रोड एक्सीडेंट जैसे हादसों के कारण होने वाले फाइनेंशियल रिस्क से बचने के लिए कार इंश्योरेंस का होना बहुत जरुरी है. जब आप अपनी कार बेचते हैं, तो आपको ये ध्यान रखना चाहिए कि आपने जिसको कार बेची है वो कार इंश्योरेंस को खुद के नाम पर जरुर ट्रांसफर करा लें. इसी तरह अगर आप सेकंड हैंड कार खरीद रहे हैं, तो फ्यूचर में होने वाली किसी भी परेशानी से बचने के लिए कार के लिए मौजूदा इंश्योरेंस पॉलिसी को अपने नाम पर ट्रांसफर करवाना जरुरी है. अगर आपने पॉलिसी को अपने नाम पर ट्रांसफर नहीं किया है. ऐसे में आपकी पुरानी कार के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है, जिसकी वजह से थर्ड पार्टी अफेक्ट होती हैं. तो आप थर्ड पार्टी के लिए क्लेम नहीं कर पाएंगे. और आपको थर्ड पार्टी के लिए खुद ही खर्च करना होगा. इसी तरह, अगर आप अपनी कार किसी को बेचते हैं, तो आपको मौजूदा व्हीकल इंश्योरेंस पॅालिसी को अपने नाम से कार के नए मालिक को ट्रांसफर करना होगा. अगर आपने ट्रांसफर नहीं किया है तो ऐसे में किसी भी तरह के एक्सीडेंट के कारण थर्ड पार्टी को नुकसान होता है, तो आपको ही अपने पैसे से उस नुकसान को भरना होगा.

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नो क्लेम बोनस को रिटेन करना

हर क्लेम-फ्री पॉलिसी ईयर के लिए, आप नो क्लेम बोनस पाते हैं. जो आपको अपनी कार इंश्योरेंस रिन्युअल प्रीमियम पर डिस्काउंट लेने में मदद करता है. जब आप अपनी कार बेचते हैं, तो आपको अर्न्ड एनसीबी को ट्रांसफर करना होता है. जिससे नई कार की इंश्योरेंस पॉलिसी के रिन्युअल पर प्रीमियम डिस्काउंट का फायदा मिलता है. ऐसा करने के लिए, आपको कार को सेल करने के समय इसके बारे में इंफॅार्म करने के बाद अपनी मोटर बीमा कंपनी से एनसीबी सर्टिफिकेट लेना होगा. आपको एनसीबी सर्टिफिकेट तब तक नहीं मिलेगा जब तक आप कार के नए मालिक को करंट मोटर पॉलिसी ट्रांसफर नहीं करेंगे.

 

कार इंश्योरेंस ट्रांसफर अधूरा रहने पर क्या होगा

अगर आप अपनी पुरानी कार पर मौजूदा मोटर बीमा पॉलिसी को अपने नाम पर ट्रांसफर नहीं करते हैं. तो आप एक्सीडेंट होने पर किसी भी तरह का क्लेम नहीं कर पाएंगे. इसका मतलब है कि आप किसी भी तरह के कार से थर्ड पार्टी को होने वाले नुकसान को क्लेम नहीं कर सकते. आप को इसके लिए खुद ही पूरा खर्चा करना होगा.  

 

क्या है कार इंश्योरेंस ट्रांसफर करने की प्रॅासेस

फोर व्हीलर इंश्योरेंस ट्रांसफर प्रॅासेस ओनरशिप के ट्रांसफर के साथ काम करती है. जब एक बार नया ओनर कार खरीद लेता है तो ये पॅलिसी पुराने ओनर के लिए वैलिड नहीं रहती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि क्लेम करने के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस डॅाक्यूमेंट दोनों पर नाम और पता भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के तहत सेम होना चाहिए. मौजूदा कार इंश्योरेंस को एक इंसान से दूसरे इंसान के लिए ट्रांसफर करने के लिए, आपको अपने मोटर इंश्योरेंस प्रोवाइडर से ट्रांसफर रिक्वेस्ट करना पड़ेगी. इसके साथ ही आपके पास रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की न्यू कॅापी के साथ ओल्ड कार पॅालिसी के डॅाक्यूमेंट, पिछले पॅालिसी होल्डर से नो ऑब्जेक्शन क्लॅाज (NOC), नया एप्लीकेशन फॅार्म, इंस्पेक्शन रिपोर्ट और नो क्लेम बोनस डिफरेंस अमाउंट होना चाहिए.

 

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