Nominees in Bank Account: अगर आप अपने बच्चों का फ्यूचर प्लान करके चलना चाहते हैं. तो आपको अपने बैंक अकाउंट्स, बीमा या स्टॉक्स और संपत्ति के लिए नॉमिनी जरूर बनाना चाहिए, ताकि उसके बाद परिवार को अपनी आर्थिक जरूरतों (Financial Planning) के लिए किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े. दरअसल हर एक व्यक्ति को अपनी संपत्ति बनाने में लंबा समय लग जाता है. और फिर इस संपत्ति को वो व्यक्ति अपने परिवार या उत्तराधिकारी वो विरासत के रूप में देता है, ऐसे में आप ये कैसे सुनिश्चित करेंगे कि आपके बाद आपकी संपत्ति सही हाथों में गई है या नहीं. ऐसे में आप अपनी संपत्ति के लिए एक या एक से ज्यादा लोगों को नॉमिनी (Nominee) बना सकते हैं. 

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बता दें, नॉमिनी बनाने पर बैंक में डिपॉजिट, FD, RD, PPF Fund, Mutual Fund, Stock में निवेश की गई राशि अपकी मृत्यु के बाद नॉमिनी को मिलती है. अगर आप गलत नॉमिनी चुनते हैं, तो आपके पैसे लॉस में जा सकते हैं. किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद नॉमिनी की उसकी संपत्ति का हकदार होता है. साथ ही उसे कानूनी अधिकार भी मिल जाते हैं. 

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एक व्यक्ति FD, सेविंग अकाउंट, PPF, म्यूचुअल फंड, लाइफ इंश्योरेंस के लिए अलग-अलग व्यक्तियों को नॉमिनी बना सकता है. क्योंकि इंश्योरेंस पॉलिसी और म्यूचुअल फंड जैसे प्लान में आपको एक से ज्यादा व्यक्तियों को नॉमिनी बनाने का ऑप्शन मिलता है. इसके साथ ही शेयर के निवेश में एक से ज्यादा व्यक्तियों को नॉमिनी बनाया जा सकता है. हालांकि बैंक अकाउंट में सिर्फ एक ही व्यक्ति नॉमिनी हो सकता है.

कौन हो सकता है नॉमिनी?

अगर आप अपनी संपत्ति के लिए किसी भी व्यक्ति को नॉमिनी बना सकते हैं, यह नॉमिनी आपकी पत्नी, पति, दोस्त या रिश्तेदार भी हो सकता है. हालांकि नॉमिनी बनाए गए व्यक्ति को संपत्ति से जुड़े कानूनी अधिकार दिया जाना जरूरी नहीं है. अगर नॉमिनी को कानूनी अधिकार नहीं हैं, तो वह संपत्ति के लिए गार्जियन की भूमिका निभा सकता है. बैंक अकाउंट को छोड़कर आप अन्य निवेश प्लान में एक या एक से ज्यादा या फिर अलग-अलग व्यक्तियों को अपना नॉमिनी बना सकते हैं. म्यूचुअल फंड में अधिकतम तीन लोगों को नाॉमिनी बनाया जा सकता है.

कौन होता है नॉमिनी

प्रॉपर्टी या निवेश से जुड़ी किसी स्‍कीम में जब आप किसी को नॉमिनी बनाते हैं, तो वो उसके संरक्षक के तौर पर होता है. आपके न रहने के बाद नॉमिनी को उस प्रॉपर्टी या उस पॉलिसी के पैसों को लेकर क्‍लेम करने का अधिकार प्राप्‍त होता है. लेकिन सिर्फ नॉमिनी बनने मात्र से उसे मालिकाना हक नहीं मिल जाता. अगर बैंक अकाउंट होल्डर, बीमाधारक या प्रॉपर्टी के मालिक ने कोई वसीयत नहीं की हुई है, उसकी मृत्‍यु के बाद नॉमिनी उसकी प्रॉपर्टी या पॉलिसी को क्‍लेम करेगा, लेकिन वो राशि नॉमिनी को तभी दी जा सकती है, जब उसमें कोई विवाद न हो. अगर मरने वाले के उत्‍तराधिकारी हैं, तो वे अपने हक के लिए उस राशि या प्रॉपर्टी के लिए दावा कर सकते हैं. ऐसे में उसे राशि या प्रॉपर्टी के हिस्‍से सभी कानूनी वारिसों में बराबर बंटेंगे.