IRDAI Master Circular: इंश्योरेंस रेगुलेटर यानी भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने नया सर्कुलर जारी किया है. इसमें IRDAI ने ULIPs को बतौर इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट के तौर पर एडवर्टाइज करने पर रोक लगाई है. इस साल ULIPs की गलत स्पेलिंग को लेकर रेगुलेटर को कई शिकायतें मिली थी. इसके अलावा हर एक इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी होल्डर की शिकायतें दर्ज करने का और उनकी सुनवाई का एक मज़बूत टेक सिस्टम बनाने के निर्देश दिया गया है. वहीं, इरडा ने कहा है कि हर एक इंश्योरेंस कंपनी का उद्देश्य जीरो शिकायत का होना चाहिये . हर एक इंश्योरेंस कंपनी एक बोर्ड के अप्रूवल के साथ एडवर्टाइजमेंट कमेटी बनाये जिसका उद्देश्य हो कि कोई भी भ्रामक विज्ञापन और पूरा न किए जाने वाले वादा न करें.

IRDAI Circular: ULIP को NFO के रूप में पेश कर रही थी इंश्योरेंस कंपनियां, रिस्क फैक्टर्स का करना होगा खुलासा  

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इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी होल्डर्स और निवेशकों के सामने नए ULIP को NFO यानी न्यू फंड ऑफर के रूप में पेश कर रही थीं. ऐसे में मास्टर सर्कुलर में IRDAI ने सभी विज्ञापनों में लिंक्ड इंश्योरेंस प्रॉडक्ट्स से जुड़े रिस्क फैक्टर्स का खुलासा करने के लिए कहा है. सभी विज्ञापनों में यह स्पष्ट करना जरूरी होगा कि प्रॉडक्ट/प्लान के बोनस या पिछले परफॉर्मेंस या रिटर्न को भविष्य की गारंटी नहीं माना जा सकता. उदाहरण के लिए, यदि किसी प्लान ने पिछले 5 साल में X% रिटर्न दिया हो, तो अगले 5 साल में भी X% रिटर्न की गारंटी नहीं है.

IRDAI Circular: जोखिम के दायरे में है ULIP, कंपनी को करना होगा साफ  

सर्कुलर के मुताबिक बीमा कंपनियां इस तथ्य को स्पष्ट करेंगी कि ऐसे प्रॉडक्ट यानी कि ULIP ओवरऑल परफॉर्मेंस के जोखिम के दायरे में हैं. विज्ञापन में यह साफ होगा कि ULIP या index based products में अनुमानित बोनस की गारंटी नहीं होती और पिछले प्रदर्शन को भविष्य के बोनस का संकेत नहीं माना जा सकता. IRDAI ने कहा कि वैरिएबल पेआउट वाले सभी लिंक्ड और एन्युटी प्रॉडक्ट्स के विज्ञापनों को ASCI के मानकों का भी पालन करना होगा.

 

IRDAI Circular: ग्राहकों को मिलेगा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ऑप्शन 

IRDAI के सर्कुलर के मुताबिक देश के गांव तबकों तक इंश्योरेंस पहुंचाने के लिये हर एक इंश्योरेंस कंपनी फिजिकल और डिजिटल दोनों रास्ता अपनाये. इसे Phygital नाम दिया है. इसके साथ ही पॉलिसी होल्डर को ऑप्शन मिले की वो ऑनलाइन सर्विस चुने या उसे एक एजेंट या सेल्स स्टाफ मिले ताकि पॉलिसी से जुड़े काम आसानी से हो पाये. खासकर तब जब कोई एजेंट या सेल्स से जुड़ा स्टाफ कंपनी छोड़ कर जा चुका हो. स्टाफ के छोड़ने से पॉलिसी होल्डर को कोई मुश्किल नहीं आनी चाहिये.

IRDAI Circular: बीमा भरोसा पोर्टल में देना होगा unclaimed amount का ब्योरा

बीमा भरोसा नाम का नया पोर्टल आएगा.यह एक ऐसा पोर्टल होगा जिससे पॉलिसी होल्डर को पता चलेगा कि उसका unclaimed amount कितना है. इरडा के सर्कुलर के मुताबिक हर एक इंश्योरेंस कंपनी की एक एडवर्टाइजमेंट कमेटी होगी या एक कंप्लायंस ऑफिसर होगा, जिसका काम होगा कि वो कंपनी के इंश्योरेंस प्रोडक्ट का विज्ञापन IRDAI रेगुलेशन के तहत हो- इस पर नजर रखेगा. साथ ही कमेटी और कंप्लायंस ऑफिसर का काम होगा कि वो एडवरटाइजमेंट कंटेंट का रिकॉर्ड रखे और कोई भी विज्ञापन इंश्योरेंस को लेकर झूठे वादे न करे. कोई भी advertisement किसी ऐसी सर्विस का दावा नहीं करेगी जो प्रोडक्ट से जुड़ी न हो.

IRDAI Circular: इंश्योरेंस कंपनी एडवर्टाइजमेंट रेट्स या डिस्काउंट्स रेट्स की नहीं होगी तुलना

जनरल इंश्योरेंस में कोई भी एडवर्टाइजमेंट रेट्स या डिस्काउंट्स की तुलना नहीं करेगी. इंश्योरेंस प्रोडक्ट से जुड़े रिस्क को हाईलाइट किये बिना उसके फायदे विज्ञापन नहीं होगे. किसी कॉम्पिटिटर को नीचा दिखाने की कोशिश नहीं की जायेगी. गौरतलब है कि इससे पहले इरडा  ने कहा कि जनरल इंश्योरेंस कंपनियां दस्तावेजों के अभाव में दावों को अस्वीकार नहीं कर सकतीं. प्रस्ताव की मंजूरी के समय जरूरी दस्तावेजों को मांगना चाहिए. इसके मुताबिक, ग्राहकों से केवल उन दस्तावेजों को जमा करने के लिए कहा जा सकता है, जो जरूरी हैं और दावा निपटान से संबंधित हैं.