एक बेटी के पिता को बेटी के जन्‍म के साथ ही उसके भविष्‍य को लेकर तमाम चिंताएं सताने लगती हैं. खासतौर पर बेटी के कॅरियर और शादी को लेकर तो बहुत ज्‍यादा फिक्र होती है. लेकिन फिक्र करने से कुछ नहीं होगा, बेहतर ये है कि बच्‍ची के जन्‍म के साथ ही उसके लिए निवेश की प्‍लानिंग करना शुरू कर दें, ताकि जब तक वो बड़ी हो उसके लिए अच्‍छा खासा अमाउंट तैयार हो जाए.

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8 मार्च को अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस है. इस मौके पर आप LIC की कन्‍यादान पॉलिसी अपनी बेटी के नाम कर सकते हैं. इस पॉलिसी के जरिए आप अपनी बेटी के लिए अच्‍छा खासा फंड इकट्ठा कर सकते हैं, जिसके जरिए आप बेटी की शादी खूब धूमधाम से कर सकते हैं. यहां जानिए LIC की कन्‍यादान पॉलिसी के बारे में.

बेटी के पिता खुलवा सकते हैं अकाउंट

एलआईसी की इस पॉलिसी का खाताधारक बेटी का पिता होता है. पॉलिसी को लेने के लिए लड़की की पिता की आयु कम से कम 18 साल और अधिक से अधिक 50 साल है. वहीं मैच्‍योरिटी की अधिकतम उम्र 65 साल है. अगर आपकी बेटी की उम्र 1 साल से 10 साल के बीच है, तो आप इस पॉलिसी में बेटी के भविष्‍य को सुरक्षित करने के लिए निवेश कर सकते हैं. 

ऐसे जोड़ सकते हैं 26 लाख

इस मामले में फाइनेंशियल एडवाइजर दीप्ति भार्गव बताती हैं कि LIC की कन्‍यादान पॉलिसी में अगर आप हर दिन 121 रुपए के हिसाब से प्रतिमाह 3630 रुपए का निवेश करते हैं तो आपको मैच्‍योरिटी के समय 26 लाख रुपए मिलेंगे. लेकिन ये प्रीमियम आपको 22 सालों तक देना होगा और मैच्‍योरिटी की रकम आपको 25 साल होने पर मिलेगी. हालांकि आप चाहें तो कम प्रीमियम या ज्‍यादा का प्रीमियम वाला प्‍लान भी खरीद सकते हैं. आपके प्रीमियम के हिसाब से पॉलिसी के मैच्‍योर होने के बाद इसका लाभ दिया जाएगा. इस स्‍कीम का पॉलिसी टर्म 13-25 साल का है. इसके लिए प्रीमियम का भुगतान आप मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक रूप से कर सकते हैं.

मैच्योरिटी बेनिफिट्स

पॉलिसी के मैच्योरिटी बेनिफिट की बात करें तो पॉलिसी होल्डर के जिंदा रहने पर सम अश्योर्ड के साथ-साथ सिंपल रिविजनरी बोनस का लाभ मिलेगा. इसके अलावा एडिशनल बोनस का भी लाभ मिलता है. इसके अलावा पॉलिसी को खरीदने के तीन साल बाद इस पर लोन का भी लाभ मिलता है. प्रीमियम जमा करने पर 80सी के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है और सेक्शन 10डी के तहत  मैच्योरिटी अमाउंट टैक्स फ्री होता है. पॉलिसी के लिए सम अश्‍योर्ड की लिमिट न्‍यूनतम 1 लाख रुपए से शुरू है और अधिकतम कोई सीमा नहीं है.

डेथ बेनिफिट्स भी शामिल

अगर इस पॉलिसी को लेने के कुछ समय बाद पिता की मृत्‍यु हो जाती है, तो उसके परिवार को इस पॉलिसी का भुगतान करने की जरूरत नहीं पड़ती. ऐसे में प्रीमियम माफ कर दिया जाता है और ये पॉलिसी मुफ्त में चलती रहती है. मैच्‍योरिटी के समय पूरी रकम नॉमिनी को दी जाती है. साथ ही बेटी को पॉलिसी के बचे सालों के दौरान हर साल सम अश्योर्ड का 10 फीसदी मिलता है. यदि एक्‍सीडेंट के चलते लाभार्थी की मौत हुई है तो परिवार को 10 लाख रुपए और अगर नेचुरल डेथ है, तो 5 लाख रुपए दिए जाते हैं.

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