भूल कर भी न करें ये गलती, नहीं तो रिजेक्ट हो सकता है इंश्योरेंस क्लेम
आप इंश्योरेंस लेते हैं क्योंकि ये अचानक आए खर्चों से निपटने में आपकी मदद करता है. लेकिन कई बार ऐसा हो नहीं पाता क्योंकि क्लेम अटक जाता है. क्लेम अटकने की वजह होती हैं वे गलतियां, जो हम इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त करते हैं.
आप इंश्योरेंस लेते हैं क्योंकि ये अचानक आए खर्चों से निपटने में आपकी मदद करता है. लेकिन कई बार ऐसा हो नहीं पाता क्योंकि क्लेम अटक जाता है. क्लेम अटकने की वजह होती हैं वे गलतियां, जो हम इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त करते हैं.
'जी बिजनेस' के खास कार्यक्रम 'मनी गुरु' (Money Guru) में आपको बताई जाएंगी 5 ऐसी कॉमन गलतियां, जो हम जाने-अनजाने कर बैठते हैं. बाद में इन्हीं गलतियों के कारण हमार क्लेम अटक जाता है.
रूंगटा सिक्योरिटीज के सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर हर्षवर्धन रूंगटा के मुताबिक मेडिकल क्लेम के लिए प्रकिया तय है. मसलन पहले के मेडिकेशन या अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी न देना. क्लेम दस्तावेज समय पर नहीं जमा करना. पॉलिसी लेते वक्त कुछ जानकारी छिपाना.
हेल्थ इंश्योरेंस: कैसे करें क्लेम?
> क्लेम लेने के लिए आपको प्रक्रिया फॉलो करनी होगी
> पॉलिसी लेते वक्त कंपनी से प्रक्रिया को समझ लें
> अस्पताल में भर्ती होते ही इंश्योरेंस कंपनी को जानकारी दें
> अस्पताल से छुट्टी मिलते ही क्लेम फॉर्म जमा कर दें
> आम तौर पर 7, 15 और 30 दिन के अंदर जमा करना होता है
> पॉलिसी लेते वक्त स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी जरूर दें
मोटर इंश्योरेंस
> मोटर इंश्योरेंस गाड़ी के रिपेयरिंग के लिए बेहतर
> इंश्योरेंस वाहन को हुए नुकसान की भरपाई करता है
> अक्सर लोग क्लेम से पहले सर्वे नहीं करवाते
> सर्वे से पहले रिपेयर किया तो क्लेम नहीं मिलेगा
> एक्सिडेंट होने पर घटना की जगह का सर्वे न करना
मोटर इंश्योरेंस: कैसे करें क्लेम?
> पॉलिसी लेते वक्त सभी जानकारी जरूर लें
> क्लेम प्रक्रिया के हर स्टेप के बारे में जानें
> एक्सिडेंट होने पर सर्वे जरूर करवाएं
> एक्सिडेंट की जगह पर सर्वे संभव नहीं तो तस्वीरे लें
> इंश्योरेंस कंपनी को तस्वीरें सौंपें उसके बाद रिपेयर करें
मोटर इंश्योरेंस में एड-ऑन कितना जरूरी?
> आम तौर पर सामान्य मोटर इंश्योरेंस में रिपेयरिंग कवर नहीं
> कार के इंजन, पार्ट्स को सुरक्षित करने के लिए एड-ऑन लें
> आप इंजन प्रोटेक्टर एड-ऑन कवर ले सकते हैं
> इंजन प्रोटेक्टर में इंजन, इलेक्ट्रिक सर्किट को नुकसान कवर
> जीरो डेप्रिसिएशन एड-ऑन भी लेना अच्छा
> प्लास्टिक, रबर, मेटल बदलने पर भी होता है नुकसान
> जीरो डेप्रिसिएशन रिपेयरिंग का खर्च करेगा कवर
क्या है ट्रैवल इंश्योरेंस?
> एक खास अवधि के लिए यह बीमा लिया जाता है
> ट्रैवलिंग से जुड़े खर्च और नुकसान होते हैं कवर
> यात्रा की अवधि बढ़ने पर बीमा की अवधि बढ़ाना संभव है
> यात्री ट्रैवल इंश्योरेंस ऑनलाइन भी ले सकते हैं
> ऑनलाइन लेने से कम लागत में ज्यादा कवरेज मिलता है
कैसे अटकता है क्लेम?
