Income Tax: इनकम टैक्स में चला जाता है कमाई का बड़ा हिस्सा, तो इन टैक्स सेविंग स्कीम्स में करें निवेश
अगर आपकी सैलरी का बड़ा हिस्सा इनकम टैक्स में जाता है तो आपको ऐसी जगह निवेश करना चाहिए जहां से बेहतर रिटर्न मिले, साथ ही इनकम टैक्स से राहत मिल सके.
अगर आप नौकरीपेशा वाले हैं और आपकी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा इनकम टैक्स में चला जाता है तो आपको निश्चित रूप से इस पैसे को निवेश करना चाहिए. निवेश भी ऐसी जगह जहां से आपको बेहतर रिटर्न मिल सके, साथ ही इनकम टैक्स से राहत मिल सके. अगर आप भी इन्वेस्टमेंट के लिए ऐसा कोई विकल्प ढूंढ रहे हैं, तो यहां जानिए कूछ ऐसी स्मॉल सेविंग स्कीम्स (Small Savings Schemes) के बारे में, जो आपके लिए मददगार हो सकती हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
इस मामले में आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश कर सकते हैं. एक शानदार टैक्स सेविंग स्कीम साबित हो सकती है. इसमें आपको आपको 7.1% का रिटर्न मिलता हैं. साथ ही 3 स्तरों पर टैक्स छूट मिलती है. इस स्कीम में सालाना 1.50 लाख रुपए तक निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है. इसके अलावा इस पर मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी की रकम पर भी टैक्स फ्री रहती है.
टाइम डिपॉजिट
पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (Post Office Time Deposit) या पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट 1, 2, 3 और 5 सालों के लिए होती है. इंडिया पोस्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के हिसाब से सभी के लिए इंटरेस्ट रेट्स अलग-अलग हैं जैसे - एक साल के डिपॉजिट पर 5.50 फीसदी ब्याज, दो साल के डिपॉजिट पर 5.70 फीसदी ब्याज, तीन साल के डिपॉजिट पर 5.80 फीसदी ब्याज और पांच साल के डिपॉजिट पर 6.70 फीसदी ब्याज. ये योजन बैंक की एफडी की तरह है. इस योजना सिर्फ 5 साल में आयकर की धारा 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है. इस योजना में मिलने वाला रिटर्न कर योग्य होता है.
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (Senior Citizen Savings Scheme) में 7.6% वार्षिक ब्याज मिलता है. इस स्कीम की मैच्योरिटी 5 साल की होती है, लेकिन बाद में उसे 3 साल के लिए बढ़ा सकते हैं. हालांकि अगर एक साल में ब्याज की राशि 50,000 रुपए से अधिक हो, तो उसका TDS कटेगा.
ईपीएफ
अगर आपका ईपीएफ खाता है, तो आपको उसमें अधिक से अधिक निवेश करना चाहिए. ईपीएफ के निवेश पर आपको अच्छा खासा ब्याज मिलता है. वर्तमान में ईपीएफ पर ब्याज 8.1% है. नए नियमों के मुताबिक किसी कर्मचारी के पीएफ खाते में सालाना 2.5 लाख रुपए के योगदान पर लगने वाला ब्याज टैक्स-फ्री होगा. हालांकि 2.5 लाख रुपए से अधिक के योगदान पर अर्जित ब्याज पर टैक्स देना होगा.
नेशनल पेंशन स्कीम
नेशनल पेंशन स्कीम भी इस मामले में मददगार साबित होती है. एनपीएस टिअर-1 अकाउंट के मामले में अकाउंट होल्डर को इनकम टैक्स एक्ट 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक और 80सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार रुपये के टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. एनपीएस खाता खोलते समय प्रारंभिक राशि 500 रुपए है जिसमें न्यूनतम वार्षिक योगदान 1000 रुपए है. अधिकतम अंशदान की कोई ऊपरी सीमा नहीं है. NPS के तहत, फिक्स्ड रिटर्न रेट ऑफर नहीं किया जाता है. ये एक मार्केट लिंक्ड फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट है.