसदी तक माना जाता है. कई बार ये 14 और 15 फीसदी तक भी मिल सकता है.
प्रोविडेंट फंड
नौकरीपेशा लोगों के लिए ईपीएफओ निवेश का बेहतर विकल्प हो सकता है. पीएफ में भी आपको कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का फायदा मिलता है. साथ ही इस पर मिलने वाला ब्याज अन्य सेविंग्स स्कीम्स की तुलना में ज्यादा होता है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने ब्याज दर 8.1 फीसदी तय की है. आमतौर पर आपकी बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ अकाउंट में कटकर जाता है और इतनी ही राशि नियोक्ता की ओर से हर महीने अकाउंट में डाली जाती है. लेकिन आप चाहें तो वीपीएफ का विकल्प चुनकर पीएफ में अपना कंट्रीब्यूशन बढ़वा सकते हैं. इससे कंपाउंडिंग इटरेस्ट का फायदा ज्यादा राशि पर मिलेगा और आप आसानी से अपने रिटायरमेंट तक करोड़ में राशि इकट्ठी कर सकते हैं. साथ ही इस रकम पर टैक्स की छूट का फायदा भी ले सकते हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पब्लिक प्रोविडेंट फंड में कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है. इसे टैक्स बचाने और निवेश करने का सबसे पुराना और सुरक्षित साधन माना जाता है. पीपीएफ में लंबी अवधि के निवेश में आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. वर्तमान में पीपीएफ पर 7.1 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है. पीपीएफ में 15 साल तक निवेश किया जा सकता है. मैच्योरिटी पर मिली राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है.