> ट्रैवल इंश्योरेंस लेते वक्त पॉलिसी डॉक्युमेंट न पढ़ना
> विदेश यात्रा में इंश्योरेंस डॉक्युमेंट साथ में न रखना
> कुछ नुकसान होने पर बिना किसी प्रूफ के क्लेम करना
> मेडिकल इमरजेंसी के दौरान बिल साथ न रखना
ट्रैवल इंश्योरेंस: क्लेम कैसे करें?
> हॉलिडे पर जाते वक्त सभी जरूरी दस्तावेज साथ रखें
> सामान खोने, फ्लाइट लेट होने पर PIR देनी होती है
> PIR यानि प्रॉपर्टी इरेगुलेटरी रिपोर्ट
> PIR इंश्योरेंस कंपनी के पास जमा करना होगा
> हॉलिडे के दौरान आए अनचाहे खर्च के प्रूफ रखना
> हॉस्पिटल समेत अन्य खर्चों के बिल अपने पास रखें
> नुकसान होने पर तुरंत इंश्योरेंस कंपनी को मेल कर दें
क्या है होम इंश्योरेंस?
> घर की सुरक्षा के लिए होता है होम इंश्योरेंस
> घर और घर में रखा सामान होता है कवर
> घर को नुकसान होने पर इंश्योरेंस करेगा भरपाई
> कई पॉलिसी में होम लोन भी होता है कवर
कैसे अटकता है क्लेम?
> घऱ और घर में रखे सामान की वैल्यू कम आंकना
> कम वैल्यू के आधार पर होम इंश्योरेंस लेना
> क्लेम प्रॉपर्टी की मौजूदा वैल्यू के आधार पर होता है
> ऐसे में बिना सोचे-समझे ज्यादा प्रीमियम वाला प्लान लेना
क्लेम कैसे करें?
> घर को हुए नुकसान की सही-सही रिपोर्ट दें
> घर में चोरी होने पर सामान की सही वैल्यू बताएं
> आग, प्राकृतिक आपदा को देखते हुए पॉलिसी लें
> कई पॉलिसी में होम लोन भी होता है कवर
> पॉलिसी लेते वक्त पॉलिसी डॉक्युमेंट जरूर पढ़ें
पूरी जानकारी दें
> आप कोई भी इंश्योरेंस पॉलिसी लें
> हमेशा पूरी और सही जानकारी दें
> गलत, अधूरी जानकारी देना सही नहीं
> गलत जानकारी देने पर क्लेम अटकेगा
> इंश्योरेंस लेते वक्त कुछ भी न छुपाएं
प्रपोजल फॉर्म पूरा भरें
> प्रपोजल फॉर्म सावधानी से भरें
> पूरी डिटेल समझें फिर लिखें
> कोई भी गलत जानकारी दर्ज न करें
> समझ न आए तो सवाल करें
> हर आशंका का समाधान जरूर करें
कहां शिकायत करें?
> हर कंपनी का ग्रीवेंस सेल होता है
> विवाद होने पर ग्रीवेंस सेल में शिकायत करें
> सेल के जवाब से संतुष्ट नहीं
> सेल से 30 दिन के भीतर जवाब नहीं आया
> ऐसे में इंश्योरेंस लोकपाल के पास शिकायत करें
> इंश्योरेंस लोकपाल के फैसले से भी खुश नहीं
> आप कंज्यूमर कोर्ट का रुख कर सकते हैं
> IRDAI का ऑनलाइन ग्रीवेंस मैनेजमेंट सेल है
> www.igms.irda.in पर शिकायत करें
कितने वक्त में विवाद का निपटारा?
> इंश्योरेंस लोकपाल 3 महीने में देगा आदेश
> मामले ज्यादा होने पर अवधि बढ़ सकती है
> पॉलिसीहोल्डर पर कोई खर्च नहीं आएगा
> इंश्योरेंस लोकपाल 30 लाख रुपए तक के विवादों को सुनता है