जैसे ही किसी इंसान को कैंसर डाएग्नोज होता है कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी एक्टिव हो जाती है. जब इंश्योर्ड पर्सन को कैंसर का पता चलता है तो इंश्योरेंस कंपनी सम इंश्योर्ड के बराबर लम्प सम का पेमेंट करती है. इस अमाउंट का यूज कैंसर के इलाज की लागत को कवर करने के लिए किया जा सकता है. आम तौर पर ये क्लेम कैंसर के माइनर, मेजर और क्रिटिकल स्टेज पर मिलता है. इसके लिए जरुरी है कि कैंसर को पॉलिसी ईयर के दौरान डाएग्नोज किया गया हो. कैंसर इंश्योरेंस डेथ बेनिफिट मैच्योरिटी बेनिफिट और सरेंडर बेनिफिट नहीं ऑफर करता है. कैंसर के ट्रीटमेंट के हाई कॅास्ट के कारण कैंसर बीमा पॉलिसी खरीदना जरुरी है. ये ट्रीटमेंट आमतौर पर लंबे समय तक चलता है. कैंसर फैमिली पर शारीरिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से इफेक्ट डालती है. कई बार ऐसा भी हो सकता है कि अच्छी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कैंसर के ट्रीटमेंट से रिलेटेड सभी खर्चों को कवर न करे. इसलिए कैंसर इंश्योरेंस को लेना जरुरी है. भारत में आदित्य बिरला, बजाज आलियांज, भारती एक्सा, रिलायंस और एस बी आई जैसी कंपनियां कैंसर इंश्योरेंस प्लान ऑफर करते हैं.

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कैंसर इंश्योरेंस के बेनिफिट

कैंसर इंश्योरेंस प्लान कैंसर के कई स्टेज को कवर करता है. इसे लेने से कैंसर डाएग्नोस होने पर पॅालिसी होल्डर को लम्प सम अमाउंट का पेमेंट किया जाता है. इसमें प्रीमियम में छूट का बैनिफिट कुछ कंडीशन मे मिलता है जैसे अर्ली स्टेज में कैंसर डाएग्नोज होने पर. अगर पूरे साल के दौरान कोई क्लेम नहीं किया जाता है, तो सम इंश्योर्ड प्री स्पेसिफाइड परसंटेज से बढ़ जाती है. मंथली इनकम का पेमेंट कुछ तय सालों के लिए किया जाता है. कई स्कीम के तहत कैंसर इंश्योरेंस कवर बीमारी के पहली बार डाएग्नोज होने के बाद खत्म नहीं होता है. इसके साथ ही पे किए गए प्रीमियम पर आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत टैक्स बेनिफिट भी मिलता है.

 

 

कैंसर इंश्योरेंस प्लान के तहत क्या कवर नहीं होता है

इस पॅालिसी के तहत स्किन कैंसर, सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीज, एच आई वी और एड्स कवर नहीं होता है. साथ में किसी भी जन्मजात स्थिति और पहले से मौजूद कंडीशन के कारण होने वाला कैंसर, जैविक, परमाणु या कैमिकल कंटेमिनेशन के कारण होने वाला कैंसर और किसी भी रेडियोएक्टिव या रेडिएशन के कारण होने वाला कैंसर भी इसमें कवर नहीं होता है.

 

कैंसर इंश्योरेंस प्लान कब लें

अगर आपके फैमिली में कैंसर की हिस्ट्री रही है तो आपको कैंसर इंश्योरेंस लेना चाहिए. इसके साथ ही अगर आप मानते हैं कि आपको पर्यावरण या दूसरे कारणों से कैंसर होने का रिस्क है या

आपके पास बड़े मेडिकल बिलों का पेमेंट करने के लिए सेविंग नहीं है तो भी आपको ये पॅालिसी खरीदनी चाहिए.

 

भारत में कैंसर इंश्योरेंस के तहत क्या कवर होता है

भारत में कैंसर इंश्योरेंस प्लान से लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, ओवरिन कैंसर, पेट का कैंसर, हाइपॅालेरिंक्स कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर कवर होते है.