बैंक अकाउंट में अलग से आएगी फिक्स्ड इनकम, इन इन्वेस्टमेंट टूल्स में लगाइए पैसा, कम रिस्क पर मिलेगा अच्छा रिटर्न
Fixed Income Investments आपको एक फिक्स्ड टाइम पर फिक्स्ड आय पाने का साधन देते हैं. इसपर आपका इंटरेस्ट एक्युमुलेट होता रहता है. अच्छी बात है कि आपको इस निवेश पर बहुत ज्यादा रिस्क लेने की भी जरूरत नहीं है.
Fixed Income Investment: अगर आप निवेश करके अच्छा-खासा रिटर्न पाना चाहते हैं, लेकिन ज्यादा रिस्क भी नहीं लेना चाहते तो फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट का रास्ता आपके लिए बिल्कुल सही रहेगा. फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट आपको एक फिक्स्ड टाइम पर फिक्स्ड आय पाने का साधन देते हैं. इसपर आपका इंटरेस्ट एक्युमुलेट होता रहता है. अच्छी बात है कि आपको इस निवेश पर बहुत ज्यादा रिस्क लेने की भी जरूरत नहीं है. आप लो रिस्क में भी एक सेफ और सिक्योर पोर्टफोलियो मेंटेन कर सकते हैं.
फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट के क्या हैं बढ़िया ऑप्शन?
पीएसयू बॉन्ड्स (Bonds of Listed Public Units)
पीएसयू बॉन्ड्स काफी पॉपुलर फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट सिक्योरिटी हैं. ये आपको काफी अच्छे रिटर्न दे सकते हैं क्योंकि पब्लिक सेक्टर की कंपनियां ऑफर करती हैं और टॉप की कंपनियों के बॉन्ड्स होने से आपके पास ज्यादा मुनाफा के अवसर होते हैं. ऊपर से यहां ज्यादा रिस्क भी नहीं होता है.
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange Traded Fund)
यह फंड स्टॉक मार्केट में लिस्ट और ट्रेड किए जाते हैं, ये Nifty, BSE Sensex, S&P जैसे इंडेक्स पर होते हैं, लेकिन इसके बावजूद ये इक्विटी या डेरिवेटिव्स के मुकाबले सेफ होते हैं. ETF की कैश मार्केट में भी ट्रेडिंग होती है. ये ETF अलग-अलग डेट सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं, जिनसे आपको रेगुलर और फिक्स्ड इनकम मिलती रहती है. आपको एक निश्चित रेट पर ब्याज एक अंतराल पर मिलता रहता है.
डेट फंड्स (Debt Funds)
डेट फंड्स अलग-अलग तरह के सिक्योरिटी बॉन्ड जैसे कि सरकारी बॉन्ड, कॉरपोरेट बॉन्ड और ऐसी ही दूसरी सिक्योरिटीज़ में निवेश करते हैं. इनपर आपको थोड़ा लो रिटर्न मिलता है, लेकिन फिर भी इसका रिटर्न एफडी या सेविंग्स अकाउंट से ज्यादा होता है, साथ ही इसपर आपके निवेश का नुकसान भी न के बराबर होता है और ये स्टेबल भी होते हैं.
मनी मार्केट्स इन्स्ट्रूमेंट्स (Money Market Investments/Tools)
ट्रेजरी बिल, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट्स, कॉमर्शियल पेपर वगैरह इस ऑप्शन के तहत आते हैं. इनपर आपको फिक्स्ड रेट पर इंटरेस्ट मिलता है. ये शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट टूल हैं. यहां आपको बता दें कि इनपर मार्केट वॉलेटिलिटी का असर होता है, इसलिए इनका शॉर्ट टर्म होना आपके लिए फायदेमंद है. ये आमतौर पर 1 साल के अंदर की मैच्योरिटी पीरियड के साथ ही आते हैं.
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