Communicable Diseases हैं ग्लोबल कंसर्न, जानें भारत में किन बीमारियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना है जरूरी – चेक करें डीटेल्स
Communicable Diseases ग्लोबल लेवल पर एक बड़ा कंसर्न बनी हुई हैं. कोविड के आने के बाद से इनको लेकर लोगों में अवेयरनेस बढ़ी है. इंश्योरेंस कंपनियां इन बीमारियों से होने वाले खर्चों को कवर करने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॅालिसी लाती रहती हैं.
संचारी रोग (Communicable Diseases) एक ग्लोबल कंसर्न है. रिसर्च से पता चलता है कि दुनिया में लगभग 1.2 बिलियन लोगों को साफ पेयजल, हेल्दी भोजन, हाइजिन और सही तरह से सेनिटाइजेशन न होने के कारण कई तरह के Communicable Disease का खतरा रहता है. भारत में भी कई अलग-अलग तरह के संचारी रोग होते रहते हैं. Communicable Disease इंफेक्टेड पर्सन के साथ डायरेक्ट बॅाडी कॅान्टेक्ट, एयर बॅार्न वायरस, इंफेक्टेड पर्सन के फ्ल्यूड से कॅान्टेक्ट या इंसेक्ट और जानवर के काटने से फैलती हैं. इस तरह की बीमारी माइल्ड से लेकर सीरियस लेवल तक हेल्थ को बिगाड़ सकती हैं. ऐसी बीमारियों का इलाज महंगा हो सकता है. लेकिन एक परफेक्ट हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम आपको किसी भी अचानक मेडिकल एक्सपेंस के लिए तैयार रखेगी. किसी भी अचानक आने वाली हेल्थ इमजेंसी के लिए स्कीम को खरीदने से पहले, उसे ऑनलाइन सर्च करें इसके साथ ही सम इंश्योर्ड का सही सिलेक्शन करें फिर जरुरी प्रीमियम का भुगतान करें. किसी भी तरह की हेल्थ स्कीम खरीदने से पहले आपको उसका प्रीमियम, कवरेज की लिमिट, सब-लिमिट और एक्सक्लूजन का पता होना चाहिए. आपको एक संचारी रोग के लिए वेटिंग पीरियड की भी जांच करनी चाहिए क्योंकि अलग-अलग हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम के अनुसार इनका वेटिंग पीरियड अलग हो सकता है.
भारत में कौन सी बीमरियां हैं बड़ा कंसर्न
COVID-19
COVID-19 या नोवेल कोरोनावायरस SARS-CoV-2 वायरस के कारण हाल ही में खोजी गई एयर बॅार्न डिसीज है. एक COVID-19 इंफेक्टेड आदमी को माइल्ड से मीडियम लेवल की रेसपिरेटरी इलनेस होती है. इसे आराम और दवा से ठीक किया जा सकता है. कोरोनावायरस खासतौर से हवा में ड्रॅापलेट से फैलता है. ये ड्रॅापलेट एक इंफेक्टेड पर्सन की सांस से खांसने और छींकने के दौरान फैलती है. इसके लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम खरीदने की सलाह दी जाती है. जो COVID-19 के ट्रीटमेंट कॅास्ट को कवर करती है.
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टीबी
Tuberculosis जिसे आमतौर पर टीबी के रूप में जाना जाता है, एक एयर बॅार्न बीमारी है. जो 1-5 माइक्रोन के डाईमीटर में ड्रॅापलेट न्यूक्लई से फैलती है. जिस इंसान को पल्मोनरी या लेरिंजल टीबी बैक्टीरिया है वो जब छींकता या खांसता है या फिर बात करता है या हंसता है तो इससे हवा में बैक्टिरिया फैल सकता है. और दूसरे व्यक्ति को इंफेक्ट कर सकता है. टीबी इंसान के फेफड़े और गले को संक्रमित करता है. डॉट्स के तहत इस बीमारी के इलाज का टोटल एक्सपेंस कम है लेकिन ये ट्रीटमेंट लंबे समय तक चलता है. इस कारण ये मरीज और उसके फैमिली पर फाइनेंशियल बोझ बढ़ा सकता है.
हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस शॅार्ट टर्म और क्रॅानिक डिसीज है. ये लिवर की सूजन का कारण बन सकता है. हालांकि हेपेटाइटिस बी, सी, ए और डी इंफेक्टेड पर्सन के ब्लड चढ़ाने से फैलता है. इसके सिम्टम माइल्ड से लेकर सीवियर हो सकते हैं. हेपेटाइटिस में पेट में दर्द, बुखार, भूख न लगना, मितली, उल्टी, गहरे रंग का पेशाब, जोड़ों में दर्द, कमजोरी और थकान हो सकती है. किसी भी तरह के हेपेटाइटिस के लिए सबसे अच्छा इलाज एंटी-वायरल थेरेपी है, जो एक महंगा ट्रीटमेंट है. इसलिए, आपके पास इसके ट्रीटमेंट पर होने वाले मेडिकल एक्सपेंस को कवर करने के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस पॅालिसी होना चाहिए.
ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी)
Human Immunodeficiency Virus (एचआईवी) दुनिया में सबसे ताकतवर और आसानी से फैलने वाली बीमारियों में से एक है. ये इंसान के शरीर में सी डी 4 सेल्स को खत्म कर देता है. जिस कारण इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है. एचआईवी के ट्रीटमेंट में एक स्पेशल दवा शामिल होती है जिसे एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) कहा जाता है, जो महंगी होती है. इसके ट्रीटमेंट कॅास्ट के लिए कवरेज लेने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेने की सलाह दी जाती है.
मलेरिया
मलेरिया प्लास्मोडियम पेरासाइट के कारण होने वाली सबसे आम और खतरनाक communicable बीमारियों में से एक है. ये पेरासाइट एक इंफेक्टेड मच्छर के काटने से हेल्दी बॅाडी में फैलता है. इस बीमारी का प्राइमरी सिम्टम बुखार और ठंड लगना है. मलेरिया 5 साल से कम उम्र के बच्चों में होने वाली एक आम बीमारी है. इस बीमारी का इलाज आपका डॉक्टर इससे रिलेटेड दवाओं से करता है. सीवियर केस में हॅास्पिटल में भर्ती होने की जरुरत पड़ सकती है. इसलिए मलेरिया के लिए हेल्थ इंश्योरेंस होना जरूरी है.
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08:35 AM IST