अगर आप एक मॉडरेट सैलरी पाने वाले एक सैलरीड एंप्लॉई हैं तो आप समझ सकते हैं कि अपने इनकम, खर्चों और निवेश को बैलेंस करके चलना एक स्किल है, जो सीखना पड़ता है. अगर आप ये तीनों बैलेंस कर लेते हैं तो आप भी एक फाइनेंशियल प्लानर से कम नहीं हैं, लेकिन अगर इससे भी थोड़ा आगे बढ़ें और करोड़ों का फंड तैयार करने का सोचें तो? क्या ऐसी कोई योजना है जो आपके लिए करोड़ों का रिटायरमेंट फंड कॉर्पस तैयार कर सकती है? एक्चुअली हां, ऐसी कई योजनाएं हैं, जो वक्त पर निवेश की शुरुआत करने पर आपके लिए बड़ा कॉर्पस तैयार कर सकती हैं. हम आपको यहां एक लो रिस्क और हाई रिटर्न वाली स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं. NPS यानी नेशनल पेंशन स्कीम ऐसी ही योजना है, जो रिटायरमेंट पर आपको 3 करोड़ से ज्यादा का रिटर्न देगी.

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NPS लो कॉस्ट इन्वेस्टमेंट टूल है और टैक्स डिडक्शन में आप इससे पैसे भी बचा सकते हैं. पोस्ट रिटायरमेंट सेविंग्स के लिए ये सबसे ज्यादा पंसद किए जाने वाली योजनाओं में से एक है. NPS पर आमतौर पर सलाना 9 से 12 पर्सेंट का रिटर्न मिलता है.

NPS Calculator: 

निवेश शुरू करने की उम्र अगर 28 साल मान लें तो, 

आपको हर महीने जमा करने होंगे- 12,000 रुपये

कब तक जमा करना होगा- 60 साल की उम्र तक

कितने साल पैसे डालने होंगे - 32 साल

अगर रिटर्न का अनुमान 10% पर रखें

एनुइटी- 40% और एनुईटी रेट 6% पर रखें और 

आपके रिटायरमेंट फंड में जमा होंगे 3,37,00,024 करोड़

आपका हर महीने का पेंशन बैठेगा 67,400

इसमें से आपका एनुइटी वैल्यू होगा 1,34,80,010 करोड़

लमसम वैल्यू होगा 2,02,20,014 करोड़

टैक्स में मिलती है छूट

NPS में निवेश का एक फायदा यह भी है कि आपको टैक्स बेनेफिट मिल जाता है. एनपीएस में निवेश कर रहे इंप्लॉई को सेक्शन 80 CCD(1) के तहत अपनी सैलरी (बेसिक+DA) के 10 पर्सेंट तक की टैक्स छूट मिल सकती है. 80 CCE के तहत इसमें 1.50 लाख तक की कुल छूट का प्रावधान है.

वहीं, 80 CCE के तहत 1.50 लाख के लिमिट के ऊपर इंप्लॉयर की ओर से दिए जा रहे कॉन्ट्रिब्यूशन में एंप्लॉई को 80 CCD(2) के तहत सैलरी (बेसिक+DA) के 10 पर्सेंट तक की (अगर केंद्र सरकार का कर्मचारी है तो 14%) छूट मिल सकती है.

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