लाइफ को सिक्‍योर करने के लिए इनवेस्‍टमेंट बहुत जरूरी होता है. आमतौर पर लोग एकमुश्‍त राशि को एफडी में निवेश करते हैं. इसे सुरक्षित निवेश माना जाता है. लॉक इन पीरियड खत्‍म होने के बाद इसमें एक निश्चित ब्‍याज बढ़कर मिल जाता है. लेकिन आज के समय में आपके पास एफडी के अलावा भी काफी सारे विकल्‍प हैं, जहां निवेश करने पर आपको एफडी से बेहतर रिटर्न मिल सकता है. आर्थिक मामलों की सलाहकार शिखा चतुर्वेदी बता रही हैं, निवेश के बेहतर तरीके, जो आपको भविष्‍य में अच्‍छा खासा मुनाफा करवा सकते हैं.

रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट

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अगर आपके पास 2 लाख, 5 लाख या इससे ज्‍यादा पैसा है और इसके लिए बेहतर इनवेस्‍टमेंट प्‍लान की खोज कर रहे हैं, तो रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) में निवेश करें. ये एक तरह से म्‍यूचुअल फंड की तरह से होता है, लेकिन इसमें आप शेयर पर पैसा न लगाकर प्रॉपर्टीज पर पैसा लगाते हैं. इसे वो कंपनियां लॉन्‍च करती हैं, जिनके पास कॉमर्शियल प्रॉपर्टी होती है. इसमें आम लोगों से पैसा जुटाकर बड़ी प्रॉपर्टीज जैसे मॉल, पार्क आदि खरीदी जाती हैं. रीट में निवेश करने के लिए आपके पास सिर्फ डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए. एक यूनिट होल्डर के तौर पर आपको डिविडेंड और REIT की बढ़े भाव के रूप में कमाई होगी. लेकिन इसे खरीदते समय एक बार देख लें अंडरलाइंग एसेट्स अच्‍छे होने चाहिए, तभी आपको फायदा मिलेगा.

इंडेक्‍स फंड्स

इंडेक्स फंड किसी मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करता है, इसके रिटर्न भी लगभग उसी प्रकार के होते हैं जैसा कि इंडेक्स द्वारा ऑफर किए जाते हैं. इसमें कम जोखिम में हाई रिटर्न का फायदा उठाया जा सकता है.  इंडेक्स फंड को कम लागत में किया जा सकने वाला इनवेस्टमेंट भी माना जाता है.अगर आप स्‍टॉक्‍स में निवेश करने से हिचकिचाते हैं, या म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए चयन नहीं कर पा रहे हैं, तो इंडेक्‍स फंड्स आपके लिए बेहतर विकल्‍प हो सकता है. इसके अलावा अगर आप SIP में इनवेस्‍ट करना चाहते हैं, तो इंडेक्स फंड में SIP भी किया जा सकता है. इंडेक्स फंड में निवेश करने के लिए आप फंड ऑफ हाउस की आधिकारिक वेबसाइट या किसी ऐप का उपयोग कर सकते हैं.

 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक ग्राम सोना खरीदकर निवेश की शुरुआत कर सकता है. ये एक तरह से 999 शुद्धता वाले गोल्ड को डिजिटल तरीके से खरीदने जैसा है. इसका लॉक इन पीरियड 8 साल का होता है.  8 साल के बाद निकासी पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं होता. लेकिन इससे पहले निकासी करने पर आपको कैपिटल गेन टैक्स देना होगा. इसमें इनवेस्‍टर को सालाना 2.5% का ब्याज मिलता है, जिसका भुगतान छमाही आधार पर होता है. ये जीएसटी के दायरे से भी बाहर होता है. इसमें आठ साल में निवेश की गई रकम पर 20% का ब्याज मिल सकता है. निकासी पर सोने के बाजार भाव के आधार पर भुगतान होता है और इसमें आपको सोने के भाव में तेजी का भी फायदा मिलता है.