लाइफ को रखना है टेंशन फ्री तो पहली कमाई के साथ जरूर शुरू करें ये 4 काम, मुश्किल वक्त में भी नहीं होगी फंड की कमी
चाहे आपका समय कितना ही अच्छा क्यों न हो, आपको कुछ काम अपनी जिंदगी में पहली कमाई के साथ शुरू कर देने चाहिए ताकि अगर बुरा समय आए भी तो कभी फंड की दिक्कत न हो.
बुरा समय कभी भी किसी के सामने आ सकता है, इस बात का खयाल हर किसी को रखना चाहिए. कोरोना काल ने भी ये बात काफी हद तक लोगों को समझा दी है. इसलिए चाहे आपका समय कितना ही अच्छा क्यों न हो, आपको कुछ काम अपनी जिंदगी में पहली कमाई के साथ शुरू कर देने चाहिए ताकि अगर बुरा समय आए भी तो कभी फंड की दिक्कत न हो. अगर आपके पास मुश्किल समय में अच्छा खासा पैसा होगा तो आप बड़ी से बड़ी परेशानी से भी आसानी से निपट सकते हैं. यहां जानिए वो 4 काम जिसे हर किसी को अपनी पहली कमाई के साथ शुरू कर देना चाहिए, ताकि लाइफ पूरी तरह सिक्योर और टेंशन फ्री रहे.
निवेश करने की आदत
सबसे पहला काम है निवेश. हर व्यक्ति को अपनी सैलरी का कम से कम 20 प्रतिशत हिस्सा इन्वेस्ट जरूर करना चाहिए. मान लीजिए आपकी सैलरी अगर 20 हजार रुपए है तो आपको कम से कम 4000 रुपए महीने का निवेश करना ही चाहिए. आप बेशक इस निवेश को अलग-अलग जगहों पर करें, लेकिन निवेश करने की आदत डालें. आजकल पीपीएफ, एसआईपी आदि तमाम ऐसी स्कीम्स हैं, जिनमें लंबे समय तक निवेश किया जाए तो काफी अच्छा मुनाफा मिलता है क्योंकि इनमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. इसके अलावा आप चाहें तो पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट, बैंक एफडी, एलआईसी आदि के प्लान चुनकर भी निवेश कर सकते हैं.
इमरजेंसी फंड बनाएं
अचानक आने वाली किसी भी आपात स्थिति जैसे- नौकरी चले जाने, बिजनेस ठप होने या परिवार पर कोई बड़ी मुसीबत आने या किसी अन्य तरह की इमरजेंसी कंडीशन से निपटने के लिए थोड़ा इमरजेंसी फंड बनाना बहुत जरूरी है. ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि किसी भी व्यक्ति को अपनी छह महीने की सैलरी के बराबर पैसे को इमरजेंसी फंड के तौर पर रखना चाहिए. ये फंड आपके निवेश या बचत का हिस्सा नहीं होना चाहिए. इस फंड को किसी ऐसी जगह रखें, जहां से ये आपको आसानी से उपलब्ध हो सके. आप बैंक में इसकी एफडी बनवाकर भी डाल सकते हैं.
मेडिकल इंश्योरेंस
ज्यादातर यंगस्टर्स मेडिकल इंश्योरेंस लेना अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते हैं. लेकिन ये बहुत जरूरी है. किसी को भी नहीं पता कि सेहत को लेकर कब इमरजेंसी की नौबत आ जाएगी. इसके अलावा आपके माता-पिता भी अगर बुजुर्ग हैं, तो उन्हें भी इस उम्र पर अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ सकते हैं. अगर आप इन स्थितियों के लिए खुद को तैयार नहीं करेंगे, तो आपको आगे चलकर परेशानी उठानी पड़ेगी. ऐसे में आपका इकट्ठा किया हुआ कितना पैसा मेडिकल एक्सपेंसेज में खर्च होगा, ये आप भी नहीं जानते. इसलिए पहले से इस मामले में सजग रहने में समझदारी है.
टैक्स प्लानिंग
आप बेशक नौकरी के शुरुआती समय में टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं, लेकिन आगे चलकर जब आपकी इनकम बढ़ेगी तो आपको टैक्स भी देना होगा. इसलिए पहले से टैक्स की प्लानिंग करना सीख लें और उन जगहों पर पैसों को निवेश करें, जहां से आपको टैक्स में छूट मिल सके. इससे आपकी सेविंग्स भी होगी और टैक्स की बचत भी होगी.