साल भर इंश्योरेंस क्लेम न करने पर पॉलिसी होल्डर्स को मिलता है नो-क्लेम बोनस, जानें इसकी अहमियत
हेल्थ इंश्योरेंस का सबसे अच्छा फीचर नो क्लेम बोनस (No claim bonus) है. ये क्लेम फ्री ईयर के बाद इंश्योर्ड पर्सन को मिलता है.
हेल्थ इंश्योरेंस का सबसे बढ़िया फीचर नो-क्लेम बोनस है. नो-क्लेम बोनस (No claim bonus) पॉलिसीहोल्डर को उनकी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम के साथ मिलता है. नो क्लेम बोनस को आप एक रिवार्ड की तरह भी समझ सकते हैं. ये इंश्योर्ड पर्सन को तब मिलता है जब वो एक साल कोई भी क्लेम नहीं करता. नो क्लेम बोनस का अमाउंट पॅालिसी ईयर के खत्म होने पर सम इंश्योर्ड में जुड़ जाता है. इससे पॅालिसी होल्डर को ज्यादा कवरेज मिलता है. इसके लिए आपको अगले साल अपने इंश्योरेंस को रिन्यू करना होगा. नो-क्लेम बोनस फाइनेंशियल सिक्योरिटी को बढ़ाने का अच्छा जरिया है. इससे इंश्योरर अपने कस्टमर के बीच अच्छे हेल्थ को बढ़ावा देते हैं. नो क्लेम बोनस हेल्दी लाइफ स्टाइल को प्रमोट करता है. इसके साथ ही ये कस्टमर को जरुरी पड़ने पर ही क्लेम करने के लिए एन्करिज करता है. हेल्थ इंश्योरेंस में मिलने वाले नो क्लेम बोनस दो तरह के होते हैं.
दो तरह के होते हैं नो क्लेम बोनस
क्यूमलेटिव बोनस
क्यूमलेटिव बोनस एक पॉलिसीहोल्डर को एक पॉलिसी ईयर में हेल्दी रहने और उस साल कोई क्लेम नहीं करने पर सम इंश्योर्ड में बढ़ोतरी के रूप में आता है. इसमें सम इंश्योर्ड एक तय परसेंटेज से पॅालिसी रिन्यू कराते समय बढ़ता है. अगर आप क्यूमलेटिव डिस्काउंट के लिए जाते हैं, तो सम इंश्योर्ड, कवरेज के आधार पर 5 से 50 फीसदी तक बढ़ जाता है. हमेशा ध्यान रखें कि सम इंश्योर्ड में बढ़त का फायदा एक मैक्सिमम लिमिट तक ही उठाया जा सकता है.
डिस्काउंटेड प्रीमियम
नो-क्लेम बोनस देने का दूसरा तरीका प्रीमियम पर छूट देना है. हालांकि अलग-अलग इंश्योरर प्रीमियम पर अलग-अलग छूट देते हैं. ये ऑप्शन आमतौर पर हर क्लेम फ्री ईयर के लिए एक तय प्रतिशत से पॉलिसी में प्रीमियम रेट को कम कर देता है. डिस्काउंटेड प्रीमियम के केस में सम इंश्योर्ड, पॉलिसी के पूरे टेन्योर के दौरान स्थिर रहती है. इसमें रिन्यूअल प्रीमियम पर 5-10 फीसदी की छूट भी दी जाती है. भारत में ज्यादातर इंश्योरर हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट पर एनसीबी बैनिफिट देते हैं. अलग-अलग इंश्योरर के नियम और शर्तें क्यूमलेटिव बोनस या डिस्काउंटेड प्रीमियम के अमाउंट को अफेक्ट करती हैं. आमतौर पर इंश्योरेंस कंपनिया क्यूमलेटिव बोनस के रूप में दिए जाने वाले मैक्सिमम अमाउंट के लिए एक सेट लिमिट करती हैं. ज्यादातर इंश्योरर, क्लेम फ्री ईयर के लिए सम इंश्योर्ड में एक बढ़िया बढ़त देते हैं.
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