Mutual Funds में SIP के जरिये 2022 में इन्वेस्टमेंट हुआ जोरदार, मार्केट की अनिश्चितता का नहीं कोई असर
Mutual Funds Investment through SIP: म्यूचुअल फंड योजनाओं में एसआईपी के जरिये निवेश एक साल पहले की तुलना में 31 प्रतिशत बढ़ गया.
Mutual Funds Investment through SIP: व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIP) के जरिये म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) योजनाओं में निवेश पर बीते साल 2022 में बाजार अनिश्चितता बने रहने का भी कोई असर नहीं पड़ा. इस दौरान एसआईपी से 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया. भाषा की खबर के मुताबिक, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने 2022 के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पिछले साल खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ने से म्यूचुअल फंड योजनाओं में एसआईपी के जरिये निवेश (mutual funds Investment through SIP) एक साल पहले की तुलना में 31 प्रतिशत बढ़ गया. ऐसा बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर बने रहने के बावजूद हुआ.
वर्ष 2023 में भी एसआईपी में रुझान रहेगा तेज
खबर के मुताबिक, वर्ष 2021 में निवेशकों ने म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) योजनाओं में एसआईपी के जरिये 1.14 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था, जबकि 2020 में यह राशि 97,000 करोड़ रुपये थी. एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश (Mutual Funds Investment through SIP) का वह तरीका है जिसमें कोई व्यक्तिगत निवेशक एक तय रकम को निर्धारित अवधि पर निवेश कर सकता है. इसके जरिये 500 रुपये की न्यूनतम राशि भी निवेश की जा सकती है. निवेश के इस सुविधाजनक माध्यम की लोकप्रियता वर्ष 2023 में भी बने रहने की उम्मीद है.
निवेश की जाने वाली राशि में बढ़ोतरी जारी रह सकती है
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के शोध प्रबंधक एवं निदेशक कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा कि एसआईपी (SIP) से नियमित निवेश की अहमियत लोग समझने लगे हैं और इस साल भी इस मार्ग से निवेश की जाने वाली राशि में बढ़ोतरी जारी रह सकती है. बेलापुरकर ने कहा कि नए निवेशकों के आने से एसआईपी (SIP) निवेश का बढ़ना जारी रहेगा. वहीं एकमुश्त निवेश बाजार के स्तर और उतार-चढ़ाव की स्थिति पर निर्भर करेगा. हमने देखा है कि निवेशकों ने बाजार के ऊंचे स्तर पर जाने पर लाभ कमाते हुए पैसे निकाल लिए और बाजार के नीचे आने पर उस राशि को नए सिरे से आवंटित कर दिया.
दिसंबर, 2022 में निवेश का आंकड़ा
दिसंबर, 2022 में एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड योजनाओं में 13,573 करोड़ रुपये का निवेश (Mutual Funds Investment through SIP) किया गया जो इसका उच्चतम स्तर है. इसके अलावा यह लगातार तीसरा महीना था जब एसआईपी से किए गए निवेश का आकार 13,000 करोड़ रुपये से ऊपर रहा. नियो के रणनीति प्रमुख स्वप्निल भास्कर ने कहा कि वर्ष 2022 में निवेश प्रवाह लगातार बने रहने की एक वजह खुदरा निवेशकों की अधिक भागीदारी रही है.
व्यापक बाजार में उतार-चढ़ाव रहने के बावजूद ऐसा हुआ. दूसरी श्रेणी के शहरों के निवेशकों की बढ़ी हुई भागीदारी की भी इसमें अहम भूमिका रही है. दिसंबर के आखिर में एसआईपी के जरिये निवेश की गई कुल परिसंपत्तियों का आकार 6.75 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो दिसंबर, 2021 के 5.65 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है.
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