7वां वेतन आयोग : कर्मचारियों को इतना वेतन दिलाने के लिए संगठन कर रहे वादा, जानिए क्या है कारण
रेलवे कर्मचारी संगठनों के चुनाव इस बार 28 व 29 अगस्त को होने निर्धारित हुए हैं. इस बार यूनियनों के चुनाव में 7 वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन को बढ़ा कर 26000 किया जाना मुख्य मुद्दा बना हुआ है.
रेलवे कर्मचारी संगठनों के चुनाव इस बार 28 व 29 अगस्त को होने निर्धारित हुए हैं. इस बार यूनियनों के चुनाव में 7 वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन को बढ़ा कर 26000 किया जाना मुख्य मुद्दा बना हुआ है. चुनाव को ध्यान में रखते हुए सभी कर्मचारी संगठन अपने किए हुए कामों व आने वाले दिनों में कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गईं मांगों को ले कर कर्मचारियों के बीच जा रहे हैं.
न्यूनतम वेतन को बढ़ाए जाने की मांग
नॉर्दन रेलवे मेन्य यूनियन के दिल्ली मंडल के महामंत्री अनूप शर्मा ने बताया कि 7 वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 26000 किए जाने की मांग संगठनो की ओर से रखी गई थी. जबकि 7 वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन को 18000 रुपये रखा गया. कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन 26000 किए जाने की मांग जायज है और इसके लिए आने वाले दिनों में संघर्ष किया जाएगा.
मां व पिता को मिले ये सुविधा
शर्मा ने बताया कि इस बार NRMU चुनावों में कर्मचारियों के माता व पिता को मेडकल सुविधा व पास दिलाने के वादे के साथ जाएगी. रेलवे में फिलहाल यह व्यवस्था है कि किसी कर्मचारी के पिता की मृत्यु हो जाने पर ही उसकी मां को मेडिकल व पास की सुविधा मिलती है. जबकि यूनियन की मांग है कि कर्मचारी पर आश्रित उसके माता व पिता को मेडिकल व पास की सुविधा अनिवार्य तौर पर मिलनी चाहिए.
न्यू पेंशन स्कीम को खत्म करना होगा मुख्य मुद्दा
रेलवे के सभी कर्मचारी संगठन काफी समय से न्यू पेंशन स्कीम को खत्म कर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किए जाने की मांग को ले कर आंदोलन कर रहे हैं. इन चुनावों में भी न्यू पेंशन स्कीम काफी बड़ा मुद्दा रहने वाला है. कर्मचारी संगठनों की ओर से कर्मचारियों के सामने रोडमैप भी पेश किया जाएगा कि कैसे वे पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल कराएंगे.