हर इंसान को अपनी लाइफ में कभी न कभी मेडिकल हेल्प की जरुरत होती है. कई तरह की बीमारियों जैसे डायबिटीज, कोविड-19 आदि के फैलने को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस सभी के लिए एक जरुरत बन गया है. बढ़ती मेडिकल ट्रीटमेंट की कीमतों ने हेल्थ सर्विस को महंगा बना दिया है. इस वजह से लोगों के पास हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनने के अलावा और कोई ऑप्शन नहीं बचा है. हेल्थकेयर सर्विस समाज के सभी वर्गों के लोगों के आसानी से पहुंच में होनी चाहिए. लेकिन गरीबी रेखा से नीचे के लोगों की इनकम सीमित है, जिस वजह से हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना उनके लिए दूर का सपना साबित होता है. ज्यादातर गरीब लोगों के पहुंच में खाने और रहने जैसी बेसिक जरुरत तक नहीं है. इस वजह से वो हेल्थ इंश्योरेंस को बिल्कुल भी जरुरी नहीं मानते हैं. जबकि इस वर्ग के लोगों को भी समान रुप से बीमारियों का खतरा रहता है. ऐसे में जब बीपीएल परिवारों को मेडिकल इमरजेंसी का सामना करना पड़ता है, तो वो सही समय पर सही इलाज पर खर्च करने की कंडीशन में नहीं होते हैं. वो या तो खराब हेल्थ केयर सर्विस के लिए समझौता कर लेते हैं या पैसों की कमी के कारण अपने फैमिली मेम्बर को खो देते हैं. बीपीएल कैटेगरी में आने वाले लोगों के लिए भारत सरकार ने कई तरह की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी शुरू की हैं.

बीपीएल कैटेगरी में आने वाले लोगों के लिए हैं हेल्थ इंश्योरेंस

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना उन बीपीएल परिवारों को हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज देती है जिनके मेम्बर असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं. श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इस स्कीम को शुरू किया है. ये पेशेंट के 1000 रुपये तक के ट्रीटमेंट और ट्रांसपोर्टेशन की लागत को कवर करता है. ये फ्लोटर बेसिस पर 30,000 रुपये का सम इंश्योर्ड देता है और पहले से मौजूद बीमारियों को भी कवर करता है. इसका एस्टीमेटेड एनुअल प्रीमियम 750 रुपए है.

यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम

यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम पब्लिक सेक्टर की इंश्योरेंस कंपनियां देती हैं. ये स्कीम गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के हॅास्पिटलाइजेशन का खर्च कवर करती हैं. ये फ्लोटर आधार पर प्रति परिवार 30,000 रुपये के सम इंश्योर्ड के साथ आती है. ये 25,000 रुपये का एक्सीडेंटल डेथ कवर भी देती है. इसके साथ ही इस स्कीम से लॅास ऑफ इनकम के मामले में मेक्सिमम 15 दिनों तक 50 रुपये का डैली कंपनसेशन मिलता है. ये सामान्य डिलीवरी के लिए 2500 रुपये और सिजेरियन डिलीवरी के लिए 5000 रुपये का मेटरनिटी एक्सपेंस भी देती है. इसका एनुअल प्रीमियम 300 से 600 रुपए होता है. 

करुण्य स्वास्थ्य बीमा योजना

करुण्य स्वास्थ्य बीमा योजना केरल सरकार देती है. ये कम इनकम वाले ग्रुप को गंभीर बीमारियों, जैसे कि कैंसर, हृदय रोग, किडनी रोग, हीमोफिलिया आदि के लिए कवरेज देने के लिए शुरू की गई है. इस स्कीम से 3,00,000 रुपये का सम इंश्योर्ड मिलता है. और साथ ही ट्री़टमेंट एक्सपेंस, एस्टीमेट अमाउंट से ज्यादा होने की कंडीशन में रीइंबर्समेंट भी मिलता है. जिन लोगों की एनुअल इनकम 3 लाख रुपए से कम है वे इस स्कीम के लिए एप्लाई कर सकते हैं.

महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना

महाराष्ट्र सरकार ने किसानों और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को मेडिकल कवरेज देने करने के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना शुरू की है. ये प्लान 34 स्पेशलिटी के तहत मेडिकल और सर्जिकल प्रोसिजर के लिए हॅास्पिटलाइजेशन की लागत को कवर करता है. ये फ्लोटर बेसिस पर प्रति परिवार 1,50,000 रुपये के सम इंश्योर्ड के साथ आता है.  रीनल ट्रांसप्लांट के लिए प्रति परिवार 2,50,000 रुपये तक इस प्लान को बढ़ाया जा सकता है.

मुख्यमंत्री अमृतम योजना

मुख्यमंत्री अमृतम योजना बीपीएल परिवारों के मेडिकल एक्सपेंस को कवर करने के लिए गुजरात सरकार ने शुरू की थी. ये ट्रांसपोर्टेशन फीस के साथ-साथ प्री हॅस्पिटलाइजेशन और पोस्ट हॅास्पिटलाइजेशन एक्सपेंस के लिए कवरेज देता है. ये कुछ गंभीर बीमारियों, जैसे कैंसर, लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट आदि के लिए भी कवरेज देता है. ये हर परिवार को 3,00,000 रुपये का सम इंश्योर्ड देता है. इसको ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए 5,00,000 रुपए तक बढ़ाया जा सकता है. जिन लोगों की एनुअल इनकम 4 लाख रुपए तक है वे इस स्कीम के लिए एप्लाई कर सकते हैं.