रेलवे मंत्रालय की आम लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बैंकों की ATM को ले कर एक नीति जारी की गई है. इस नीति के तहत ATM मशीनों को यात्रियों वे रेल कर्मचारियों के लिए आवश्यक सुविधा माना गया है. ऐसे में रेलवे ने अपनी पुरानी नीति में बदलाव करते हुए रेलवे स्टेशनों, कॉलोनियों व ट्रेनिंग सेंटरों में लगने वाली एटीएम मशीनों पर अब तक लगने वाले शुल्क को समाप्त कर दिया है. अब तक रेलवे परिसर में कही भी ATM लगाने पर बैंकों को जिस जमीन पर मशीन लगानी होती थी उस जमीन की बाजार कीमत का 06 से 07 फीसदी तक मूल्य किराए के तौर पर देना होता था.

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रेलवे के इन अधिकारियों को दिए गए अधिकार

रेलवे की ओर से ATM मशीनों को ले कर जारी की गई पॉलिसी के तहत सभी महाप्रबंधकों व मंडल रेल प्रबंधकों को ये अधिकार दिए गए हैं कि वो सरकारी बैंकों या शिडियूल्ड निजी बैंकों को पारदर्शी तरीके से एटीएम के लिए जगह उपलब्ध करा सकते हैं. टेंडर के दौरान जो भी बैंक सबसे अधिक लाइसेंस फीस देने को तैयार होगा उसे ही एटीएम लगाने के लिए जगह दे जाएगी.

 

रेलवे ATM लगाने के लिए देगा जमीन

रेलवे बैंकों को एटीएम लगाने के लिए सर्फ निर्धारित नियमों के तहत जगह देगा. वहां एटीएम लगाने मेंटिनेंस व सफाई की जिम्मेदारी बैंक की होगी. रेलवे की ओर से एटीएम के लिए बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा जिसके लिए बैंकों को आने वाले बिल को भरना होगा. सामान्य तौर पर एटीएम मशीनें 05 साल के लिए लगाने की अनुमति दी जाएगी. इसके बाद आवश्यक्ता अनुसार इस कांट्रेक्ट को आपसी सहमति से बढ़ाया भी जा सकता है.