वित्त मंत्रालय ने शनिवार को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) सहित सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों से वायनाड और केरल के अन्य जिलों में भूस्खलन पीड़ितों तथा उनके परिवारों को दावा राशि का जल्दी से जल्द भुगतान करने को कहा है. वित्त मंत्रालय ने X पर एक पोस्ट में कहा कि बीमा कंपनियों ने वायनाड, पलक्कड़, कोझीकोड, मलप्पुरम और त्रिशूर जिलों में सहायता के लोकल न्यूज पेपर, सोशल मीडिया, कंपनी की वेबसाइट, एसएमएस, आदि के जरिए पॉलिसीधारकों तक पहुंचने के प्रयास शुरू किए हैं. 

वित्त मंत्रालय ने लिखा- 'सभी बीमा कंपनियों को हर संभव मदद के लिए दिए आदेश'

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वित्त मंत्रालय के मुताबिक इन जिलों में बड़ी संख्या में दावे दर्ज किए जा रहे हैं, मंत्रालय ने कहा, ''केरल में दुर्भाग्यपूर्ण भूस्खलन की घटना और भारी बारिश को देखते हुए सरकार ने एलआईसी, राष्ट्रीय बीमा निगम, न्यू इंडिया एश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस सहित सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों को आपदा पीड़ितों को हर संभव मदद देने का आदेश दिया है, ताकि बीमा दावों को तेजी से निपटाया जा सके और भुगतान किया जा सके.' 

जनरल इंश्योरेंस काउंसिल बीमा कंपनियों के साथ करेगी समन्वय

वित्त मंत्रालय के पोस्ट में लिखा कि एलआईसी से पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत पॉलिसीधारकों को दावा राशि का तेजी से वितरण करने के लिए कहा गया है. इसमें आगे कहा गया है कि जनरल इंश्योरेंस काउंसिल बीमा कंपनियों के साथ समन्वय करेगी,ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दावों का तेजी से निपटान हो और उनका भुगतान हो. केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय इस आपदा के पीड़ितों की सहायता करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि उन्हें बिना किसी देरी और परेशानी के जरूरी मदद मिले.

218 हो गई मृतकों की संख्या, 90 महिलाएं, 30 बच्चे शामिल

वायनाड प्रशासन की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक,भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 218 हो गई है. मृतकों में 90 महिलाएं और 30 बच्चे शामिल हैं.  भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में मलबे से अब तक शरीर के 143 अंग भी बरामद किए जा चुके हैं. बयान के अनुसार, 218 शवों में से 152 की पहचान उनके परिजनों ने कर ली है. इसमें कहा गया है कि 217 शवों और शरीर के 143 अंगों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है तथा 119 अवशेष परिजनों को सौंप दिए गए हैं.