निवेश का एक्टिव या पैसिव प्लान- लॉन्ग टर्म में किस स्टैटेजी में होगा मुनाफा? एक्सपर्ट्स से समझिए अपने फायदे की बात
Money Guru: म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में लंबी अवधि में अगर वेल्थ बनानी है तो एक्टिव या पैसिव स्ट्रैटेजी आपके काम आ सकती है. आइए जानते हैं वेल्थ क्रिएशन (Wealth Creation) के लिए कौन सी स्ट्रैटेजी है सही.
Money Guru: म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में लंबी अवधि में अगर वेल्थ बनानी है तो एक्टिव या पैसिव स्ट्रैटेजी आपके काम आ सकती है. पिछले कुछ सालों में पैसिव फंड के AUM में इजाफा देखने को मिला है. तो क्या एक्टिव फंड (Active Funds) के मुकाबले पैसिव फंड (Passive Funds) से ज्यादा मुनाफा बन रहा है. आज समझेंगे वेल्थ क्रिएशन (Wealth Creation) के लिए कौन सी स्ट्रैटेजी है सही-एक्टिव या पैसिव. इसके लिए हमारे साथ होंगे White Oak Capital के चीफ बिजनेस ऑफिसर प्रतीक पंत और आनंदराठी वेल्थ के सीईओ फिरोज अजीज.
पैसिव फंड-बढ़ता निवेश का ट्रेंड
- पिछले कुछ साल पैसिव फंड के लिए अच्छे रहे हैं
- पैसिव फंड में निवेशकों की रुची बढ़ी हैं
- पैसिव कैटेगरी के AUM में 4 गुना बढ़ोतरी रही है
- कुल इक्विटी AUM का 20% पैसिव,80% एक्टिवली मैनेज्ड फंड
- बाजार में 211 इंडेक्स फंड का कुल AUM `4 लाख करोड़
पैसिव फंड का AUM
समय इंडेक्स फंड/ETF AUM(लाख करोड़)
दिसंबर 2022 211 ₹4.47
अगस्त 2021 111 ₹3.10
अगस्त 2018 64 ₹0.92
अगस्त 2016 52 ₹0.21
पैसिव फंड
- मार्केट इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश
- निफ्टी 50 ,सेंसेक्स 30 में शामिल कंपनियों में निवेश
- ऐसे फंड का प्रदर्शन उस इंडेक्स जैसा ही होता है
- इंडेक्स का प्रदर्शन बेहतर,फंड में भी बेहतर रिटर्न की गुंजाइश
एक्टिव फंड क्या हैं?
- फंड मैनेजर तय करते हैं किन फंड में निवेश करना है
- किस स्टॉक में कितना निवेश फंड मैनेजर देखते हैं
- फंड मैनेजर आपके लक्ष्य अनुसार बेस्ट विकल्प खोजता है
- म्यूचुअल फंड में निवेश एक्टिव निवेश का उदाहरण है
एक्टिव फंड का प्रदर्शन (2001-2022)
- पिछले 22 साल में सिर्फ 7 बार निगेटिव एल्फा दिया
- 63% एक्टिवली मैनेज्ड स्कीम का Nifty50 से बेहतर प्रदर्शन
- 2001,2006,2008,2013,2018,2019 में कुछ कमजोर प्रदर्शन
- लंबी अवधि में एक्टिव फंड अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं
इंडेक्स फंड का फायदा
- कम टोटल एक्सपेंस रेश्यो- 0.2%-0.75%
- फंड मैनेजर की कम दखलंदाजी
- फंड का प्रदर्शन, बेंचमार्क इंडेक्स जैसा ही
इंडेक्स फंड- कम लागत
- इंडेक्स फंड पैसिवली मैनेज्ड होते हैं
- फंड मैनेजर का कोई रोल नहीं होता
- इंडेक्स फंड पर कम खर्च आता है
- टोटल एक्सपेंस रेश्यो बहुत कम आता है
इंडेक्स फंड-डायवर्सिफिकेशन आसान
- डायवर्सिफिकेशन का फायदा
- पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई करने का मौका मिलता है
- एक कंपनी के शेयर में कमजोरी तो दूसरे में ग्रोथ से नुकसान बैलेंस
- डायवर्सिफिकेशन से पैसा डूबने का खतरा कम हो जाता है
पैसिव फंड-ट्रैकिंक एरर कम
- इंडेक्स और इनके प्रदर्शन में मामूली अंतर हो सकता है
- इस अंतर को ट्रैकिंग एरर कहा जाता है
- अंतर एक्सपेंस रेशियो, कैश होल्डिंग में बदलाव से
- कम ट्रैकिंग एरर वाले फंड बेंचमार्क इंडेक्स की तर्ज पर रिटर्न देते हैं
इंडेक्स फंड के नुकसान
- आम फंड के मुकाबले रिटर्न कम मिलता है
- इंडेक्स फंड में खराब प्रदर्शन पर मुश्किलें ज्यादा
- एक प्रक्रिया के द्वारा ही बाहर हो सकते हैं
- एक्टिव मैनेज्ड फंड में मैनेजर तुरंत फैसला लेते हैं
इंडेक्स vs एक्टिव फंड
- एक्टिव फंड-लक्ष्य मार्केट इंडेक्स से बेहतर रिटर्न लेना
- पैसिव फंड-निवेशक मार्केट इंडेक्स के हिसाब से
- पैसिव फंड में एक्टिव की तुलना में रिसर्च खर्च अधिक
- पैसिव फंड में एक्टिव की तुलनी में कम लागत
- एक्टिव फंड में पैसिव की तुलना में ज्यादा जोखिम
इंडेक्स फंड-किनके लिए?
- लंबी अवधि में अधिक पूंजी बनाना चाहते हैं
- नये निवेशक निवेश कर सकते हैं
- निवेशक कम जोखिम लेना चाहते हैं
- लंबे समय के लिए रिटायरमेंट लक्ष्य बना सकते हैं